टाटा से लेकर महिंद्रा तक: लोगों ने नहीं सुने कंपनियों के इन मॉडल्स के नाम
जानें उन कारों के बारे में बताने जा रहे हैं उन गाड़ियों का आपने नाम भी नहीं सुना होगा, लेकिन लोग इनका आकर्षक लुक देखते ही हैरान थे। इनमें से कुछ कारें ज्यादा पॉपुलर नहीं हो पाईं और कुछ के तो प्रोटाटाइप बनाए गए लेकिन प्रोडक्शन नहीं किया गया
नई दिल्ली (ऑटो डेस्क)। भारतीय कार बाजार में तरह-तरह की खूबियों वाली और हर रेंज की गाड़ियां हमेशा से उपलब्ध रही हैं जिनमें देशी और विदेशी दोनों ब्रैंड शामिल हैं। इन ब्रैंड्स के बीच चुनिंदा ऐसे भी रहें हैं जिन्हें लोग जानते तक नहीं। ये या तो सड़कों पर उतरी ही नहीं या फिर इन्हें सिर्फ शो के दौरान ही शोकेस किया गया। हम अपनी इस खबर के माध्यम से आपको ऐसी ही कारों के बारे में जानकारी दे रहे हैं जिनकी खूबियां तो आकर्षक थीं लेकिन वो बाजार में पॉपुलर नहीं बल्कि प्रोटोटाइप बनकर रह गईं। ये कुछ ऐसे ब्रैंड की कारें थीं जिनका प्रोडक्शन कंपनी को जल्द ही बंद करना पड़ा।
1. महिंद्रा लेजेंड
इस कार को लोगों ने भले ही देखा हो लेकिन इसे महिंद्रा लेजेंड नाम से कोई नहीं जानता, इसे कुछ लोग 1953 Willys MD-M38A1 पर बेस्ड एसयूवी के तौर पर जानते होंगे। बता दें इस Willys का इस्तेमाल अमेरिका-कोरिया युद्ध के दौरान आर्मी द्वारा किया गया था। इस एसयूवी का लेजेंड नाम इसके हुड पर लिखा गया था। इस कार में 2,523 cc di डीजल मोटर लगाई गई थी। इसके अलावा कार में 16 इंच के व्हील्स, रोल कैज और 4 रूफ ऑक्स लैंप्स लगाए गए थे। कंपनी ने इसकी कीमत 6 लाख रुपये रखी थी। बता दें यह कार एक लिमिटेड एडिशन कार थी जिसे खास तौर पर सिर्फ आर्मी के लिए ही बनाया गया था, जिसके बाद थार ने इस कार को रिप्लेस किया।
2. अर्माडा ग्रैंड
अर्माडा ग्रैंड को कंपनी ने दो वर्जन में उतारा था। इसका पहला वर्जन स्टैंडर्ड था और दूसरा ग्रैंड वर्जन था, जिसमें लोग ज्यादा कम्फर्ट देख सकते थे। ग्रैंड वर्जन में राउंड हैडलैंप्स दिए गए थे। वहीं, नॉर्मल वर्जन स्क्वेयर हैडलैंप दिए गए थे। इसके अलावा कार फोर व्हील ड्राइव ऑप्शन के साथ लॉन्च की गई थी। लोग इस कार के बारे में इसलिए नहीं जानते क्योंकि बाजार में इसकी बिक्री बेहद कम हुई थी।
3. वोयागर
महिंद्रा ने मित्सुबिशी के साथ 90 के दशके में टाइअप किया था और इसे लग्जरी पीपुल मोवर कार के नाम पर उतारा गया था। कंपनी ने इस कार को काफी बड़ा साइज दिया था और इसमें कई फीचर्स भी दिए थे। कार में कई फीचर्स तो ऐसे थे जिनके बारे में लोगों को पता भी नहीं था। बता दें वोयागर में प्यूजो वाला 2.1 लीटर टर्बो डीजल इंजन दिया गया था, लेकिन इसे उस वक्त लोग इतनी बड़ी कार खरीदना पसंद नहीं करते थे जिसकी वजह से कंपनी को इसे बंद करना पड़ा।
4. क्वांटम ओकल
अपने समय में क्वांटम ओकल लोकप्रिय कारों में से एक थी, लेकिन भारतीय बाजार में इस कार के बारे में कोई नहीं जानता। भारत में इस कार को 1997 में लाया गया और इसे मुंबई के एक डीलरशिप के जरिए बेचा गया। इस कार का लुक देखने वाले कई लोग हैरान थे। उस समय कंपनी ने यह तक कह दिया था कि अगर 9 क्वांटम एक बार बुक होती हैं तो 10वीं कार फ्री दी जाएगी, लेकिन इस कार की एक भी बुकिंग नहीं मिली और कंपनी को इसे वापस लेना पड़ा।
5. टाटा मैग्ना
टाटा मोटर्स के सबसे बड़े प्रोजेक्ट्स में से टाटा मैग्ना एक मानी जाती थी। कंपनी ने इस कार के कुछ प्रोटोटाइप मॉडल तो बनाए, लेकिन इसका प्रोडक्शन वर्जन नहीं बन पाया। मैग्ना में 2.0 लीटर पेट्रोल इंजन दिया गया था, जो 120 bhp की पावर जनरेट करता था। बता दें यही इंजन बाद में टाटा सफारी में लगाया गया। कंपनी ने उस समय इस कार को होंडा एकॉर्ड और हुंडई सेंटाफे को टक्कर देने के तौर पर उतारा था।
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