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भविष्य के वाहनों के लिए स्पष्ट और स्थायी नीति की जरूरत: मारुति सुजुकी

मारुति सुजुकी इंडिया ने बुधवार को कहा कि सरकार को भारत आवागमन के भविष्य के संसाधनों के बारे में एक स्पष्ट और स्थायी नीति तय करनी चाहिए ताकि ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री भविष्य के वाहनों के लिए तैयार हो सके

By Ankit DubeyEdited By: Published: Wed, 05 Sep 2018 05:47 PM (IST)Updated: Thu, 06 Sep 2018 07:35 AM (IST)
भविष्य के वाहनों के लिए स्पष्ट और स्थायी नीति की जरूरत: मारुति सुजुकी
भविष्य के वाहनों के लिए स्पष्ट और स्थायी नीति की जरूरत: मारुति सुजुकी

नई दिल्ली (ऑटो डेस्क)। देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया ने बुधवार को कहा कि सरकार को भारत आवागमन के भविष्य के संसाधनों के बारे में एक स्पष्ट और स्थायी नीति तय करनी चाहिए ताकि ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री भविष्य के वाहनों के लिए तैयार हो सके। ऑटोमोटिव कम्पोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ACMA) के वार्षिक सम्मेलन में मारुति सुजुकी इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी केनिची आयुकावा ने यह भी कहा कि अपने ऊर्जा सुरक्षा लक्ष्यों को पाने के लिए भारत को टेक्नोलॉजी के आधार पर तटस्थ दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है।

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आयुकावा ने कहा, ''ऑरिजनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर (OEMs) और ऑटो कम्पोनेंट्स मैन्युफैक्चरर्स के लिए टेक्नोलॉजी निवेश का बड़ा अवसर है।" उन्होंने कहा कि क्षमता निर्माण और पूंजीगत निवेश को मिलाकर भविष्य की योजनाएं बनाने के लिए एक लघु अवधि, मध्यम अवधि और दीर्घ अवधि की नीति का खाका तैयार करना उपयोगी होगा। स्पष्ट नीति का खाका तैयार करने पर जोर देते हुए आयुकावा ने कहा, ''नई टेक्नोलॉजी के लिए एक स्प्षट और स्थायी नीति का ढांचा OEMs और ऑटो कम्पोनेंट्स मैन्युफैक्चरर्स में निवेश करने वालों को साहस देगा।"

नई टेक्नोलॉजी और ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्सर्जन कटौती के लिए सरकार के प्रयासों पर उन्होंने कहा कि वाहन उद्योग सरकार के साथ इन लक्ष्यों को पाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, ''भारत के लिए जरुरतें अलग हैं। इसलिए ऊर्जा सुरक्षा लक्ष्यों को पाने के लिए भारत को टेक्नोलॉजी के आधार पर तटस्थ दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत हो सकती है।" उन्होंने कहा, ''हमें इलेक्ट्रिक वाहन, हाइब्रिड, सीएनजी, मेथनॉल और एथेनॉल समेत सारे विकल्प खुले रखने चाहिए।"

आयुकावा ने कहा कि इन सभी क्षेत्रों में नई टेक्नोलॉजी और क्षमता एवं योग्यता निर्माण के लिए निवेश करना चाहिए। यदि 2030 तक हम छोटे इलेक्ट्रिक वाहन को बड़े पैमाने पर अपनाने का सोच भी रहे हैं तब भी बड़े पैमाने पर हमें अंत: पेट्रोल-डीजल टेक्नोलॉजी वाले इंजनों के विद्युतीकरण की जरूरत होगी। वाहनों की अगली पीढ़ी कई तरह की तकनीकों जैसे कि इलेक्ट्रिक वाहन, हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन और आपस में टेक्नोलॉजी से जुड़ी कारों को लेकर आएगी। 


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