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डीजल, पेट्रोल या सीएनजी? जानिए आपके लिए कौन सी कार खरीदना बेहतर

सीएनजी की गाड़ी परफॉर्मेंस के मामले में पिछड़ जाती है। कार की मेंटेनेंस कॉस्ट काफी बढ़ जाती है। कई बार लोग सस्ती सीएनजी किट लगवा लेते हैं जिससे इंजन को काफी नुकसान पहुंचता है

By Ankit DubeyEdited By: Published: Wed, 02 May 2018 12:34 PM (IST)Updated: Thu, 03 May 2018 05:05 PM (IST)
डीजल, पेट्रोल या सीएनजी? जानिए आपके लिए कौन सी कार खरीदना बेहतर
डीजल, पेट्रोल या सीएनजी? जानिए आपके लिए कौन सी कार खरीदना बेहतर

नई दिल्ली (अंकित दुबे)। कार चलाने वाले करोड़ों लोग इन दिनों पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से परेशान हैं। महानगरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में सिर्फ 8 रुपए का अंतर रह गया है। ऐसे में अब लोग अपनी कार निकालने से पहले सोचने लगे हैं। हालांकि उनके पास बाजार में सीएनजी कारों के भी काफी सारे विकल्प मौजूद हैं, लेकिन इन्हें खरीदने का फैसला भी आसान नहीं होता है। हम आपको अपनी इस खबर में बताएंगे कि आपके लिए किस वेरियंट की कार खरीदना फायेदे का सौदा हो सकता है।

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कीमत के मामले में कौन हिट:

पेट्रोल इंजन वाली कार आपको 4 लाख रुपए में मिल सकती है, वहीं उसी मॉडल की डीजल कार के लिए आपको करीब 80 हजार से 1 लाख रुपये तक ज्यादा खर्च करने होते हैं। साथ ही अगर आप अपनी कार पेट्रोल में खरीदते हैं और उसमें सीएनजी किट लगवाना चाहते हैं तो उसके लिए बाजार में आपको 18 हजार से 28 हजार रुपये तक चुकाने पड़ते हैं। कंपनी से सीएनजी किट लगी कार के लिए आपको करीब 50-55 हजार रुपये अतिरिक्त चुकाने पड़ते हैं। यानी कीमत के आधार पर डीजल कार के मुकाबले पेट्रोल के साथ सीएनजी किट वाली कारें ज्यादा किफायती होती हैं।

क्या होगी रनिंग कॉस्ट?

रंनिंग कॉस्ट के मामले में डीजल इंजन पेट्रोल पर थोड़ा भारी पड़ता है। हालांकि, डीजल से चलने वाली गाड़ी पेट्रोल के मुकाबले ज्यादा माइलेज देती है। अगर आप इस वक्त 1.2 लीटर इंजन वाली कार की रनिंग कॉस्ट देखें तो पेट्रोल करीब 4.50 रुपये/किमी की रनिंग कॉस्ट देता है। वहीं, डीजल का यह आंकड़ा 3 रुपये/किमी है। ऐसे में अगर आप सीएनजी से चलने वाली कारें देखें तो वह 1 रुपये से 1.50 रुपये/किमी का रनिंग कॉस्ट देती हैं।

क्या कहते हैं ऑटो एक्सपर्ट?

ऑटो एक्सपर्ट रंजॉय मुखर्जी का मानना है कि नई कार अगर खरीद रहे हैं और आपका रोज का अप-डाउन 50 किलीमीटर है तो आपके लिए पेट्रोल इंजन वाली कार ही बेहतर होगी। वहीं, अगर आप रोजाना 50 से 100 किलोमीटर का सफर करते हैं तो आपके लिए डीजल विकल्प सही रहेगा।

जहां तक सीएनजी की बात है तो यह भी इस बात पर निर्भर करेगा कि आपने सीएनजी किट लगवाने पर कितने पैसे खर्च किए और एक साल में कितने किमी गाड़ी चलाई है। मिसाल के तौर पर अगर आप वैगन आर पेट्रोल के बजाए सीएनजी ऑप्शन लेते हैं तो करीब 60 हजार रुपये अतिरिक्त खर्च करने होंगे। सीएनजी से चलाने पर आप हर किमी पर करीब 2 से 3 रुपये बचा सकेंगे। इस स्थिति में अगर आप एक साल में 10 हजार किमी गाड़ी चला रहे हैं तो आप हर साल 20 से 30 हजार रुपये बचाकर तीन साल में लागत वसूल कर सकते हैं।

किसके लिए कौनसी गाड़ी बेस्ट?

