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    फेम-2 के तहत 16.5 लाख इलेक्टि्रक वाहनों को दी गई सब्सिडी, अब तक हो चुके 25,202 चार्जिंग स्टेशन

    Updated: Fri, 03 Jan 2025 06:00 AM (IST)

    चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने और देश में ईवी मैन्यूफैक्चरिंग पारिस्थितिकी तंत्र के विकास को बढ़ावा देने के लिए पीएम इलेक्टि्रक ड्राइव रिवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (पीएम ई-ड्राइव) योजना को अधिसूचित किया। देश में अब तक ईवी के लिए 25202 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित हुए हैं। कर्नाटक 5765 ईवी सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों के साथ सबसे आगे है इसके बाद महाराष्ट्र 3728 और उत्तर प्रदेश में 1989 चार्जिंग स्टेशन हैं।

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    अतिरिक्त, 10,985 ईवी सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन (पीसीएस) स्वीकृत किए गए हैं।

    नई दिल्ली, आइएएनएस। फेम-2 योजना के तहत कुल 16.5 लाख इलेक्टि्रक वाहनों (ईवी) को सब्सिडी दी गई। इसमें इसमें 14.27 लाख इलेक्टि्रक दोपहिया वाहन (ई-2डब्ल्यू), 1.59 लाख ई-3डब्ल्यू, 22,548 ई-4डब्ल्यू और 5,131 ई-बसें शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, 10,985 ईवी सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन (पीसीएस) स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से 8,812 स्थापना के लिए आवंटित किए गए हैं।

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    दो साल की अवधि के लिए मंजूरी

    भारी उद्योग मंत्रालय के अनुसार, 31 अक्टूबर, 2024 तक कुल 8,844 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, जिसमें सब्सिडी के लिए 6,577 करोड़ रुपये, पूंजीगत संपत्तियों के लिए 2,244 करोड़ रुपये और अन्य खर्चों के लिए 23 करोड़ रुपये शामिल हैं। योजना के पहले चरण की शुरुआत एक अप्रैल, 2015 से हुई थी और इसे दो साल की अवधि के लिए मंजूरी दी गई थी।

    देश में अब ईवी के लिए 25,202 चार्जिंग स्टेशन

    पहले चरण के सफल क्रियान्वयन के बाद दूसरा चरण फेम-2 2019 में 11,500 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ शुरू किया गया था। इसमें दो, तीन, चार पहिया वाहन, इलेक्टि्रक बसें और ईवी सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन शामिल हैं। कुल मिलाकर, देश में अब तक ईवी के लिए 25,202 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जा चुके हैं। कर्नाटक 5,765 ईवी सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों के साथ सबसे आगे है, इसके बाद महाराष्ट्र 3,728 और उत्तर प्रदेश में 1,989 चार्जिंग स्टेशन हैं।

    2,000 करोड़ रुपये ईवी सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना

    29 सितंबर, 2024 को मंत्रालय ने ईवी अपनाने में तेजी लाने, चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने और देश में ईवी मैन्यूफैक्चरिंग पारिस्थितिकी तंत्र के विकास को बढ़ावा देने के लिए पीएम इलेक्टि्रक ड्राइव रिवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (पीएम ई-ड्राइव) योजना को अधिसूचित किया। इस योजना का दो साल की अवधि के लिए 10,900 करोड़ रुपये का बजट है। कुल आवंटित बजट में से 2,000 करोड़ रुपये ईवी सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना के लिए रखे गए हैं।

    पीएसएम माडल से अगले पांच साल में चलेंगी 38,000 इलेक्टि्रक बसें

    कैबिनेट की मंजूरी के बाद अगले पांच साल में देश के 15 राज्यों में पेमेंट सिक्युरिटी मैनेजमेंट (पीएसएम) माडल से 38,000 इलेक्टि्रक बसें चल सकती है। इस माडल के तहत राज्य परिवहन विभाग इलेक्टि्रक बस बनाने वाली कंपनियों से 10 साल के मासिक भुगतान के आधार पर बसें खरीद सकेंगे। इलेक्टि्रक बसें महंगी होती है, इसलिए मंत्रालय का मानना है कि एक बस की मासिक किस्त 3.4 लाख की हो सकती है। राज्यों के परिवहन विभाग की गारंटी वहां की राज्य सरकार लेगी। परिवहन विभाग अगर किस्त नहीं चुका पाएगा तो उस राज्य सरकार की RBI के पास जमा राशि में से बस कंपनी को बकाए का भुगतान कर दिया जाएगा। सभी राज्यों का खाता RBI में होता है। मंत्रालय के मुताबिक 15 राज्यों की तरफ से इस माडल की स्वीकृति दी जा चुकी है।

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