New MV Act: मोदी सरकार का 'नया ट्रैफिक' कानून भारत में Pass होगा या Fail?
Pm Narendra Modi की अगुवाई में Modi 2.0 की तरफ से लाया गया नया Motor Vehicles Act लागू हो गया है जहां Traffic Rules तोड़ने पर Traffic Police की तरफ से भारी Traffic Challan काटा गया
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। Pm Narendra Modi की अगुवाई में Modi 2.0 ने भारत में सड़क हादसों (Road Accidents) को रोकने के लिए एक नया बिल लोकसभा और राज्यसभा में पेश किया था, जो अब 1 सितंबर से कानून बन कर देश के कई राज्यों में लागू हो गया है। हम बात कर रहे हैं नए Motor Vehicles Act की, जहां Traffic Rules (ट्रैफिक नियमों) को तोड़ने पर लोगों को 10 गुना तक ज्यादा चालान (Traffic Challan) भरना पड़ रहा है। हाल ही में Traffic Police की तरफ से एक ट्रक ड्राइवर का 2.50 लाख रुपये का चालान काटा गया है। ऐसे में आज हम बात करेंगे कि नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की अगुवाई में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की तरफ से लाए गए नए ट्रैफिक कानून की क्या है भारत में चुनौतियां?
क्या Road Accident पर लगेगी लगाम?
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने जब Motor Vehicles Amendment बिल को लोकसभा में पेश किया था, तब उन्होंने बताया था कि भारत में हर साल करीब 1.5 लाख लोगों की Road Accident (सड़क हादसे) में मौत हो जाती है। वहीं, करीब 5 लाख लोग Road Accident में घायल हो जाते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में हर साल करीब 13.5 लाख लोग सड़क हादसे में मर जाते हैं और इसका सबसे ज्यादा शिकार भारत होता है। भारत में औसतन हर रोज करीब 400 लोगों की सड़क हादसे में मौत हो जाती है। इन्हीं हादसों को कम करने के लिए यह सख्त कानून लाया गया है।
इन राज्यों में कैसे लागू होगा नया Motor Vehicles Act?
नया Motor Vehicles Act भारत में 1 सितंबर से लागू हो गया है। हालांकि, पंजाब, पश्चिम बंगाल और राजस्थान जैसे कई राज्यों में इसे लागू नहीं किया गया है। इन राज्यों की सरकारों का कहना है कि नए कानून में ट्रैफिक चालान की राशि बहुत ज्यादा है, जिससे आम लोगों पर बहुत भार पड़ेगा। केंद्र सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक इन राज्य की सरकारों को मनाना है।
BJP शासित राज्यों की चुनौती
महाराष्ट्र सरकार ने नए मोटर व्हीकल एक्ट को लागू करने से मना कर दिया है। राज्य सरकार की तरफ से नितिन गडकरी को लिखी चिट्ठी में कहा गया है कि नए कानून से आक्रोश पैदा हो सकता है। रिपोर्ट्स की माने तो राज्य सरकार ट्रैफिक चालान में कटौती चाहती है। ऐसे में जब तक केंद्र सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं आता है, तब तक नया कानून लागू नहीं होगा। वहीं, गुजरात सरकार ने ट्रैफिक नियम के कई जुर्मानों को 25% से 90% तक घटा दिया है। CM विजय रुपाणी की तरफ से मानवीय आधार पर यह फैसला लेने की बात कही गई है। ऐसे में विपक्ष इस मामले पर केंद्र सरकार को घेर रही है। अब देखना है मोदी सरकार कैसे BJP शासित राज्यों में नए ट्रैफिक कानून को सही से चला पाती है?
पारदर्शिता
केंद्र सरकार और राज्य सरकारों की सबसे बड़ी चुनौती यह है कि नए ट्रैफिक नियमों का गलत इस्तेमाल न हो। दरअसल इस कानून को लोगों की हिफाजत के लिए लाया गया है, न कि आम आदमी को परेशान करने के लिए। ऐसे में ट्रैफिक पुलिस की तरफ से लोगों को परेशान न किया जाए इसका ध्यान रखना जरूरी है।
इंफ्रास्ट्रक्चर
आम आदमी का कहना है कि ट्रैफिक चालान की कीमतों को बढ़ा दिया गया है, लेकिन भारत की सड़कों के हाल का क्या? ऐसे में केंद्र सरकार को पहले के मुकाबले और तेजी से इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार करना होगा, जिससे आम आदमी का बेहतर साथ मिल सके।