नए Motor Vehicles Act का दिखा सबसे बड़ा असर, 23000 रुपये कटा इस आदमी का चालान
हरियाणा Traffic Police की तरफ से दिल्ली के रहने वाले दिनेश मदान का 23000 रुपये का चालान काटा गया है
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। ट्रैफिक नियमों (Traffic Rules) को तोड़ने पर कई बार ट्रैफिक पुलिस (Traffic Police) की तरफ से एक साथ कई चालान काटे जाते हैं। ऐसे में क्या आपने कभी सोचा है कि एक आदमी का एक बार में कितना ट्रैफिक चालान (Traffic Challan) कट सकता है? अगर आपने अंदाजा लगा लिया हो, तो चलिए हम आपको एक ऐसी खबर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां ट्रैफिक पुलिस ने 23000 रुपये तक का चालान काट दिया है। दरअसल 1 सितंबर 2019 से नया Motor Vehicles Act पूरे देशभर में लागू हो गया है। इस कानून में ट्रैफिक के नियमों को तोड़ने पर लोगों को 10 गुना तक ज्यादा चालान भरना पड़ रहा है।
किसका कटा 23000 रुपये का चालान?
दरअसल दिल्ली के गीता कॉलोनी इलाके में रहने वाले दिनेश मदान का गुड़गांव में 23 हजार रुपये का चालान कटा है। ट्रैफिक पुलिस की तरफ से यह चालान गुड़गांव के जिला कोर्ट के पास काटा गया।
इन चीजों के लिए कटा चालान
- बिना ड्राइविंग लाइसेंस गाड़ी चलाने के लिए- 5000 रुपये का फाइन
- बिना रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) गाड़ी चलाने के लिए- 5000 रुपये का चालान
- बिना थर्ड पार्टी इंश्योरेंस- 2000 रुपये का चालान
- एयर पॉल्यूशन स्टैंडर्ड को तोड़ने के लिए- 10000 रुपये का जुर्माना
- बिना हेलमेट गाड़ी चलाने के लिए- 1000 रुपये का जुर्माना
(चालान की कॉपी)
चालान कटने पर क्या कहना है दिनेश मदान का?
दिनेश मदान का इस पूरे मामले पर कहना है कि उन्होंने अपने घर से गाड़ी के कागज मंगाए थे, लेकिन तब तक हरियाणा ट्रैफिक पुलिस ने उनका चालान काट दिया। दिनेश मदान का कहना है कि उनके स्कूटर (स्कूटी) की इस समय कुल कीमत ही 15000 रुपये है।
Motor Vehicles Act
1 सितंबर 2019 से नया Motor Vehicles Act पूरे देशभर में लागू हो गया है। यह नियम उन लोगों के लिए सबसे बड़ी खतरे की घंटी है, जो ट्रैफिक नियमों की अनदेखी करते आए हैं। इस बिल के कानून बनने के बाद अब ट्रैफिक के नियमों को तोड़ने पर आपको 10 गुना तक ज्यादा चालान भरना पड़ सकता है। दरअसल मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में यह बिल लोकसभा से पास होने के बाद राज्यसभा में जाकर अटक गया था, लेकिन Modi 2.0 में सरकार ने इसे लोकसभा और राज्यसभा दोनों में पास करा दिया, जिसके बाद अब यह बिल कानून बन चुका है।
नोट- कवर फोटो प्रतिकात्मक है