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Skoda ने भारत में सबसे बड़े रूफटॉप सोलर PV पावर प्रोजेक्ट में के इंस्टॉलेशन का काम शुरू किया

स्कोडा ऑटो फॉक्सवैगन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (SAVWIPL) ने ऑटो इंडस्ट्री में दुनिया में सबसे बड़े रूफटॉप सोलर पीवी पावर प्रोजेक्ट का काम शुरू किया है

By Ankit DubeyEdited By: Published: Wed, 18 Dec 2019 09:30 AM (IST)Updated: Wed, 18 Dec 2019 09:30 AM (IST)
Skoda ने भारत में सबसे बड़े रूफटॉप सोलर PV पावर प्रोजेक्ट में के इंस्टॉलेशन का काम शुरू किया
Skoda ने भारत में सबसे बड़े रूफटॉप सोलर PV पावर प्रोजेक्ट में के इंस्टॉलेशन का काम शुरू किया

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। स्कोडा ऑटो फॉक्सवैगन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (SAVWIPL) ने ऑटो इंडस्ट्री में दुनिया में सबसे बड़े रूफटॉप सोलर पीवी पावर प्रोजेक्ट का काम शुरू किया है। इसके साथ ही पुणे के चाकण में स्थित अपने विनिर्माण संयंत्र में भारत के सबसे बड़े सोलर रूफटॉप का इंस्टॉलेशन किया है। इस तरह कंपनी ने ग्रीन फ्यूचर फैक्ट्री के रूप में अपनी स्थिति को और मज़बूत बनाया है, तथा संयंत्र की वार्षिक बिजली की आवश्यकता के 15 से 20 प्रतिशत भाग को 8.5 MWp की इस अतिरिक्त क्षमता से पूरा किया जा सकेगा। सोलर पीवी प्लांट को AMP एनर्जी इंडिया के साथ विकाशन-स्वामित्व-संचालन समझौते के तहत इंस्टॉल किया गया है, जो विश्व स्तर पर फ्लैक्सिबल क्लीन एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने वाली कंपनी है तथा यह बिजली खरीद समझौता 25 वर्षों के लिए किया गया है। इस तरह न केवल गैर-नवीकरणीय ऊर्जा पर कंपनी की निर्भरता में कमी आएगी, बल्कि इस परियोजना के माध्यम से कार्बन के उत्सर्जन में कमी आएगी जो कार्बन न्यूट्रैलिटी की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है।

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नवीकरणीय संसाधनों के जरिए बिजली प्राप्त करके, पुणे संयंत्र में कंपनी की मौजूदा उत्पादन प्रक्रिया से CO2 उत्सर्जन में 9000 टन से अधिक की कमी आएगी जो वर्ष 2030 तक SAVWIPL के कार्बन न्यूट्रल बनने के लक्ष्य की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है। कैप्टिव सोलर पीवी प्लांट दरअसल बॉडी शॉप के 63,000 वर्ग मीटर के इकलौते रूफ एरिया में फैला है जिसमें 25770 बेहद कारगर पॉलीक्रिस्टलीय मॉड्यूल लगाए गए हैं, और इस तरह बॉडी शॉप में सीधे आने वाले हीट-रेडिएशन में भी कमी आएगी।

इस मौके पर स्कोडा ऑटो फॉक्सवैगन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर, गुरप्रताप बोपाराय ने कहा, "पुणे में हमारे विनिर्माण संयंत्र में सौर ऊर्जा उत्पादन परियोजना की स्थापना से 'संवहनीय भविष्य' के निर्माण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को मज़बूती मिली है। भारत पूरी दुनिया में कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में हमेशा से प्रयासरत रहा है, और हमने इस दिशा में योगदान देने के उद्देश्य से एक छोटा लेकिन बेहद महत्त्वपूर्ण कदम उठाया है। हमारे विनिर्माण कार्यों के पर्यावरण पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव को कम करने के दृष्टिकोण के साथ, हम भविष्य में पर्यावरण के लिहाज से अधिक स्थायी परियोजनाओं को लागू करने का प्रयास करेंगे।"

लॉन्च के अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए AMP एनर्जी इंडिया के सीईओ, पिनाकी भट्टाचार्य ने कहा, “ऑटोमोबाइल सेक्टर में अब संयंत्रों में उत्पादन के लिए नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग किया जाएगा, जो पूरी दुनिया में बड़े पैमाने पर हो रहे बदलाव को दर्शाता है। फॉक्सवैगन समूह इनोवेशन और कार्य-कुशलता में हमेशा से अग्रणी रहा है। इस प्रोजेक्ट पर स्कोडा ऑटो फॉक्सवैगन इंडिया की बेहद सहयोगी और जानकार टीम के साथ मिलकर काम करके हमें बेहद ख़ुशी हुई। इस बात को लेकर हम काफी उत्साहित हैं कि इस साझेदारी की वजह से विश्वस्तरीय रूफटॉप प्रोजेक्ट की शुरुआत हुई, जो भारत में सबसे बड़े सोलर रूफटॉप प्रोजेक्ट में से एक है। इससे कंपनी को बिजली पर आने वाली अपनी लागत के साथ-साथ अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में मदद मिलेगी।”

नवीकरणीय क्षमता का 908 KWp से 9.4 MWp तक विस्तार

पिछले साल, कंपनी ने औरंगाबाद के अपने विनिर्माण संयंत्र में 980 KW की क्षमता वाले अपने पहले प्रमुख सोलर पीवी इंस्टालेशन का उद्घाटन किया। औरंगाबाद सोलर प्लांट की उत्पादन क्षमता तकरीबन 1.5 मिलियन kWh है और इससे कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में सालाना 922 टन की कमी आई है। पुणे संयंत्र में बड़े पैमाने पर फोटोवोल्टिक लगाए जाने के बाद, औरंगाबाद और पुणे की तकनीकी क्षमता संयुक्त रूप से 9.4 MWp तक पहुंच गई है जिससे CO2 के उत्सर्जन में प्रतिवर्ष लगभग 10,000 टन की कमी आएगी। दोनों संयंत्रों की संयुक्त तकनीकी क्षमता, भारत में पूरी तरह से सौर विकिरण पर आधारित प्रति-व्यक्ति बिजली की खपत का लगभग 12 हज़ार गुना होगी।

SAVWIPL में पर्यावरण संरक्षण एवं संवहनीयता की दिशा में प्रयास

स्कोडा ऑटो फॉक्सवैगन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड सतत विकास, संसाधनों के संरक्षण, कार्बन फुटप्रिंट में कमी लाने तथा लागत को अनुकूलतम बनाने के अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ा रहा है। अपने संयंत्रों में लिक्विड डिस्चार्ज को शून्य तक पहुंचाकर, कचरा भराव-क्षेत्र के लिए लगभग शून्य अपशिष्ट के उत्सर्जन तथा सतत उत्पादन के अपने लक्ष्य को और बेहतर बनाने के लिए अत्याधिक कार्य कुशल परियोजनाओं को लागू करके, कंपनी ने पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव को न्यूनतम करने की दिशा में पहले से ही ठोस प्रयास किए हैं।


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