वाहनों की डिमांड बढ़ाने के लिए टैक्सेशन और रेगुलेशन का एक जैसा होना जरूरी: TKM MD
टोयोटा किर्लोस्कर मोटर की तरफ से कहा गया है कि भारत वैश्विक रणनीति के दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण बाजार बना हुआ है नवीनतम तकनीक के साथ नए मॉडल लाना इस बात पर निर्भर करेगा कि देश में बाजार में इसकी मांग है या नहीं।
नई दिल्ली, (पीटीआई)। Toyota Kirloskar Motor के एक शीर्ष अधिकारी के अनुसार टैक्सेशन और रेगुलेशंस को एक साथ चलने की जरूरत है। अगर ये एक दूसरे की विपरीत दिशा में चलेंगे तो इससे डिमांड में कमी आएगी। नीतियों में लगातार बदलाव की वजह से नए इन्वेस्टमेंट कभी भी संभव नहीं हो पाते हैं।
टोयोटा किर्लोस्कर मोटर की तरफ से कहा गया है कि भारत वैश्विक रणनीति के दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण बाजार बना हुआ है, नवीनतम तकनीक के साथ नए मॉडल लाना इस बात पर निर्भर करेगा कि देश में बाजार में इसकी मांग है या नहीं।
टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के प्रबंध निदेशक मसाकाज़ु योशिमुरा ने अपने नए प्रोडक्ट्स को भारत में लाने के लिए पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि, "हमें टैक्सेशन सिस्टम के साथ रेगुलेशन सिस्टम को एक साथ देखने की जरूरत है। अगर टैक्सेशन सिस्टम किसी और दिशा में जाएगा तो इससे डिमांड नहीं बढ़ेगी। दूसरी ओर अगर रेगुलेशन सिस्टम पर्यावरण सुरक्षा की दिशा में काम करे तो इससे वाहन की लागत में इजाफा होगा।
दरअसल अभी हाल ही में खबर आई थी कि टोयोटा भारत में निवेश नहीं करेगी। जिसके बाद यूनियन मिनिस्टर प्रकाश जावड़ेकर ने एक ट्वीट करके इस खबर को गलत बताया था। उन्होंने कहा था कि टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के वाइस चेयरमैन विक्रम किर्लोस्कर ने स्पष्ट किया कि टोयोटा अगले 12 महीनों में 2000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करेगी।
जावड़ेकर के इस ट्वीट के जवाब में टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के वाइस चेयरमैन विक्रम किर्लोस्कर ने एक ट्वीट में कहा था कि, “हम घरेलू ग्राहकों और निर्यात के लिए इलेक्ट्रिक कंपोनेंट्स और टेक्नोलॉजी 2,000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का निवेश कर रहे हैं।