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ACMA: नितिन गडकरी बोले आखिरी चरण में है ऑटो स्क्रैपेज नीति, जल्द मिल सकती है केंद्र की मजूरी

एक रिपोर्ट के मुताबिक़ नई स्क्रैपेज नीति से सरकार को इस साल 9600 करोड़ रुपए का लाभ होगा। इसके अगले पांच साल में 41900 करोड़ का लाभ होगा।

By Sajan ChauhanEdited By: Published: Sat, 05 Sep 2020 05:32 PM (IST)Updated: Sat, 05 Sep 2020 05:32 PM (IST)
ACMA: नितिन गडकरी बोले आखिरी चरण में है ऑटो स्क्रैपेज नीति, जल्द मिल सकती है केंद्र की मजूरी
ACMA: नितिन गडकरी बोले आखिरी चरण में है ऑटो स्क्रैपेज नीति, जल्द मिल सकती है केंद्र की मजूरी

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। ACMA के 60 वें सालाना वर्चुअल सत्र में बोलते हुए यूनियन मिनिस्टर नितिन गडकरी ने कहा कि केंद्र सरकार महात्वाकांक्षी स्क्रैपेज नीति को लागू करने के आखिरी चरण में है। गडकरी ने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से एक महीने या उससे पहले ही स्क्रैपेज नीति को मंजूरी मिल सकती है।

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इस नीति में ग्राहकों को अपने पुराने वाहन सरकार को देकर नए वाहन खरीदने के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा। इससे ग्राहकों और ऑटोमोबाइल कंपनियों को फायदा मिलेगा। इस नीति से भारत में चल रहे तमाम पुराने वाहनों को तत्काल प्रभाव से सड़कों से भी हटाया जा सकेगा जो पर्यावरण प्रदूषण को बढ़ाते हैं।

एक रिपोर्ट के मुताबिक़ नई स्क्रैपेज नीति से सरकार को इस साल 9600 करोड़ रुपए का लाभ होगा। इसके अगले पांच साल में 41,900 करोड़ का लाभ होगा। वहीं वाहन मालिकों को जीएसटी में 3600 करोड़ रुपए की छूट मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।

नई स्क्रेपेज नीति अगर एक महीने में लागू हो जाती है तो इससे देश के ऑटोमोबाइल सेक्टर को संभालने में मदद मिलेगी क्योंकि ऑटोमोबाइल सेक्टर साल 2019 से दो दशकों की सबसे बड़ी मंदी के दौर से गुजर रहा है। साल 2019 खत्म होते ही फिर एक बार ऑटोमोबाइल सेक्टर पर कोरोना वायरस महामारी की वजह से ग्रहण छा गया।

इसकी वजह से ऑटोमोबाइल सेक्टर को भारी नुकसान झेलना पड़ा क्योंकि महामारी की वजह से वाहनों का प्रोडक्शन पूरी तरह से ठप हो गया साथ ही साथ ग्राहकों ने भी वाहन खरीदने बंद कर दिए। हालांकि नई स्क्रैपेज नीति आने के बाद यह हालात तेजी से सुधरेंगे ऐसी उम्मीद जताई जा रही है और ऑटोमेकर्स ने भी इस नीति का समर्थन किया है। हालांकि अब स्क्रैपेज नीति अपने आखिरी चरण में चल रही है ऐसे में ऑटोमेकर्स ने राहत की सांस जरूरी ली होगी।

अमेरिका, चीन, कनाडा, ब्रिटेन जैसे देशों में पहले से ही ये नीति लागू है और अब जल्द ही भारत भी इन देशों की लिस्ट में शामिल हो सकता है। स्क्स्क्पिंस्क्रैपेज नीति लागू होने के बाद ग्रीन हाउस गैसों का उत्सृजन पहले के मुकाबले काफी कम किया जा सकेगा। 


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