साल 2017 में फॉक्सवैगन ने पुणे प्लांट में बनाए डेढ़ लाख से अधिक वाहन, फोर्ड दे रही निर्यात पर जोर
फॉक्सवैगन ने 2017 में पुणे प्लांट में 1,50,150 कारें बनाई हैं। वहीं फोर्ड अपने प्लांट से निर्यात पर ज्यादा जोर दे रही है
नई दिल्ली (ऑटो डेस्क)। फॉक्सवैगन ने भारत के पुणे प्लांट में 2009 के बाद अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड बनाया है। कंपनी ने 2017 में पुणे प्लांट में 1,50,150 कारे बनाई हैं। कंपनी के मुताबिक यह घरेलू बिक्री और निर्यात में बढ़ोतरी के चलते संभव हो सका है। फॉक्सवैगन के पुणे प्लांट में फॉक्सवैगन पोलो, एमियो, वेंटो और स्कोडा रैपिड को बनाया जाता है। इसके अलावा इस प्लांट में 1.5 लीटर और 2.0 लीटर डीजल इंजनों को भी बनाया जाता है।
पुणे प्लांट में साल 2017 के दौरान फॉक्सवैगन और स्कोडा ने मिलकर घरेलू बाजार के लिए 57,000 यूनिट्स का निर्माण किया। इसके अलावा एक्सपोर्ट के लिए फॉक्सवैगन ने पोलो और वेंटो की 93,100 यूनिट्स बनाई। कुल मिलाकर इस प्लांट के जरिए 870,000 यूनिट्स को रोल आउल किया गया है।
फोर्ड ने साणंद प्लांट से किया 78,930 वाहनों का निर्यात:
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चर्स (सियाम) के आंकड़ों के अनुसार फोर्ड फिगो का निर्यात वित्त वर्ष 2016-17 में 214 फीसद बढ़कर 49,901 वाहन हो गया है जो इससे बीते वित्त वर्ष 15,877 वाहन था। वहीं, फोर्ड एस्पायर का निर्यात वित्त वर्ष 2016-17 में 160 फीसद बढ़कर 29,029 वाहन हो गया। इससे बीते वित्त वर्ष यह 11,152 वाहन था। कुल मिलाकर फोर्ड इंडिया ने अपने साणंद प्लांट से 78,930 गाड़ियों का निर्यात किया।
चेन्नई प्लांट से किया 79,539 वाहनों का निर्यात:
फोर्ड इंडिया का चेन्नई प्लांट काफी पुराना है जहां से उसने अपने लोकप्रिय मॉडल इकोस्पोर्ट के 79,539 यूनिट्स का निर्यात किया है। कंपनी ने इन मॉडलों का निर्यात लैटिन अमेरिका, पश्चिम एशिया और अफ्रीका के बाजारों को किया है।