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संसदीय समिति का केंद्र को सुझाव, इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए एक देश एक नीति जरूरी

समिति ने अभी तक देश में इवी की खास बिक्री नहीं होने पर चिंता जताई है। केंद्र को यह भी सुझाव दिया गया है कि कुछ राज्यों ने अभी तक इवी को लेकर कोई नीति नहीं बनाई है और ना ही उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए कुछ किया है।

By Atul YadavEdited By: Published: Wed, 08 Dec 2021 04:47 PM (IST)Updated: Thu, 09 Dec 2021 07:35 AM (IST)
संसदीय समिति का केंद्र को सुझाव, इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए एक देश एक नीति जरूरी
इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए एक देश, एक नीति जरूरी

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्यों को अपनी नीति बनाने की छूट दे दी है। इससे नीतिगत असमंजस का माहौल है, क्योंकि राज्यों की तरफ से अलग अलग प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं। अब उद्योग पर संसदीय स्थायी समिति ने सरकार को सुझाव दिया है कि वह देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए समान नीति बनाने के कदम उठाए।

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समिति ने इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए जरूरी लिथियम बैटरी के निर्माण भारत में हो इसके लिए भी कुछ अहम सुझाव दिए हैं। देश में इलेक्टि्रक वाहनों (ईवी) को प्रोत्साहन देने में जुटी केंद्र सरकार इन सुझावों को जल्द ही नीतिगत जामा पहना सकती है।

समिति ने कहा है कि अभी केंद्र व राज्यों की इवी नीतियों को साफ तौर पर रेखांकित करने की जरूरत है  । क्योंकि केंद्र व अलग अलग राज्यों की तरफ से दिए जाने वाले प्रोत्साहनों में अंतर होने की वजह से देश भर में इनकी बिक्री में एक समान वृद्धि नहीं हो पा रही है। ऐसे में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के प्रसार को तेज करने के लिए एक भारत एक नीति बननी चाहिए। इससे इवी निर्माता कंपनियों को निवेश करने में स्पष्ट दिशा मिलेगी।

समिति ने जताई चिंता

समिति ने अभी तक देश में इवी की खास बिक्री नहीं होने पर चिंता जताई है। केंद्र को यह भी सुझाव दिया गया है कि कुछ राज्यों ने अभी तक इवी को लेकर कोई नीति नहीं बनाई है और ना ही उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए कुछ किया है। ऐसे राज्यों को निर्देश दिया जाना चाहिए कि वह इवी खरीदने वालों को प्रोत्साहित करें। इस संदर्भ में सरकार की मौजूदा स्क्रैप नीति का स्वागत किया गया है।

एनसीआर बन रहा ईवी का हब

एनसीआर में नोएडा-ग्रेटर नोएडा इलेक्ट्रिक वाहनों के हब के रूप में विकसित हो रहा है। सरकार की फास्टर अडाप्शन एंड मैन्यूफैक्चरिंग आफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (फेम) स्कीम के जरिये अब तक नोएडा व ग्रेटर नोएडा में इलेक्ट्रिक वाहनों उत्पादन-बिक्री की 260 से अधिक इकाइयां खुल चुकी हैं। राज्य सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के रोड टैक्स व रजिस्ट्रेशन शुल्क पर छूट दे रही है। इलेक्ट्रिक बाइक पर केंद्र सरकार की ओर से अधिकतम 10,000 रुपये की सब्सिडी भी दी जा रही है।

इस बारे में एएमओ मोबिलिटी साल्यूशन के एमडी व सीईओ सुशांत कुमार ने कहा कि इलेक्ट्रिक बाइक्स और स्कूटर के हब के रूप में नोएडा-ग्रेटर नोएडा विकसित हो रहा है। देश में नौ लाख वाहन प्रतिवर्ष कारोबार है, उसमें दिल्ली- एनसीआर की 80 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इसमें से 50 प्रतिशत से अधिक पर उत्तर प्रदेश का कब्जा है। वर्ष 2025 तक देश में 70 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों के संचालन का अनुमान है।


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