Goodyear ने लॉन्च किया हाइड्रोट्रेड टेक्नोलॉजी वाला टायर, चांद पर इसी कंपनी का था पहला टायर
गुडईयर ने भारत में अपना एश्योरेंस ट्रिपलमैक्स 2 (ATM 2) रेंज का टायर लॉन्च कर दिया है
नई दिल्ली (अंकित दुबे)। गुडईयर ने भारत में अपना एश्योरेंस ट्रिपलमैक्स 2 (ATM 2) रेंज का टायर लॉन्च कर दिया है। यह टायर 14,15 और 16 इंच के साइज में उपलब्ध है। एश्योरेंस ट्रिपममैक्स 2 पहला ऐसा टायर है जिसमें हाइड्रोट्रेड टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है, जिसकी वजह से यह टायर कंफर्ट, सेफ्टी और परफॉर्मेंस के तौर पर ज्यादा बेहतर माना जा रहा है। कंपनी ने यह टायर गुडईयर की 120वीं वर्षगांठ पर लॉन्च किया है। बता दें गुडईयर पहली ऐसी कंपनी ने जिसका टायर चंद्रमा पर पहुंचा था और भारत में भी सबसे पहला ट्यूबलेस रेडियल्स इसी कंपनी ने लॉन्च किया था।
एश्योरेंस ट्रिपलमैक्स 2 इस वक्त जिन साइज में उपलब्ध है, उनमें - 175/65 R14, 175/70 R14, 185/65 R14, 185/70 R14, 175/65 R15, 185/60 R15, 195/60 R15, 195/65 R15 और 205/55 R16 शामिल हैं। इसमें कंपनी एक और साइज 185/55 R16 को नवंबर 2018 तक लॉन्च करेगी। बता दें ट्रिपलमैक्स 2 मौजूदा एश्योरेंस ट्रिपलमैक्स को रिप्लेस करेगा और इसकी कीमत पुराने टायर के आसपास ही होगी।
गुडईयर के वाइस-प्रेजिडेंट (कंज्यूमर बिजनेस), पी के वालिया ने कहा, "टायर टेक्नोलॉजी में अग्रणी रूप में हम उपभोक्ताओं के लिए ड्राइविंग एक्सपीरियंस को बेहतर बनाने के लिए बेहतर उत्पादों को नवाचार और विकसित करने के लिए खुद को चुनौती देते हैं और इस साल हम अपनी 120 वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। चांद पर पहले टायर्स से लेकर भारत में पहले ट्यूबलेस टायर्स तक, गुडईयर हमेशा टेक्नोलॉजी नवाचार के लिए आगे रहा है औह हम डिजाइन करने और ग्राउंड ब्रेकिंग टेक्नोलॉजी के साथ हाई-परफॉर्मेंस टायर्स का उत्पादन करने की इच्छा करते हैं। हमें विश्वास है कि नया एश्योरेंस ट्रिपलमैक्स 2 ड्राइवरों को बेहतर वेट ब्रेकिंग (गीली सड़कों पर बेहतर ब्रेकिंग) और हैंडलिंग परफॉर्मेंस को संभालने के अनुभव करने की अनुमति देगा।"
एश्योरेंस ट्रिपलमैक्स 2 की हाइड्रोट्रेड टेक्नोलॉजी में क्या है खास?
- इस टेक्नोलॉजी से गीली सड़कों पर बेहतर ब्रेकिंग परफॉर्मेंस मिलेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें ऐसी खास तकनीक का इस्तेमाल किया गया है जो पानी में भी इसकी ग्रिप को बढ़ा देती हैं।
- हाइड्रोट्रेड टेक्नोलॉजी से टायर की बेहतर कॉर्नरिंग और हैंडलिंग परफॉर्मेंस बढ़ जाती है जिसके चलते ड्राइविंग का अच्छा अनुभव मिलता है।
- इस टेक्नोलॉजी के चलते टायर लंबे समय तक शोर नहीं देता और आरामदायक ड्राइव का अनुभव प्रदान करता है।
चांद पर पहला टायर इसी कंपनी का था:
1970 अपोलो 14 मून लेंडर में गूडईयर के XLT टायर्स का इस्तेमाल किया गया था। वहीं, 1983 में पहले कमर्शियल एयरक्राफ्ट में लगने वाला टायर भी गुडईयर का ही था।