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कन्फर्म: अब पुरानी कार नहीं होगी कबाड़, स्क्रैपिंग पॉलिसी के तहत वाहन खरीदने वालों को मिलेगी कीमत में 5% की छूट

योजना के अन्य लाभों पर प्रकाश डालते हुए गडकरी ने पीटीआई से कहा छूट के अलावा पुराने प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर ग्रीन टैक्स और अन्य शुल्क का प्रावधान होगा। वहीं सभी वाहनों को फिटनेस और प्रदूषण परीक्षणों से गुजरना होगा।

By BhavanaEdited By: Published: Sun, 07 Mar 2021 07:28 PM (IST)Updated: Mon, 08 Mar 2021 09:45 AM (IST)
कन्फर्म: अब पुरानी कार नहीं होगी कबाड़, स्क्रैपिंग पॉलिसी के तहत वाहन खरीदने वालों को मिलेगी कीमत में 5% की छूट
स्क्रैपिंग पॉलिसी की दर्शती तस्वीर (फोटो साभार: जागरण फाइल फोटो )

नई दिल्ली, पीटीआई । बजट 2021 में मोटर वाहन उद्योग को लेकर बड़ी घोषणाएं की गई है, जिनमें स्क्रैपिंग पॉलिसी को लेकर लगातार खबरें आ रही हैं। इसी क्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि जो उपभोक्ता अपने पुराने वाहन को रद्दी में देते हैं और वाहन स्क्रैपिंग पॉलिसी के तहत नया खरीदते हैं, उन्हें नया वाहन खरीदने पर लगभग 5 प्रतिशत की छूट मिलेगी। 2021-22 के केंद्रीय बजट के दौरान इस साल फरवरी में वाहन स्क्रैपिंग नीति की घोषणा की गई थी। जिसे देश के ऑटोमोबाइल सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए एक प्रमुख कदम के रूप में देखा गया है।

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इस पॉलिसी के अन्य लाभों पर प्रकाश डालते हुए गडकरी ने पीटीआई से कहा, "छूट के अलावा पुराने प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर ग्रीन टैक्स और अन्य शुल्क का प्रावधान होगा। वहीं, सभी वाहनों को फिटनेस और प्रदूषण परीक्षणों से गुजरना होगा।"  उन्हें स्वचालित सुविधाओं में अनिवार्य फिटनेस और प्रदूषण परीक्षणों से गुजरना होगा। जिसके लिये देश में कई स्वचालित फिटनेस सेंटर की आवश्यकता होगी और हम इस दिशा में काम कर रहे हैं।’’

इस नीति के तहत निजी वाहन 20 साल बाद फिटनेस परीक्षण से गुजरेंगे, जबकि वाणिज्यिक वाहनों को 15 साल पूरे होने के बाद  फिटनेस परीक्षण से गुजरना होगा। सरकार द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले स्वचालित फिटनेस परीक्षण सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड के तहत स्थापित किए जाएंगे । स्वचालित परीक्षणों में विफल रहने वाले वाहनों पर भारी जुर्माने का प्रवाधान होगा। 

केंद्रिय मंत्री ने कहा कि इस योजना से भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग के कारोबार में मौजूदा 4.5 लाख करोड़ की तुलना में 10 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होने का अनुमान है। यानी इसके जरिए कारोबार में करीब 30 प्रतिशत का मुनाफा होगा। वहीं, वर्तमान में जहां निर्यात घटक 1.45 लाख करोड़ रुपये है, वह आने वाले समय में 3 लाख करोड़ के आसपास होगा। "इस नीति के लागू होने के बाद ऑटोमोबाइल भागों के निर्माण में स्क्रैप की गई सामग्री जैसे स्टील, प्लास्टिक, रबर, एल्युमिनियम आदि की उपलब्धता हो जाएगी, जिससे उनकी लागत में 30-40 प्रतिशत की कमी आएगी।"


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