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गलत तरीकों से किए गए टेस्ट को लेकर यामाहा, सुजुकी और माज्दा ने माफी मांगी

माज्दा, यामाहा और सुजुकी ने अपने वाहनों के गलत तरीकों से किए एमिशन और फ्यूल इकॉनमी टेस्ट को लेकर माफी मांगी है।

By Pramod KumarEdited By: Published: Thu, 16 Aug 2018 11:00 AM (IST)Updated: Thu, 16 Aug 2018 11:00 AM (IST)
गलत तरीकों से किए गए टेस्ट को लेकर यामाहा, सुजुकी और माज्दा ने माफी मांगी

नई दिल्ली (ऑटो डेस्क)। माज्दा मोटर कॉर्प, सुजुकी मोटर कॉर्प और यामाहा मोटर कंपनी ने अपने वाहनों के गलत फ्यूल इकॉनमी और एमिशन टेस्ट किए हैं। जापान सरकार द्वारा इन कंपनियों को अपने ऑपरेशन्स की जांच करने के आदेश के बाद इन गड़बड़ियों का पता चला है। जांच में गड़बड़ी होने के बाद इन कंपनियों ने माफी मांगी है।

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कंपनियों द्वारा टेस्ट में गड़बड़ी की खबरों ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा था। इससे पहले 2015 में फॉक्सवैगन ने एमिशन टेस्ट पास करने के लिए अपनी लाखों डीजल कारों में एक सीक्रेट सॉफ्टवेयर इंस्टाल किया था। हालांकि, इन जापानी कंपनियों ने कोई कानून नहीं तोड़ा है, लेकिन टेस्ट पास करने के लिए गड़बड़ी की खबरों ने कंपनियों की इमेज पर बुरा असर डाला है। सुजुकी, माज्दा और यामाहा ने गलत तरीकों से टेस्ट में पास हुए वाहनों को भी बिक्री के लिए पास कर दिया। ये कंपनियां अपने वाहनों में 2012 से गलत तरीके से टेस्ट कर रही है।

रिकॉल नहीं होंगी कारें

हालांकि, इन कंपनियों के जापान में बेचे गए वाहनों में एमिशन और फ्यूल इकॉनमी को लेकर कोई बड़ी समस्या सामने नहीं आई है और ना ही कंपनियों ने कारों को रिकॉल करने का फैसला किया है।

जापान की चौथी सबसे बड़ी कंपनी सुजुकी ने कहा कि जून 2012 से अब तक 12,819 सैंपल व्हीकल्स के फ्यूल इकॉनमी और एमिशन टेस्ट किए गए हैं। इनमें से लगभग 50 फीसद टेस्ट गलत तरीके से किए गए हैं। सुजुकी के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर तोशिहीरो सुजुकी ने कहा कि हम इसके लिए माफी मांगते हैं और कोशिश करेंगे कि ऐसा फिर ना हो। माज्दा ने कहा कि उसके 4 फीसद टेस्ट में अनियमितताएं हुई हैं। यामाहा ने अपने 2 फीसद टेस्ट में गड़बड़ी होने की बात कही है।

टेस्ट में गड़बड़ी होने की बात के बाद सुजुकी और यामाहा के शेयर क्रमशः 6 और 5 फीसद और माज्दा के शेयर एक प्रतिशत गिर गए। पिछले महीने निसान ने जापान में बेचे गए अपने 19 व्हीकल मॉडल के एमिशन और फ्यूल इकॉनमी टेस्ट में गलत तरीकों को सहारा लेने की बात स्वीकार थी।


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