महज 60 रुपये के इस सर्टिफिकेट से बचा सकते हैं 10 हजार का चालान, जानें कैसे
Motor Vehicle Act में बदलाव के बाद अगर अब कोई भी व्यक्ति नियमों को तोड़ता है तो उसे काफी ज्यादा चालान का भुगतान करना होगा।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। भारत में 1 सितंबर, 2019 से नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू कर दिया गया है। संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट में ट्रैफिक चालान को पहले के मुकाबले कई गुना ज्यादा कर दिया गया है। अगर अब कोई भी व्यक्ति नियमों को तोड़ता है तो उसे काफी ज्यादा चालान का भुगतान करना होगा। ईंधन से चलने वाली सभी वाहन प्रदूषण करते हैं और प्रदूषण की सीमा को जांचने के लिए सभी वाहनों के पॉल्यूशन सर्टिफिकेट जारी किए जाते हैं। अगर आपने अभी तक पॉल्यूशन नहीं करवाया तो जल्द से जल्द जाकर पॉल्यूशन करवा लीजिए, क्योंकि इसका चालान काफी ज्यादा बढ़ गया है।
दिल्ली में पॉल्यूशन सर्टिफिकेट के चार्ज की बात की जाए तो पेट्रोल / सीएनजी / एलपीजी वाहनों के लिए पॉल्यूशन सर्टिफिकेट चार्ज कुछ इस प्रकार हैं।
टू-व्हीलर और थ्री व्हीलर के लिए पॉल्यूशन सर्टिफिकेट का चार्ज 60 रुपये है।
चार पहिए वाले वाहन के लिए पॉल्यूशन सर्टिफिकेट चार्ज 80 रुपये है।
डीजल वाहन के लिए पॉल्यूशन सर्टिफिकेट चार्ज 100 रुपये है।
पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (PUC) टेस्ट में व्हीकल्स को धुएं, कार्बन मोनोऑक्साइड, हाइड्रोकार्बन और अन्य वायु प्रदूषकों के उत्सर्जन के लिए जांचा जाता है। टेस्ट के आधार पर यह प्रमाणित करने के लिए एक पीयूसी सर्टिफिकेट जारी किया जाता है कि व्हीकल उत्सर्जन और प्रदूषण नियंत्रण मानदंडों को पूरा करता है।
पॉल्यूशन सर्टिफिकेट न रखने पर कितना लगेगा जुर्माना?
अगर व्हीकल में एक वैलिड पीयूसी सर्टिफिकेट नहीं ले जाया जाता है तो नए मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 190 (2) के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है। साथ ही PUC मानदंड का उल्लंघन करने पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। पहले पॉल्यूशन सर्टिफिकेट न होने पर 1000 रुपये का चालान था।
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