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Petrol Vs Diesel Cars: जानें पेट्रोल कारों के मुकाबले क्यों महंगी होती है डीज़ल कार, फिर भी लोग जमकर करते हैं इस्तेमाल

पेट्रोल इंजन और डीज़ल इंजन दो पारंपरिक ईंधन हैं जिनकी गाड़ियां सबसे ज्यादा तादात में मार्केट में आती हैं। लेकिन जब भी आप नई कार खरीदने जाते हैं तो ये पाते हैं कि डीज़ल कारें पेट्रोल के मुकाबले ज्यादा महंगी होती हैं आइये जानते हैं ऐसा क्यों होता है।

By BhavanaEdited By: Published: Tue, 23 Feb 2021 02:07 PM (IST)Updated: Wed, 24 Feb 2021 09:34 AM (IST)
Petrol Vs Diesel Cars:  जानें पेट्रोल कारों के मुकाबले क्यों महंगी होती है डीज़ल कार,  फिर भी लोग जमकर करते हैं इस्तेमाल
Petrol Vs Diesel कार को दर्शाती प्रतिकात्मक (फोटो साभार: जागरण)

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। Petrol Vs Diesel Cars: जब भी आप एक कार खरीदने का मन बनाता हैं तो डीज़ल-पेट्रोल दोनों विकल्पों में ही कार देखते हैं। हालांकि अब तो अन्य ऑप्शन भी मार्केट में अवेलेबल हैं। लेकिन आज भी डीज़ल-पेट्रोल जैसे पारंपरिक ईंधन की कारें सबसे ज्यादा मार्केट में आती हैं। ऐसे में कार खरीदते समय सभी के मन में एक प्रश्न जरुर आता होगा कि डीजल इंजन की कारें पेट्रोल इंजन की कारों के मुकाबले लाखों रुपये महंगी क्यों होती हैं और इसके पीछे की असली वजह क्या है। भारत में 10 लाख रुपए के नीचे के डीजल और पेट्रोल कारों के बीच कई बार लाखों रुपए का फर्क होता है। आइये जानते हैं कि इसके पीछे की असली वजह क्या है। 

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इसलिए सस्ती होती हैं पेट्रोल कार: पेट्रोल फ्यूल वाली कारें डीज़ल के मुकाबले सस्ता होने का सबसे बड़ा कारण यह है कि इसमें डीजल इंजन के मुकाबले कम पार्ट्स लगे होते हैं। इसके अलावा इनका मेंटनेंस भी सस्ता होता है। दरअसल, पेट्रोल और डीज़ल दोनों ही इंजन अलग तरह से काम करते हैं। जहां पेट्रोल इंजन वाली गाड़ी इग्ननिशियन लेते वक्त स्पार्क प्लग का इस्तेमाल करती है तो वहीं डीज़ल इंजन की गाड़ियां कंप्रेशर के जरिये स्टार्ट होती है। पेट्रोल इंजन को काम करने के लिए डीज़ल के मुकाबले कम फोर्स की जरूरत पड़ती है इसलिए इसमें कम कंपोनेंट्स का इस्तेमाल किया जाता है। जिस वजह से यह गाड़ियां सस्ती होती हैं। 

डीज़ल कारें: पेट्रोल कारों की तुलना में डीजल कारों के महंगे होने के कई कारण हैं। पेट्रोल के मुकाबले डीजल इंजन में ज्यादा पार्ट्स लगे होते हैं। जिस वजह से इसकी कॉस्ट बढ़ जाती है।  डीजल इंजन में पैदा होने वाली गर्मी को झेलने के लिए इसमें कई पार्ट्स लगाने पड़ते हैं, जो कि काफी महंगे होते हैं। इन पार्ट्स के अलावा भी इसमें कई बार ऑयल बर्नर के साथ टर्बोचार्जर भी फिट किए जाते हैं। इससे इंजन की लागत और बढ़ जाती है। टर्बोचार्जर का फायदा यह है कि ये इंजन की पावर बढ़ाने में मदद करता है। कई बार ग्राहकों की ज्यादा डिमांड की वजह से भी इन कारों की कीमत बढ़ जाती है। 

पेट्रोल से पावरफुल होता है डीज़ल इंजन:  इन सभी चीजों के अलावा बेहतरीन ड्राइव परर्फोमेंस आपको डीज़ल इंजन में देखने को मिलती है जिस वजह से इनकी कीमत ज्यादा होती। दरअसल पेट्रोल के मुकाबले डीज़ल गाड़ियां अच्छी पावर और टार्क जनरेट करती हैं। जिस वजह से ड्राइवर को बिना जर्क के कम आरपीएम पर भी स्पीड पकड़नें  में दिक्कत नहीं आती और कार ज्यादा स्मूद चलती है। हालांकि पेट्रोल के मुकाबले डीज़ल इंजन का मेंटेनेंस कॉस्ट थोड़ी ज्यादा होती है और इसके इंजन में आवाज़ ज्यादा होती है।


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