अब विदेशों से कार और बाइक इंपोर्ट करना होगा आसान, आ रही है नई नीति
सरकार विदेशों से बाइक और कार इंपोर्ट की मौजूदा नीति को बदलने का विचार कर रही है।
नई दिल्ली (ऑटो डेस्क)। रोड ट्रांसपोर्ट और हाइवे मंत्रालय ने अपनी नई नीति में विदेशों से कार और मोटरसाइकिल इंपोर्ट में लगाई गई बाधाएं हटा ली हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर तय सीमा में दुनियाभर में बिकने वाले मॉडल्स को भारत में इंपोर्ट कर सकेंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हर कंपनी एक साल में विदेशों में बनी कार या बाइक की 2500 यूनिट्स इंपोर्ट कर सकती है। वहीं ट्रक और बस जैसे हैवी कमर्शियल वाहनों की सालाना 500 यूनिट्स इंपोर्ट की जा सकती हैं।
इंपोर्ट किए जाने वाले वाहनों का राइट-हैंड-ड्राइव (RHD) होना जरूरी है और इन पर इंपोर्ट और दूसरी सारी ड्यूटी लागू होंगी। इसके अलावा नई नीति में वाहनों के कलपुर्जों के इंपोर्ट की भी अनुमति होगी।
मौजूदा पॉलिसी के अनुसार विदेशों में बने वाहनों को भारत में इंपोर्ट करना काफी मुश्किल भरा काम है। उद्योगों का कहना है कि मौजूदा नीति के तहत कंपनियों को टेस्टिंग और यहां तक की रिसर्च और डिजाइन के लिए भी ऐसे वाहनों को इंपोर्ट करने की इजाजत नहीं है जो भारतीय मानकों के अनुरूप नहीं है। अभी कंपनियों को केवल 28.7 लाख रुपये से ज्यादा कीमत वाली कारों को होमोलोगेशन-फ्री-इंपोर्ट की छूट है। वहीं दो पहिया वाहनों के मामले में कंपनियां 800 CC से ज्यादा पावरफुल इंजन वाली बाइक इंपोर्ट कर सकती हैं। नई नीति आने के बाद ये नियम बदल जाएंगे।
इस बारे में अभी तक मंत्रालय की तरफ से कोई आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है। नई नीति आने के बाद कंपनियों के लिए कई नए मौके खुल जाएंगे। साथ ही इस नीति आने के बाद कई ग्लोबल मॉडल्स को भारतीय सड़कों पर देखा जा सकता है।
माना जा रहा है कि नई नीति लागू होने के बाद मारुति सुजुकी स्विफ्ट स्पोर्ट को भारत में लाने के फैसले पर पुनर्विचार कर सकती है। साथ ही निसान और टोयोटा जैसी कंपनियां इंटरनेशनल मार्केट में पॉपुलर अपने कई मॉडल भारत में ला सकती है। दो-पहिया वाहनों के बारे में बात की जाए तो अब 800 cc से कम इंजन वाली बाइक्स इंपोर्ट की जा सकेंगी।