संशोधित: सीएस और डीपीएम के वेतन पर डीएम ने लगाई रोक लीड पेज तीन
फोटो नंबर 14 एआरआर 275 कैप्शन: स्वास्थ्य विभाग की बैठक करते -टीकाकरण से वंचित दो
फोटो नंबर 14 एआरआर 275
कैप्शन: स्वास्थ्य विभाग की बैठक करते
-टीकाकरण से वंचित दो वर्ष तक बच्चों का आठ जुलाई तक नहीं हो सकी पहचान
-विश्व स्वास्थ्य संगठन के सर्वे में 14 फीसद बच्चे हैं वंचित
-जुलाई के अंत तक 25 सौ उप स्वास्थ्य केंद्रों चलेगा सर्वे
संवाद सूत्र, अररिया: टीकाकरण से दो वर्ष तक के 14 फीसद बच्चे जिले में वंचित हैं। इन बच्चों की पहचान आठ जुलाई तक करनी थी जो नहीं हो सका है। इसे लेकर सीएस और डीपीएम के वेतन पर डीएम ने शनिवार को रोक लगा दी। सरकार का लक्ष्य
शत-प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण है। यह जानकारी देते हुए सूत्रों ने बताया कि शनिवार को
जिला आत्मन कक्ष में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ टीकाकरण से वंचित बच्चों के सर्वे के लक्ष्य को लेकर डीएम ने समीक्षा की। जिसमें उन्होंने कहा कि टीकाकरण से वंचित बच्चों की पहचान 560 गांवों में आठ जुलाई तक करनी थी लेकिन अब तक मात्र 68 फीसद गांवों का सर्वे हुआ है। उन्होंने इसे संज्ञान में लेते हुए हुए कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के सर्वे के अनुसार अररिया जिले में अभी भी 14.4 फीसद बच्चे टीकाकरण से वंचित हैं। इसीके चलते देश के 115 अति पिछड़े जिले में पिछड़ते हुए अरिरया 60वें स्थान पर पहुंच गया। उन्होंने सिविल सर्जन व डीपीएम की वेतन पर रोक लगाते हुए सख्त निर्देश दिया कि जुलाई अंत तक छूटे हुए बच्चों का टीकाकरण रते हुए 90 फीसद टीकाकरण कार्य को पूरा करना है। समीक्षा के दौरान चिकेन पॉक्स व डिप्थीरिया का लक्षण बच्चों में मिलने पर उन्होंने इसके कारणों की जानकारी ली। गौरतलब है कि शून्य से दो वर्ष तक के शत-प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण होना था जिसमें छूट गए बच्चों को चिन्हित करने का लक्ष्य आठ तक निर्धारित किया गया था जो 14 जुलाई तक पूर्ण नहीं हो सका है। सभी 2500 उप स्वास्थ्य केंद्रों के वंचित बच्चों की पहचान करते हुए 30 जुलाई तक टीकाकरण कार्य 90 फीसद करना है। सर्वे कार्य में सीडीपीओ, एलएस, आंगनबाड़ी कर्मी,एएनएम व आशा को करना है। बैठक में सिविल सर्जन डॉ. रामाधार चौधरी, एसीएमओ डॉ. ललन प्रसाद ¨सह, डीपीएम रेहान, डीआइओ केके कश्यप, एडीपीआरओ गुप्तेश्वर कुमार व सभी सीडीपीओ मौजूद थे।