फ्यूल सेल व्हीकल बनाने के लिए टोयोटा ने दोगुना किया निवेश, सस्ते वाहनों पर भी होगा काम
टोयोटा मोटो कॉर्प हाइड्रोजन फ्यूल सेल वाहन, कम कीमत वाली कारों और एसयूवी बनाने के लिए अपना निवेश दोगुना किया है।
नई दिल्ली (ऑटो डेस्क)। टोयोटा मोटो कॉर्प हाइड्रोजन फ्यूल सेल वाहन, कम कीमत वाली कारों और एसयूवी बनाने के लिए अपना निवेश दोगुना किया है। साथ ही कंपनी बस और ट्रकों में टेक्नॉलजी का इस्तेमाल कर उन्हें सस्ता बनाने पर काम कर रही है।
टोयोटा 2020 में नया मिराई हाइड्रोजन फ्यूल सेल व्हीकल को लॉन्च करेगी। कंपनी को उम्मीद है कि यह वाहन उसके आलोचनाओं का जवाब देगा। 90 के दशक में दुनिया की पहली मास प्रोड्यूसड इको-फ्रैंडली गैसोलीन-हाइब्रिड कार Prius बनाने वाली कंपनी ने कहा कि वो फ्यूल सेल व्हीकल (FCV) को सस्ता बनाकर मार्केट में पॉपुलर करेगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मिराई के चीफ इंजीनियर योशीकाजु टनाका ने बताया कि हम लिमिटेड प्रोडक्शन से मास प्रोडक्शन की तरफ शिफ्ट कर रहे हैं। हम FCV कलपुर्जों में लगने वाले प्लेटिनम जैसे महंगे मटैरियल को हटा रहे हैं।
कंपनी ने अपनी भविष्य की योजनाओं के बारे में जानकारी नहीं दी है, लेकिन कंपनी ने स्मॉल डिलीवरी व्हीकल और बड़े ट्रक के FCV प्रोटोटाइप तैयार कर लिए हैं। सूत्रों ने बताया कि कंपनी 2025 से कई फेज में अपनी एसयूवी, पिक-अप ट्रक और कमर्शियल ट्रक उतारेगी। नए वाहनों को तैयार करने के साथ-साथ टोयोटा उनकी परफॉर्मेंस बेहतर करने पर भी काम कर रही है। कंपनी अपकमिंग मिराई की रेंज 500 किमी से बढ़ाकर 700-750 किमी करना चाहती है।
पहली बार में हिट नहीं हुआ था फ्यूल सेल व्हीकल मिराई
मिराई को 2014 में लॉन्च किया गया था। तब यह दुनिया का पहला FCV था, लेकिन इसकी महंगी कीमत और रिफ्यूलिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी की वजह से यह मार्केट में अपनी जगह नहीं बना पाया था। दुनियाभर में इसकी महज 6 हजार यूनिट्स ही बिक पाईं। कंपनी को उम्मीद है कि आने वाले समय में फ्यूल सेल व्हीकल की मांग में भारी इजाफा होगा। कंपनी इलेक्ट्रिक बैटरी में इस्तेमाल होने वाले कोबाल्ट जैसे मटैरियल की कमी को भी फ्यूल सेल व्हीकल की मांग में बढ़ोतरी की वजह मानकर चल रही है।
अभी मिराई को प्रोडक्शन टोयोटा सिटी में चल रहा है। यहां पर अलग-अलग बने पार्ट्स को डिटेल्ड इंस्पेक्शन के लिए असेंबल किया जा रहा है। इस प्रोसेस की वजह से हर दिन सिर्फ 6.5 कार ही बन पा रही है, जबकि टोयोटा की कैपेसिटी 13,400 व्हीकल प्रतिदिन की है।