Land Rover Defender को हाइड्रोजन फ्यूल से चलाएगी कंपनी, सामने आई ये जानकारी
लैंड रोवर की डिफेंडर एसयूवी पर आधारित हाइड्रोजन फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक वाहन (FCEV) पर कंपनी काम कर रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार जल्द ही लैंड रोवर डिफेंडर के हाइड्रोजन फ्यूल से चलने वाले प्रोटोटाइप का टेस्ट कंपनी शुरू करने वाली है।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। टाटा मोटर्स के स्वामित्व वाली जगुआर लैंड रोवर ने बताया कि वह लैंड रोवर की डिफेंडर एसयूवी पर आधारित हाइड्रोजन फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक वाहन (FCEV) पर काम कर रही है। कंपनी के अनुसार जल्द ही लैंड रोवर डिफेंडर के हाइड्रोजन फ्यूल से चलने वाले प्रोटोटाइप का टेस्ट कंपनी शुरू करने वाली है। वहीं जगुआर का कहना है कि, कंपनी जल्द ही अपने शून्य कार्बन उत्सर्जन के टारगेट को पाने के लिए हाइड्रोजन फ्यूल बेस्ड एसयूवी की ओर रूख करने वाली है। हाइड्रोजन फ्यूल सेल व्हीकल में इलेक्ट्रिक मोटर को बिजली देने के लिए हाइड्रोजन सेल का इस्तेमाल किया जाता है। इसे बैटरी से चलने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जगुआर की तरफ से मंगलवार को कहा गया है कि, हाइड्रोजन फ्यूल से चलने वाली लैंड रोवर डिफेंडर का ऑफ रोड टेस्ट किया जाएगा। जिससे इस बात का पता लगाया जा सके कि हाइड्रोजन ईंधन सेल बैटरी, इलेक्ट्रिक कारों की तुलना में अधिक रेंज दे सकते है या नहीं, इसके अलावा कंपनी की तरफ से कहा गया है कि इस तकनीक को बड़े लेवल पर अपनाया जाता है, तो मौजूदा बुनियाद जरूरत के हिसाब से काफी कम हैं। कंपनी का कहना है कि हाइड्रोजन ईंधन पर चलने वाले इलेक्ट्रिक वाहन से अधिक और कम तापमान में भी चलाने के लिए सबसे बेहतर वाहन होंगे और भविष्य इन्हीं वाहनों का है।
एशिया की ज्यादातर ऑटोमेकर कंपनियां इलेक्ट्रिक कार और हाइड्रोजन फ्यूल से चलने वाली कारों में अपना भविष्य देख रही हैं। वहीं जगुआर का कहना है कि, हाइड्रोजन फ्यूल उच्च ऊर्जा देता है और इसे तेजी से रिफ्यूल किया जा सकता है। इसके साथ ही कम तापमान पर ईधन की खपत दूसरे विकल्पों के मुकाबले कम होती है। जानकारी के लिए बता दें कि भारत की टाटा मोटर्स के स्वामित्व वाली जेएलआर ने इस साल की शुरुआत में कहा था कि उसका लक्ज़री ब्रांड जगुआर जितनी जल्द हो सकते उतनी जल्द पूरी तरह से इलेक्ट्रिक हो जाएगा, और कंपनी की तरफ से आने वाली ऑफ-रोड लैंड रोवर ब्रांड अगले पांच वर्षों में छह पूर्ण इलेक्ट्रिक मॉडल लॉन्च करेगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 2018 के बाद से फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक व्हीकल्स लगभग दोगुने हो गए हैं, जबकि हाइड्रोजन ईंधन भरने वाले स्टेशनों में 20 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। यह अनुमान लगाया गया है कि अगले नौ वर्षों में 1 करोड़ हाइड्रोजन सेल से चलने वाले वाहन मौजूद होंगे। बता दें न सिर्फ जेएलआर बल्कि जर्मन कार निर्माता बीएमडब्ल्यू भी 2022 में एक सीमित श्रृंखला हाइड्रोजन ईंधन सेल मॉडल एसयूवी की योजना बना रही है। इसके अलावा दिसंबर में, जापानी कार निर्माता टोयोटा मोटर कॉर्प ने इलेक्ट्रिक वाहनों की तेजी से बढ़ती मांग के बीच शून्य-उत्सर्जन तकनीक को बढ़ावा देने के लिए अपनी नई मिराई हाइड्रोजन ईंधन सेल कार का अनावरण किया था।