Tata Tiago खरीदनें पर डीलर ने ग्राहक से वसूली ज्यादा रकम, अदालत में पहुंचा मामला तो भरना पड़ा जुर्माना
वाहन को खरीदने के 5 महीने बाद जानकीराम को सूचित किया गया था कि उनसे कोई अतिरिक्त राशि नहीं ली गई थी और इसलिए वापसी का कोई सवाल ही नहीं है। चूंकि वह एक डिफेंस कर्मचारी थे इसलिए उन्हें सब्सिडी के रूप में राशि मिलने चाहिए थी।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। Tata Tiago : कार और बाइक को खरीदते समय हम पूरी जांच पड़ताल करते हैं, कि कौन-सा कलर और वैरिएंट चुना जाए। लेकिन कई बार हम अपनी पसंद के वैरिएंट के लिए ज्यादा राशि का भुगतान करते हैं। हालांकि इसमें कोई दो राय नहीं है, कि बेस वैरिएंट और टॉप वैरिएंट में फीचर्स का काफी अंतर होता है। लेकिन डीलर कई बार वैरिएंट का नाम लेकर आपको मिलने वाली सब्सिडी को अपनी जेब में रख लेते हैं। ऐसा ही कुछ जब टाटा मोटर्स के एक डीलर ने किया तो उसे भारी जुर्माना देना पड़ गया। आइए विस्तार से बताते हैं:
खरीद के समय ज्यादा वसूले गए 40,000: दरअसल, नवंबर 2018 में जानकीराम नाम के व्यक्ति ने टाटा की डीलरशिप कॉनकॉर्ड मोटर्स से टाटा टियागो का एक्सजेड(XZ) वेरिएंट खरीदा था। वाहन को खरीदते समय जानकीराम ने करीब 4 लाख रुपये का लोन लिया था। बता दें, जानकीराम के मुताबिक उनसे 40,000 रुपये की अतिरिक्त राशि वसूल की गई थी।
चूंकि वह एक डिफेंस कर्मचारी थे, इसलिए उन्हें सब्सिडी के रूप में वह राशि मिलने चाहिए थी। हालांकि उन्होंने इस राशि को वापस कराने के लिए कई बार डीलरशिप से अपील की थी। लेकिन कॉनकॉर्ड मोटर्स ने कहा कि वे उन्हें रिफंड की स्थिति के बारे में सूचित करेंगे।
5 महीने बाद डीलर ने राशि देने से किया इंकार: वाहन को खरीदने के 5 महीने बाद जानकीराम को 19 अप्रैल 2019 को सूचित किया गया था कि उनसे कोई अतिरिक्त राशि नहीं ली गई थी और इसलिए वापसी का कोई सवाल ही नहीं है। इस बात से नाराज जानकीराम ने हैदराबाद में जिला उपभोक्ता विवाद फोरम - I में शिकायत दर्ज कर दी। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि सब्सिडी नहीं देकर टाटा डीलरशिप ने जानबूझकर उनसे धोखा किया है।
40,000 की जगह भरने पड़े 70,000: जिसके बाद फोरम ने पूरी जांच पड़ताल कर कॉनकॉर्ड मोटर्स को खरीद के समय अतिरिक्त राशि वसूलने के लिए 70,000 रुपये का भुगतान करने का निर्देश दियाहै। इस 70,000 राशि में 40,000 रुपये की सब्सिडी का रिफंड शामिल है। वहीं फोरम के पास शिकायत दर्ज करने में शिकायतकर्ता द्वारा किए गए खर्चों के लिए 25,000 का मुआवजा और 5,000 रुपये शिकायत फाइल करने के लिए देने को कहा।
बताते चलें कि टाटा मोटर्स धीरे-धीरे कॉनकॉर्ड मोटर्स इंडिया के साथ अपने यात्री वाहन खुदरा व्यापार से बाहर निकल रही है। कॉनकॉर्ड मोटर्स 3 जुलाई 1999 से टाटा मोटर्स की 100 प्रतिशत सहायक कंपनी है।