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इसलिए अम्बेस्डर छोड़कर BMW की सवारी करने लगे थे पूर्व PM अटल बिहारी वाजपेयी

केंद्र सरकार ने 2002 में ऐसी चार बख्तरबंद BMW 7 सीरीज सेडान के लिए आदेश दिया जो बम, गोलियों के साथ-साथ जहरीले गैसों से बचाव कर सके

By Ankit DubeyEdited By: Published: Fri, 17 Aug 2018 06:32 PM (IST)Updated: Sat, 18 Aug 2018 09:09 AM (IST)
इसलिए अम्बेस्डर छोड़कर BMW की सवारी करने लगे थे पूर्व PM अटल बिहारी वाजपेयी
इसलिए अम्बेस्डर छोड़कर BMW की सवारी करने लगे थे पूर्व PM अटल बिहारी वाजपेयी

नई दिल्ली (ऑटो डेस्क)। भारत के सबसे सम्मानित पॉलिटिकल फिगर्स में से एक, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने बुधवार को दुनिया को अलविदा कह दिया। वाजपेयी जी काफी लंबे समय से बिमार चल रहे थे। दिल्ली के एम्स अस्पताल में 11 जून को उन्हें भर्ती कराया गया और 16 अगस्त 2018 को 93 साल की उम्र में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। बता दें अटल बिहारी वाजपेयी जी देश के पहले प्रधानमंत्री थे जिन्होंने भारत की हिन्दुस्तान अम्बेस्डर को को छोड़कर फुली आर्मर्ड BMW की सवारी करना शुरू की।

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इसके पहले देश के प्रधानमंत्री हमेशा अपनी यात्रा के दौरान हिन्दुस्तान अम्बेस्डर की ही सवारी करते थे। यह 1999 से 2004 के बीच वाजपेयी के तीसरे कार्यकाल के दौरान था, कि कार ने आधे रास्ते में ही देश के प्रतिनिधि की सुरक्षा पर सावल खड़े कर दिए। इसके अलावा दिसंबर 2001 को हुए संसद पर हमलों के चलते सुरक्षा को लेकर और ज्यादा सोचा जाने लगा। इसके बाद देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा का जिम्मा स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) को सौंपा गया, जिसके बाद SPG ने फुली आर्मर्ड BMW 7 सीरीज सेडान को प्रधानमंत्री के समक्ष रखा, जिसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने अपनी यात्रा करनी शुरू कर दी।

केंद्र सरकार ने 2002 में ऐसी चार बख्तरबंद BMW 7 सीरीज सेडान के लिए आदेश दिया जो बम, गोलियों के साथ-साथ जहरीले गैसों से बचाव कर सकें। प्रत्येक कार की कीमत 5 करोड़ रुपये थी। इसके अलावा यह कार एक ऑटोमैटिक आग बुझाने की प्रणाली से लैस थी। कार में फ्लैट टायर्स भी लगाए गए थे, जिसके चलते पंक्चर पर भी 80kmph की रफ्तार पर दौड़ने में सक्षम थी। इसके अलावा यह कार फैक्ट्री-फिटेड के साथ बुलेट रेसिस्टेंट विंडशिल्ड, डोर विंडो और रियर विंडशिल्ट से लैस थी।

BMW 740i में V8 पेट्रोल इंजन लगा हुआ था। जिसके चलते यह कार 0 से 100 kmph की रफ्तार पकड़ने में 6.7 सेकंड़ का वक्त लेती थी। अटल बिहारी वाजपेयी के बाद BMW की बख्तरबंद गाड़ी में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सावरी की है।


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