Mahindra ने की मोदी सरकार से मांग, कहा - टैक्स घटाकर दें ऑटो इंडस्ट्री को राहत
महिंद्रा एंड महिंद्रा के मुताबिक कमोडिटी प्राइज गिरने की वजह से वो सिर्फ अपने मार्जिन को मेंटेन करने में ही सक्षम हैं
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। ऑटो इंडस्ट्री इस वक्त अपने बुरे वक्त से गुजर रही है और रोजाना वाहनों की बिक्री के आंकड़े कम ही देखने को मिल रहे हैं। ऐसे में ऑटो इंडस्ट्री को आने वाले दिनों में भारी पैमाने पर नौकरियों में छंटनी करनी पड़ सकती है। इतना ही नहीं, यही वजह भी है कि बड़ी ऑटो कंपनियां सरकार से मदद की गुहार लगा रही हैं। देश की दिग्गज कार निर्माता कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा ने ऑटो सेक्टर को लेकर गंभीर चिंता जाहिर की है और कहा कि आने वाले समय में घरेलू ऑटो सेक्टर में नौकरियां जाने का खतर बढ़ता जा रहा है। ऐसे में सरकार को तत्काल प्रभाव से टैक्स में कटौती और अन्य तरीकों से ऑटो इंड्सट्री की मदद करनी चाहिए।
ऑटो कंपनियों के सामने बैंकों का कर्ज चुकाने की समस्या खड़ी हो गई है और बता दें कि बैंकों की तरफ से कमर्शियल मैन्युफैक्चर्स को करीब 55 से 60 फीसद ही फंड जारी किया जाता है, जबकि यात्री वाहनों के निर्माण के लिए 30 फीसद ही फंड मिलता है। ऐसे में कर्ज ना चुकाने की वजह से महिंद्रा एंड महिंद्रा के साथ मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स जैसी घरेलू कंपनियां अपने प्रोडक्शन में कटौती कर रही हैं या फिर अस्थायी रूप से काम कर रहे कर्मचारियों की छंटनी कर रही हैं। इतना ही नहीं, कंपनियां अस्थायी रूप से प्लांट बंद करने का विकल्प भी चुन रही हैं।
महिंद्रा एंड महिंद्रा के मुताबिक कमोडिटी प्राइज गिरने की वजह से वो सिर्फ अपने मार्जिन को मेंटेन करने में ही सक्षम हैं। ऐसे में सरकार अगर GST रेट में कटौती करती है तो वाहनों की बिक्री में थोड़ी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। वाहनों की बिक्री घटने से ऑटो सेक्टर में काम कर रहे 35 मिलियन कर्मचारियों की नौकरी पर संकट आ गया है। रॉयटर्सने भी अपनी एक रिपोर्ट जारी की जिसमें कहा कि इस साल अप्रैल से अब तक कार निर्माता कंपनियां, पार्ट्स मैन्युफैक्चरिंग और डीलर्स से जुड़े क्षेत्र के करीब 3.50 लाख कारीगर बेरोजगार हो गए हैं।
महिंद्रा एंड महिंद्रा के मैनेजिंग डायरेक्टर पवन गोयंका ने कहा कि मौजूदा हालात के हिसाब से ऑटो इंडस्ट्री के चार प्रमुख एरिया में काम करने वालों की नौकरी जा सकती है। इसमें पार्ट्स मेकर, सप्लायर, डीलर और अनऑर्गेनाइज सेक्टर के कर्मचारी शामिल हैं।
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