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कार निर्माता वैकल्पिक ईंधन वाहनों पर ध्यान करें केंद्रित, सरकार भी करेगी सहयोग: नितिन गडकरी

नितिन गडकरी ने कार निर्माता कंपनियों से वैकल्पिक ईंधन से चलने वाले वाहनों पर ध्यान देने के लिए कहा है और यह भी कहा कि इसमें सरकार भी सहयोग करेगी।

By Sajan ChauhanEdited By: Published: Wed, 27 Nov 2019 04:59 PM (IST)Updated: Wed, 27 Nov 2019 04:59 PM (IST)
कार निर्माता वैकल्पिक ईंधन वाहनों पर ध्यान करें केंद्रित, सरकार भी करेगी सहयोग: नितिन गडकरी
कार निर्माता वैकल्पिक ईंधन वाहनों पर ध्यान करें केंद्रित, सरकार भी करेगी सहयोग: नितिन गडकरी

नई दिल्ली, पीटीआइ। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को देश में क्रूड ऑयल के इंपोर्ट को एक बड़ी आर्थिक चुनौती करार देते हुए व्हीकल निर्माताओं से ऑप्शनल फ्यूल व्हीकल्स पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया और इस कार्य में सरकार का सहयोग सुनिश्चित किया। गडकरी ने बायो-फ्यूल उत्पादन के लक्ष्य को पूरा करने के लिए कृषि और ऊर्जा की दिशा में विविधता लाने की बात पर जोर दिया।

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गडकरी ने 'नुगेन मोबिलिटी समिट 2019' को संबोधित करते हुए कहा कि "मैं आपको सरकार से यह विश्वास दिला रहा हूं कि हम सभी इस फील्ड के समर्थक हैं। आपको भविष्य की नीति के बारे में बहुत सारी आशंकाएं हैं लेकिन सरकार आपको नए विकास (ऑप्शनल फ्यूल व्हीकल) के लिए समर्थन और प्रोत्साहित करने के लिए उत्सुक है। पुराने विनिर्माण के साथ आगे बढ़ें, लेकिन ऑप्शनल फ्यूल को भी बढ़ावा दें।

उन्होंने कहा कि सरकार का ध्यान क्रूड ऑयल के ऑप्शन के रूप में 'इंपोर्ट सब्स्टीट्यूट ऑप्शन, प्रदूषण मुक्त और कॉस्ट इफेक्टिव" है और प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से कैबिनेट सेक्रेटरी और प्रींसिपल एडवाइजर को कोयला गैसीकरण और उससे मेथनॉल बनाने सहित इस दिशा में काम करने के निर्देश दिए हैं।

"जो समस्या हमारी इकोनॉमी से जुड़ी है, वह यह है कि हमारा इंपोर्ट बिल हमारी पूंजीगत लागत का 20 फीसद है जो कि देश के लिए एक बड़ी इकोनॉमिक चैलेंज है। यह वो समय है कि हमें इसको लेकर कुछ हल निकालना होगा। उन्होंने कहा कि ऑटोमोबाइल सेक्टर एक ऐसा सेक्टर है जो ज्यादा रोजगार के साथ सरकार को अच्छा राजस्व देता है।

ऑटोमोबाइल सेक्टर की दिक्कतों को हल करने का वादा करते हुए गडकरी ने कहा कि सरकार का इरादा उनके लिए बाधाएं पैदा करना नहीं था। टोयोटा और हुंडई जैसे लोकप्रिय कंपनियों की बात करते हुए उन्होंने कहा कि जब ये ब्राजील में फ्लेक्सी इंजन का निर्माण कर सकते हैं तो वे भारत में ऐसा क्यों नहीं कर सकते हैं जहां उपभोक्ता ऑप्शनल फ्यूल समेता विभिन्न ऑप्शन में से चुन सकते हैं। सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा कि भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है और 2030 तक यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद है।

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