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टेस्ला भारत में तैयार करे अपने इलेक्ट्रिक वाहन चीन से भी कम आएगी लागत, 'Made in India' को प्रमोट करते हुए बोले नितिन गडकरी

मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि Model 3 भारतीय बाजार में टेस्ला का पहला मॉडल होगा। नितिन गडकरी ने कहा भारत में असेंबलिंग के बजाय उन्हें पूरे देश में अपने वेंडर्स को हायर करके पूरा प्रोडक्ट बनाना चाहिए।

By BhavanaEdited By: Published: Thu, 04 Mar 2021 06:30 PM (IST)Updated: Fri, 05 Mar 2021 09:15 AM (IST)
टेस्ला भारत में तैयार करे अपने इलेक्ट्रिक वाहन चीन से भी कम आएगी लागत, 'Made in India' को प्रमोट करते हुए बोले नितिन गडकरी
टेस्ला कार की तस्वीर (फोटो साभार: टेस्ला)

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। Tesla India Update: इस बात में कोई रहस्य नहीं है कि टेस्ला भारतीय बाजार में प्रवेश करने की योजना बना रहा है। कंपनी इस बात की पुष्टि कर चुकी हैं, कि साल 2021 में पहली टेस्ला कार को लॉन्च किया जाएगा। इसी को ध्यान में रखते हुए भारतीय राज्य टेस्ला के भारत आगमन पर उन्हें कई सुविधाएं मुहैया करा रहे हैं। क्योंकि जाहिर है इससे रोजगार में इजाफा होगा।

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इस विषय पर बात करते हुए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने रायटर से कहा कि "भारत यह सुनिश्चित करने के लिए तैयार है कि टेस्ला की भारतीय बाजार में इलेक्ट्रिक वाहन बनाने की लागत चीन की तुलना में कम हो। हालांकि, टेस्ला को भारत में अपने इलेक्ट्रिक वाहनों को बनाने के लिए पहल करनी होगी। टेस्ला इंक के सीईओ एलन मस्क ने कंपनी को बेंगलुरु, कर्नाटक में टेस्ला इंडिया मोटर्स एंड एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड के रूप में पंजीकृत किया है।

वहीं मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि Model 3 भारतीय बाजार में टेस्ला का पहला मॉडल होगा। नितिन गडकरी ने कहा, 'भारत में असेंबलिंग (कारों) के बजाय उन्हें पूरे देश में अपने वेंडर्स को हायर करके पूरा प्रोडक्ट बनाना चाहिए। इसके लिए हम पूरी तरह से रियायतें देने के लिए तैयार हैं। ” उन्होंने आगे कहा कि “सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि टेस्ला के लिए उत्पादन लागत अन्य देशो की तुलना में सबसे कम हो ”।

 इस बात से सभी परिचित हैं, कि भारत सरकार आयात लागत को कम करने और प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी), बैटरी और अन्य पार्टस का भारत में ही निर्माण करने को बढ़ावा देना चाहती है। क्योंकि पिछले साल केवल 5,000 इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री हुई थी, और बुनियादी ढांचे की कमी भारत में आज भी ईवी की बिक्री ना होने को मुख्य कारण है। 


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