Lohia Auto अपनी सभी ईवी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बनेगी वन-स्टॉप-शॉप
लोहिया ऑटो ने साल 2020 में अपने सभी ई-वाहनों की जरूरतों के लिए ’वन-स्टॉप-शॉप’ बनेगी
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। लोहिया ऑटो ने साल 2020 में अपने सभी ई-वाहनों की जरूरतों के लिए ’वन-स्टॉप-शॉप’ बनेगी। कंपनी ने इस संबंध में योजना पर काम शुरू कर दिया है। कंपनी की विस्तार योजना पर प्रतिक्रिया देते हुए श्री आयुष लोहिया, सीईओ, लोहिया ऑटो इंडस्ट्रीज ने कहा कि “भारत में ईवी वाहनों के शुरुआती निर्माताओं में से एक होने के नाते, लोहिया ऑटो ने पिछले 10 वर्षों में ईवी उद्योग में एक बड़ा बदलाव देखा है। इस बदलाव में सबसे आगे होने के नाते हमें लगता है कि अब समय आ गया है कि हम योजना को आगे बढ़ाएं। हमारा कदम भारत सरकार के नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन प्लान 2020 के साथ भी है, जिसने 2020 तक हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों की 60-70 लाख बिक्री का महत्वाकांक्षी लक्ष्य हासिल करना निर्धारित किया है। इस वर्ष की योजना को ’एम्ब्रेस द रेवोल्यूशन’ नाम दिया गया है। हम लोहिया ऑटो को तीन पहिया बाजार में ग्राहकों की सभी श्रेणियों के लिए ईवी प्रदान करने वाली पहली कंपनियों में से एक बनाएंगे।”
’एब्रेस द रिवोल्यूशन’ योजना का प्रमुख आधार ये है कि लोहिया ऑटो का उद्देश्य उपभोक्ताओं की मानसिकता को बदलना है और वर्तमान और भविष्य में उपभोक्ता आधार के बीच की अंतर को पूरा करना है। ये स्पष्ट है कि मोबिलिटी के लिए ईवी आम लोगों की पहली पसंद के तौर पर सामने आ रहा है।
इसके अतिरिक्त अधिक उत्पाद और मॉडल जोड़ने से भी भारत को इलेक्ट्रिक रिवोल्यूशन को आगे ले जाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि “ऑटोमोबाइल क्षेत्र में, इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर क्षेत्र में स्पष्ट दिख रहे बदलाव में सबसे अग्रणी रहे हैं और देश में ईवी को अपनाने के लिए एक प्रमुख चालक होंगे। दस साल पहले लोहिया ऑटो इस परिवर्तन का प्रचार करने वाले पहले लोगों में से एक था, जो कि उसके बाद साल दर साल मजबूती से आगे बढ़ती रही और उसे ईवी की बढ़ती मांग का फायदा मिला। भारत सरकार ने भी उपभोक्ता सहायता में वृद्धि के लिए काफी समर्थन और प्रोत्साहन दिया है। लोहिया ऑटो गतिशीलता के लिए अधिक टिकाऊ, पर्यावरण के अनुकूल और किफायती विकल्प के रूप में ईवी को अपनाने में देश का नेतृत्व करने में एक महत्वपूर्ण और अभिन्न भूमिका निभाने की इच्छा रखता है।“
देश में निजी वाहनों की संख्या में वृद्धि गंभीर पर्यावरणीय प्रभावों को प्रभावित करती है। लगभग 26.27 मिलियन बॉयो फ्यूल आधारित वाहन सालाना देश भर में बेचे जाते हैं। ईवी रिवोल्यूशन न केवल मोबिलिटी को सस्ती, उपलब्ध और तकनीकी रूप से संचालित करेगी, बल्कि उपभोक्ताओं को भी बचाएगी। इसके साथ ही देश को डीजल और पेट्रोल पर खर्च होने वाली महत्वपूर्ण लागतों से भी बचाएगी और तेल आयात के लिए जरूरत को भी कम करेगी।