पुरानी लग्जरी गाड़ियां खरीद रहे हैं लोग, पिछले 7 सालों में इतनी बढ़ी मांग
सेकंड हैंड ऑटोमोबाइल मार्केट 15 प्रतिशत सालाना की दर से बढ़ रहा है। सेकंड हैंड लग्जरी कारों की सेल में 2010 के मुकाबले पिछले साल यानी 2017 तक तीन गुना बढ़ोतरी हुई है।
नई दिल्ली (ऑटो डेस्क)। लग्जरी कारों का ट्रेंड लगातार बढ़ता जा रहा है। नई के साथ-साथ सेकंड हैंड लग्जरी कारों की सेल में भी इजाफा हो रहा है। इसकी वजह नई कारों की ऊंची कीमतें और ज्यादा टैक्स आदि है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सेकंड हैंड ऑटोमोबाइल मार्केट 15 प्रतिशत सालाना की दर से बढ़ रहा है। सेकंड हैंड लग्जरी कारों की सेल में 2010 के मुकाबले पिछले साल यानी 2017 तक तीन गुना बढ़ोतरी हुई है।
77 प्रतिशत मार्केट शेयर के साथ ओएलएक्स सेकंड हैंड लग्जरी कारों के लिए एक बड़ा प्लेटफॉर्म है। इस पर फिलहाल 3.8 मिलियन यूनिट्स लिस्टेड हैं। कंपनी के ऑटो कैटेगरी के डायरेक्टर सनी कटारिया ने बताया कि लग्जरी कार मार्केट में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसकी वजहें बढ़ती इनकम, बेहतर लाइफस्टाइल की चाह आदि है। ओएलएक्स पर इस साल जनवरी-अप्रैल के बीच 16 लाख सेकंड हैंड कारें बिक्री के लिए उपलब्ध थी। एक डीलर ने बताया कि लग्जरी कारों की डिमांड की वजह इनकी कीमतें भी हैं। पुराना मॉडल नई कार के मुकाबले काफी कम कीमत पर मिल जाता है।
नए मॉडल्स की लॉन्चिंग, पहले से कम ऑनरशिप साइकल और बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर की वजह से कारों का बेहतर रख-रखाव इस मांग को और बढ़ा रहा है। बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर की वजह से कारों की हालत सही रहती है और लोग पुराने मॉडल को खरीदने से हिचकते नहीं हैं। साथ ही छोटे शहरों से भी इनकी मांग बढ़ रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2015-17 के बीच सेकंड हैंड कारों की 40 फीसदी मांग टियर 1 और टियर 2 शहरों से आई। ओएलएक्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आने वाले समय में यह मांग और बढ़ेगी।
सेकंड हैंड कारों की 28 हजार यूनिट्स बेची गई हैं। ये संख्या और भी बढ़ सकती थी लेकिन नोटबंदी, जीएसटी और नई एमिशन नॉर्म्स के चलते इनकी सेल मंदी रही। विशेषज्ञों का कहना है कि पुरानी लग्जरी कारों की मांग में और बढ़ोतरी होगी और आने वाले 5-7 सालों में पुरानी लग्जरी गाड़ियों की सेल नई गाड़ियों के मुकाबले ज्यादा हो सकती है।