एमिशन नॉर्म्स में गड़बड़ी के चलते स्विट्जरलैंड में नहीं बिकेंगे मर्सिडीज और पोर्शे के कुछ मॉडल्स
स्विट्जरलैंड में अथॉरिटिज ने मर्सिडीज-बेंज विटो, पोर्शे मैकान और केयने के नए रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी है।
नई दिल्ली (ऑटो डेस्क)। स्विट्जरलैंड में अथॉरिटिज ने मर्सिडीज-बेंज विटो, पोर्शे मैकान और केयने के नए रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी है। इन वाहनों में ऐसे डीजल इंजन लगे थे जिनमें एमिशन लेवल सही नहीं है। इससे 17 अगस्त से इंपोर्ट की गई कारें प्रभावित होंगी। जिन कारों का पहला रजिस्ट्रेशन हो चुका है, वो कारें चलती रहेंगी, लेकिन उनकी जांच होगी। आसान शब्दों में समझें तो इन कारों में लगे इंजन, कंपनियों द्वारा बताए गए प्रदूषण से ज्यादा प्रदूषण फैलाते हैं।
इस कार्रवाई से 1.6 लीटर डीजल इंजन वाली मर्सिडीज विटो, 3 लीटर डीजल इंजन वाली पोर्शे मैकान और 4.2 लीटर डीजल इंजन वाली केयने प्रभावित होंगी। इन कारों के इंजन को यूरो 6 एमिशन नॉर्म्स के हिसाब से तैयार करना होगा।
डेमलर ने कहा कि उसने विटो मॉडल का एक्सपोर्ट बंद कर दिया है। मई में जर्मन अथॉरिटीज ने कारों को रिकॉल करने और नए रजिस्ट्रेशन रोकने का आदेश दिया था। इससे स्विट्जलैंड भेजे जाने वाले विटो मॉडल प्रभावित हुए थे।
जापान में गलत एमिशन और फ्यूल इकॉनमी टेस्ट को लेकर ऑटो कंपनियों ने मांगी माफी
इससे पहले जापान की कई ऑटो कंपनियां गलत एमिशन टेस्ट को लेकर माफी मांग चुकी है। माज्दा मोटर कॉर्प, सुजुकी मोटर कॉर्प और यामाहा मोटर कंपनी ने अपने वाहनों के गलत फ्यूल इकॉनमी और एमिशन टेस्ट किए हैं। जापान सरकार द्वारा इन कंपनियों को अपने ऑपरेशन्स की जांच करने के आदेश के बाद इन गड़बड़ियों का पता चला है। जांच में गड़बड़ी होने के बाद इन कंपनियों ने माफी मांगी है।
कंपनियों द्वारा टेस्ट में गड़बड़ी की खबरों ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा था। इससे पहले 2015 में फॉक्सवैगन ने एमिशन टेस्ट पास करने के लिए अपनी लाखों डीजल कारों में एक सीक्रेट सॉफ्टवेयर इंस्टाल किया था।