विद्यालय में कृमि की दवा खाने के बाद एक दर्जन बच्चे हुए बीमार
- फारबिसगंज के शायरा नगर स्थित प्राथमिक विद्यालय में घटना से मची अफरातफरी - विद्यालय के प्र
- फारबिसगंज के शायरा नगर स्थित प्राथमिक विद्यालय में घटना से मची अफरातफरी
- विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक के द्वारा बच्चों को खिलाया गया था कृमि की दवा
- घटना के बाद सभी बच्चों का अनुमंडल अस्पताल में चल रहा है इलाज
-खाली पेट में एल्बेंडाजोल की दवा खाने से बच्चों की तबीयत बिगड़ी
फोटो नंबर 19 एआरआ 267
कैप्शन: अस्पताल में इलाजरत बच्चे
संवाद सूत्र, फारबिसगंज,(अररिया): फारबिसगंज के शायरा नगर वार्ड संख्या 8 स्थित नवसृजित प्राथमिक विद्यालय में सोमवार को कृमि की दवा खिलाने से एक दर्जन से अधिक बच्चे की तबीयत खराब हो गई। आनन-फानन में सभी बच्चों को अनुमंडल अस्पताल पहुंचाया गया जहां सभी बच्चे इलाजरत हैं। बीमार बच्चों में मोहम्मद हजरत 12 वर्ष, मोहम्मद साबिर 10 वर्ष, निखत खातून 11 वर्ष, तरन्नुम परवीन 10 वर्ष, मोहम्मद शमशाद 10 वर्ष, रोहित कुमार 11 वर्ष, गुलशन प्रवीण 12 वर्ष, सहाना परवीन 9 वर्ष, सहाबुद्दीन 10 वर्ष, मोहम्मद समीर 9 वर्ष, मोहम्मद शाहिद 11 वर्ष, पाकीजा 13 वर्ष एवं गुलनाज परवीन 13 वर्ष शामिल है। सभी स्थानीय वार्ड संख्या 8 बच्चे के ही निवासी हैं। घटना के बाद बच्चों की तबीयत बिगड़ता देख विद्यालय से सभी शिक्षक बच्चों को छोड़कर फरार हो गए। घटना के संदर्भ में बताया जाता है कि विद्यालय में लगभग 12 बजे प्रभारी प्रधानाध्यापक मोहम्मद रब्बान के द्वारा सभी बच्चों को कृमि की अल्बेंडाजोल दवा खिलाया गया था। दवा खिलाने के बाद बच्चों की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी और बच्चे मूर्छित होकर जमीन पर गिरने लगे। हंगामा होने पर जब स्थानीय ग्रामीणों में मोहम्मद जाहिद, नीरज निराला, एके आनंद ,पंकज यादव आदि पहुंचे तो विद्यालय के सभी शिक्षक व प्रभारी प्रधानाचार्य गायब हो गए। स्थानीय लोगों के द्वारा सभी बच्चों को रिक्शा एवं आटो पर लादकर अनुमंडल अस्पताल पहुंचाया गया। बच्चों को 18 फरवरी को ही कृमि की दवा खिलाना था। उन्होंने बताया कि सभी बच्चे फिलहाल ठीक है। इधर मोबाइल पर प्रभारी प्रधानाध्यापक मोहम्मद रब्बान से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि उनके द्वारा 15 बच्चों को कृमि की दवा खिलाया गया था। बच्चों ने बताया कि वह नाश्ता करके आए हैं जिसके बाद बच्चों को उनके द्वारा दवा खिलाया गया था। लेकिन आक्रोशित ग्रामीणों और माता पिता का कहना था कि बच्चों को बीमार देख उन्हें अस्पताल ले जाना चाहिए न कि शिक्षकों को स्कूल छोड़कर फरार हो जाना चाहिए।
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अनुमंडल अस्पताल में बच्चों को इलाज के लिए लाया गया है जहां सभी बच्चों का इलाज जारी है। कृमि की दवा बच्चों को खाली पेट नहीं खिलाया जाता है। बच्चों को खाली पेट दवा खिलाने के कारण ही बच्चों की ऐसी हालत हुई।
चिकित्सक डॉ विजय कुमार,
अनुमंडल अस्पताल, अररिया