नासा इंजिनियर के साथ मिलकर ऊबर बनाएगा फ्लाइंग कारें, ट्रैफिक जाम से मिलेगी राहत
उड़ने वाली कारों का सपना अब हकीकत का रूप ले सकता है।
नई दिल्ली: उड़ने वाली कारों के बारे में लगातार खबरें आती रही हैं। फिल्मों में भी हमने उड़ने वाली कारों को देखा है। पर हकीकत में यह तस्वीर साफ़ नहीं हुई है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी की उड़ने वाली कारों का सपना अब हकीकत का रूप ले सकता है।
अगले 3 साल में हम सभी उड़ने वाली कारों को आसमान में देखें अगर ऐसा हुआ तो ट्रैफिक जाम से तो काफी राहत मिलेगी।
कैसे होगा सपना सच
नासा के इंजिनियर्स को ऊबर कंपनी ने फ्लाइंग कारों को बनाने के लिए बुलाया है। ये इंजिनियर्स ऐसी कारों का निर्माण करेंगे जो फ्लाइंग टैक्सीज ड्रोन हेलिकॉप्टर तर्ज पर होंगी और पूरी तरह से इलेक्ट्रिक भी होगीं। हमें जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक ये लोग साल में 12 कारें बनायेगें जिनमें करीब 15 करोड़ रुपये तक का खर्च आएगा। यानी प्रत्येक कार पर करीब 1.25 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
इन कारों की स्पीड 150km होगी। ऊबर कंपनी को लगता है कि वह जल्द ही उड़ती कारें लाने में सफल होगी। और ऐसा एअरक्राफ्ट इंजिनियर मार्क मोरे (नासा इंजिनियर) के आने से संभव हो पायेगा। आपको बता दें की मार्क मोरे को नासा में करीब 30 साल का अनुभव है और अब ऊबर के साथ जुड़कर इस प्रॉजेक्ट के डायरेक्टर भी बन गए हैं। सोर्स से मिली जानकारी के मुताबिक इस प्रोजेक्ट का नाम ऊबर ऐलिवेटड फ्लाइंग टैक्सी सर्विस रखा गया है।
*सांकेतिक तस्वीरें