दिल्ली-एनसीआर की सड़कों पर 10 साल से ज्यादा पुरानी डीजल गाड़ियों की जगह नहीं- एनजीटी
एनजीटी ने कहा है कि दिल्ली-एनसीआर में 10 साल से पुरानी डीजल से चलने वाली गाड़ियों की कोई जगह नहीं है।
नई दिल्ली (ऑटो डेस्क)। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने कहा है कि दिल्ली-एनसीआर में 10 साल से पुरानी डीजल से चलने वाली गाड़ियों की कोई जगह नहीं है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एनजीटी प्रमुख एके गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने वायु प्रदूषण से जुड़े चार साल पुराने मामले की सुनवाई करते हुए यह बात कही।
एनजीटी ने अपने आदेश में कहा कि ऐसे डीजल वाहन जो BSIV मानकों के अनुरूप नहीं हैं और जिनका इस्तेमाल एंबुलेंस, पेट्रोलिंग, अग्निश्मन और साफ-सफाई के अलावा दूसरे कामों के लिए किया जा रहा है उनका रजिस्ट्रेशन नहीं होना चाहिए। पीठ ने पूर्व में दिए गए एक आदेश का हवाला देते हुए कहा कि BSIV मानकों को पूरा नहीं करने वाले डीजल वाहनों को दिल्ली-एनसीआर में चलने के लिए पहले भी इजाजत मांगी गई थी। तब भी इसे स्वीकार नहीं किया गया था।
इसके साथ ही ट्रिब्यूनल ने आरटीओ को ऐसे वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द करने का आदेश दिया था। इसके बाद सरकार ने ट्रिब्यूनल के इस आदेश को मोटर व्हीकल एक्ट का उल्लंघन बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
अप्रैल 2020 से बिकेंगे सिर्फ बीएस 6 मानक वाहन
केन्द्र सरकार ने कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट को बताया कि एक अप्रैल 2020 से सिर्फ बीएस छह मानकों वाले वाहनों का ही निर्माण और बिक्री होगी। सरकार ने कहा कि इससे प्रदूषण की समस्या पर काफी हद तक रोक लगेगी। इसके अलावा सरकार ने कहा कि निजी वाहनों के लिए डीजल की अलग कीमत तय करना संभव नहीं है। एक अप्रैल 2020 के बाद सिर्फ बीएस छह मानक के वाहनों के निर्माण और बिक्री की इजाजत होगी।