इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में 2019-20 में हुई 20 फीसद की बढ़ोतरी: SMEV
सोसाइटी ऑफ मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (SMEV) ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री का डाटा जारी किया है। (फोटो साभार Hyundai)
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। सोसाइटी ऑफ मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (SMEV) ने सोमवार को बताया कि 2019-20 में भारत में E-Rickshaws को छोड़कर Electric vehicles की बिक्री 1.56 लाख यूनिट ज्यादा हुई है। SMEV ने एक स्टेटमेंट में कहा कि 2018-19 के दौरान देश में कुल मिलाकर इलेक्ट्रिक व्हीकल की 1.3 लाख यूनिट्स की बिक्री हुई थी।
वित्त वर्ष 2020 में अगर कुल बिक्री में से टू-व्हीलर की 1.52 लाख यूनिट्स, कारों की 3,400 यूनिट्स और बसों की 600 यूनिट्स की बिक्री हुई थी। वहीं 2018-19 के दौरान टू-व्हीलर्स की 1.26 यूनिट्स, कारों की 3,600 यूनिट्स और बसों की 400 यूनिट्स की बिक्री हुई थी। SMEV ने बताया कि ''इस डाटा में फिलहाल E-Rickshaws को शामिल नहीं किया गया है, जो कि करीब 90 हजार यूनिट्स के साथ है।ई-रिक्शा अभी असंगठित क्षेत्र में है इसलिए पिछले साल में बेची गई ई-रिक्शा के डाटा का कागज नहीं हैं।"
SMEV ने बताया कि देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल की सेल्स में ग्रोथ इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर (E2W) सेगमेंट द्वारा चलाई जाती है। "वित्त वर्ष 2019-20 में बेचे गए E2W में 97 फीसद इलेक्ट्रिक स्कूटर थे, वहीं मोटरसाइकिल और इलेक्ट्रिक साइकिल की हिस्सेदारी 3 फीसद थी। धीमी स्पीड वाले स्कूटर जो अधिकतम 25km/hr की स्पीड से चल सकते हैं और उन्हें खरीदने के लिए रजिस्ट्रेशन की भी जरूरत नहीं है इनकी हिस्सेदारी कुल E2Ws में 90 फीसद के करीबर है।
इलेक्ट्रिक कारों की बात की जाए तो इस सेग्मेंट में पिछले वित्त वर्ष में बेची गई 3,600 यूनिट्स की तुलना में वित्त वर्ष 2020 में 3,400 यूनिट्स की बिक्री हुई। वित्त वर्ष 19-20 में इलेक्ट्रिक कारों की थोक बिक्री में कमी और लोकप्रिय कार मॉडलों का बंद होने की वजह से बिक्री में इस साल कमी आई है। SMEV ने कहा कि "प्रीमियम सेग्मेंट में इलेक्ट्रिक कारों के आने की वजह से उम्मीद है कि वित्त वर्ष 20-21 में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री में अधिक बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।" इलेक्ट्रिक टैक्सी सेगमेंट की बात करें तो इसमें अभी इलेक्ट्रिक कारों की रेंज और चार्जिंग स्पॉट का पूरी तरह से उपलब्ध न हो पाना कारण है।