FY18 में निर्यात होने वाली टॉप 10 कारों में फोर्ड टॉप पर, मारुति की दो कारों को जगह
फोर्ड ने 14.31 फीसद बढ़ोतरी के साथ वित्त वर्ष 2018 में 181,148 यूनिट्स का निर्यात किया है
नई दिल्ली (अंकित दुबे)। भारत से निर्यात होने वाली सबसे ज्यादा कारों में अमेरिका की दिग्गज ऑटो कंपनी फोर्ड सबसे ऊपर है। फोर्ड ने 14.31 फीसद बढ़ोतरी के साथ वित्त वर्ष 2018 में 181,148 यूनिट्स का निर्यात किया है। वहीं, साउथ कोरिया की कंपनी हुंडई ने 2016-17 के मुकाबले देश से 8 फीसद की गिरावट के साथ 153,942 यूनिट्स का निर्यात किया है। गौरतलब है कि हुंडई वित्त वर्ष 2004-2005 से ही लगातार बड़ी निर्यातक कंपनी रही है।
वित्त वर्ष 2016-17 के मुकाबले आई 1.5% की गिरावट:
इन दो कंपनियों के बाद घरेलू बाजार की लीडर मारुति सुजुकी ने 123,903 यूनिट्स, फॉक्सवैगन ने 90,382 यूनिट्स, जनरल मोटर्स ने 83,140 यूनिट्स और निसान ने 67,829 यूनिटस का निर्यात किया है। कुल मिलाकर देश से 747,287 वाहनों का निर्यात किया गया है, जो कि 2016-17 के मुकाबले 1.5 फीसद कम है। वित्त वर्ष 2016-17 में 7,58,727 वाहनों का निर्यात किया गया था।
फोर्ड ईकोस्पोर्ट का निर्यात हुआ सबसे ज्यादा:
सबसे ज्यादा निर्यात होने वाली कारों के बारे में बात करें तो सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक फोर्ड इंडिया ने बीते वित्त वर्ष के दौरान ईकोस्पोर्ट की 90,599 यूनिट्स का निर्यात किया है। वित्त वर्ष 2017 के दौरान यह आंकड़ा 79,539 का रहा था।
महिंद्रा और टाटा इस सूची से बाहर:
इसके अलावा टॉप 10 निर्यात होने वाली कारों की सूची को देखें तो इसमें हुंडई और मारुति सुजुकी की कारें शामिल हैं। वहीं, घरेलू दिग्गज कंपनियां महिंद्रा एंड महिंद्रा और टाटा मोटर्स वित्त वर्ष 2017 की तरह ही वित्त वर्ष 2018 में भी इस सूची से बाहर हैं।
शेवरले बीट भारत से इन देशों में हो रही है निर्यात:
जनरल मोटर्स पुणे स्थित तालेगांव प्लांट से शेवरले बीट की लेफ्ट-हैंड ड्राइव यूनिट को बनाकर दूसरे बाजारों जैसे चिली, मध्य अमेरिका, पेरू और अर्जेंटीना में निर्यात कर रही है। फॉक्सवैगन की वेंटो टॉप 10 निर्यात होने वाली कारों की सूची में तीसरे स्थान पर है। वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान इसकी 77,005 यूनिट्स का निर्यात हुआ है, जबकि इससे बीते वित्त वर्ष की अवधि में इसकी 71,539 यूनिट्स का निर्यात हुआ था।
टॉप 10 निर्यात होने वाली कारों में फोर्ड के 3 मॉडल्स:
इसके अलावा सबसे खास बात यह कि इकोस्पोर्ट के अलावा फोर्ड इंडिया के दूसरे दो मॉडल्स - फीगो और फीगो एस्पायर दोनों ही टॉप 10 की सूची में चौथे और नौवें स्थान पर मौजूद हैं। फोर्ड फीगो की जहां वित्त वर्ष 2018 के दौरान 61,241 यूनिट्स का निर्यात हुआ है तो वहीं, फीगो एस्पायर की 29,308 यूनिट्स का निर्यात किया गया है।
हुंडई की भी दो गाड़ियां शामिल:
इसके अलावा हुंडई क्रेटा और ग्रैंड i10 भी इस सूची में पांचवे और छठें स्थान पर बनी हुई हैं। हुंडई ने क्रेटा की वित्त वर्ष 2018 के दौरान 50,820 यूनिट्स का निर्यात किया है तो वहीं, ग्रैंड i10 की इस अवधि में 44,907 यूनिट्स का निर्यात किया गया है।
बलेनो के निर्यात में आई गिरावट:
देश की लीडर कंपनी मारुति सुजुकी के दो मॉडल्स भी निर्यात होने वाली टॉप 10 कारों की सूची में शामिल हैं। वित्त वर्ष 2017 में बलेनो (49,248 यूनिट्स) के मुकाबले वित्त वर्ष 2018 के दौरान मारुति सुजुकी बलेनो की 41,433 यूनिट्स का निर्यात हुआ है, यानी इस बलेनो के निर्यात मेें गिरावट देखने को मिली है। वहीं, मारुति सुजुकी इग्निस 22,969 यूनिट्स के साथ दसवें स्थान पर मौजूद है। इसके अलावा बीते वित्त वर्ष के निर्यात की सूची में निसान सनी 34,075 यूनिट्स के साथ आठवें स्थान पर मौजूद है।