Move to Jagran APP

10 साल पुरानी डीजल कार अब नहीं होगी कबाड़, फिटनेस रही तो इलेक्ट्रिक में करवा सकते हैं तब्दील

परिवहन विभाग आंतरिक दहन इंजन (आईसीई) को इलेक्ट्रिक के लिए रेट्रोफिटिंग के लिए इलेक्ट्रिक किट के निर्माताओं को सूचीबद्ध करेगा। परिवहन विभाग के अनुसार डीजल वाहन में इलेक्ट्रिक किट लग जाने के बाद वाहन मालिक 10 साल बाद भी दिल्ली-एनसीआर में अपने वाहन चला सकते हैं।

By Atul YadavEdited By: Published: Thu, 25 Nov 2021 11:16 AM (IST)Updated: Fri, 26 Nov 2021 03:18 PM (IST)
10 साल पुरानी डीजल कार अब नहीं होगी कबाड़, फिटनेस रही तो इलेक्ट्रिक में करवा सकते हैं तब्दील
10 साल पुरानी डीजल कार अब नहीं होगी कबाड़, फिटनेस रही तो इलेक्ट्रिक में करवा सकते हैं तब्दील

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों हवा की गुणवत्ता काफी खराब है, जिससे आम-जनमानस को सांस लेने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं कई लोगों को वायु प्रदूषण के चलते अस्पताल के भी चक्कर काटने पड़ रहे हैं। वायु प्रदूषण से जल्द निजात पाने के लिए सरकार भी तेजी से काम कर रही है। दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत 10 साल पुरानी डीजल गाड़ी को इस्तेमाल करने का रास्ता साफ कर दिया है। डीजल वाहन में इलेक्ट्रिक किट लग जाने के बाद वाहन मालिक 10 साल बाद भी दिल्ली-एनसीआर में अपने वाहन चला सकते हैं।

loksabha election banner

दिल्ली के ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर कैलाश गहलोत ने अपनी ट्विटर पोस्ट के जरिए कहा, "दिल्ली अब इंटरनल कंब्शन इंजन (ICE) की इलेक्ट्रिक रेट्रोफिटिंग के लिए तैयार है। अगर आपका डीजल वाहन फिट पाया जाता है तो उसे इलेक्ट्रिक इंजन में बदल सकते हैं। जल्द ही विभाग इलेक्ट्रिक किट बनाने वाली कंपनियों की लिस्ट शेयर करेगा। इसके जरिए 10 साल बाद भी डीजल गाड़ियों का इस्तेमाल किया जा सकेगा।"

ऐसी होगी प्रक्रिया

डीजल कार में इलेक्ट्रिक किट तभी लगाने की इजाजत मिलगी, जब टेस्टिंग एजेंसी डीजल कार इंजन के फिटनेस को चेक करके अप्रूव करेगी। एक बार अप्रूवल मिलने के बाद ही वाहन मालिक अपने इंजन को चेंज करने समर्थ होंगे। हालांकि, अभी तक परिवहन विभाग के तरफ से टेस्टिंग एजेंसी के लिस्ट जारी नहीं हुए हैं। विभाग का कहना है कि इलेक्ट्रिक किट बनाने वाली कंपनियों की लिस्ट जल्द शेयर किया जाएगें।

क्या आ सकता है खर्चा

डीजल इंजन में इलेक्ट्रिक रेट्रोफिटिंग के अभी ऑफिसियल रेट डिसाइड नहीं हुए हैं। लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इलेक्ट्रिक किट लगवाने के लिए वाहन मालिक को अनुमानित 4-6 लाख रुपये खर्च करना पड़ सकता है। बताया जा रहा है कि सबसे पहले कार से डीजल इंजन को निकाला जाएगा, और इस जगह का इस्तेमाल एक इलेक्ट्रिक मोटर, हाई-वोल्टेज वायरिंग सर्किट और कंट्रोल यूनिट फिट करने के लिए किया जाएगा, जिसमें काफी खर्चा आ सकता है। अगर आपके वाहन में इलेक्ट्रिक इंजन लग जाता है तो आपको अपने घर पर चार्जिंग सेटअप भी इंस्टॉल करना होगा।

आपको बता दें, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल 2015 और सुप्रीम कोर्ट 2018 द्वारा जारी आदेशों के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में 10 साल से अधिक पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन नहीं चल सकते हैं। फिलहाल दिल्ली में 38 लाख पुरानी गाड़िया हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.