- पेट्रोल इंजन वाली कार सबसे ज्यादा उन लोगों के लिए बेस्ट है जो एक साल में 10-12 हजार किमी के करीब गाड़ी चलाते हैं। भले ही पेट्रोल की कीमत ज्यादा हो लेकिन कार खरीदते वक्त ही आप डीजल कार के मुकाबले एक लाख रुपये बचा लेते हैं। अगर आप लिमिटेड गाड़ी चलाते हैं तो डीजल इंजन के लिए एक लाख देने का कोई फायदा नहीं। इसकी लागत वसूलने में आपको 5 साल लग जाएंगे और इतने वक्त बाद तो आमतौर पर लोग नई कार खरीदने की प्लानिंग शुरू कर देते हैं।

- अगर आप अक्सर अपनी कार से शहर से बाहर टूर पर या घूमने के लिए जाते हैं और एक साल में 20 हजार या ज्यादा गाड़ी चला लेते हैं तो डीजल इंजन का ऑप्शन आपके लिए है। क्योंकि जितने ज्यादा किमी आप गाड़ी चलाएंगे उतनी जल्दी गाड़ी की लागत वापस मिलेगी। इसलिए डीजल कार खरीदने से पहले यह कैलकुलेट कर लें कि एक साल में आप कितनी गाड़ी चलाने वाले हैं। अगर आपकी डीजल कार दो से तीन साल में अपनी ज्यादा कीमत फ्यूल बचत के रूप में वापस कर रही है तो डीजल इंजन लेना बेस्ट है।

- जो लोग शहर के अंदर ही ज्यादा कम्यूट करते हैं और फ्यूल पर पैसे नहीं खर्च करना चाहते तो सीएनजी उनके लिए बेहतर ऑप्शन है। सीएनजी कार की 1-1.5 रुपये/किमी की रनिंग कॉस्ट एक बाइक या स्कूटर की रनिंग कॉस्ट के बराबर ही पड़ती है। दिल्ली एनसीआर में 200 से ज्यादा सीएनजी पंप हैं तो सीएनजी भरवाने की भी कोई टेंशन नहीं।

क्या होगी परफॉर्मेंस?

- परफॉर्मेंस के मामले में पेट्रोल कार का कोई मुकाबला कोई नहीं कर सकता। पावर के साथ परफॉर्मेंस भी सबसे ज्यादा पेट्रोल इंजन ही देता है। शहर के भीतर गाड़ी चलानी हो या फिर हाई-वे पर भगाना हो, पेट्रोल इंजन जबर्दस्त परफॉर्मेंस देता है। इसके अलावा इसकी मेंटेनेंस कॉस्ट भी काफी कम होती है और पेट्रोल इंजन की लाइफ काफी ज्यादा होती है।

- नई टेक्नॉलजी आने के बाद डीजल इंजन की परफॉर्मेंस काफी बेहतर होती है। खासतौर पर हाईवे पर ड्राइव करते वक्त तो डीजल इंजन का कोई मुकाबला नहीं कर सकता। मेंटेनेंस कॉस्ट और इंजन की लाइफ पेट्रोल के मुकाबले थोड़ी कम होती है लेकिन सीएनजी के मुकाबले काफी बेहतर है।

- सीएनजी की गाड़ी परफॉर्मेंस के मामले में पिछड़ जाती है। कार की मेंटेनेंस कॉस्ट काफी बढ़ जाती है। कई बार लोग सस्ती सीएनजी किट लगवा लेते हैं जिससे इंजन को काफी नुकसान पहुंचता है। सीएनजी कार हाईवे पर पीछे छूट जाती है। हालांकि, कंपनी की ओर से लगाई जाने वाली सीएनजी किट अच्छा परफॉर्म करती है। मारुति के सीएनजी मॉडल्स की परफॉर्मेंस किट के साथ काफी बेहतर होती है।


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