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#NayaBharat: हाइब्रिड कार के जीएसटी स्ट्रक्चर में सुधार की जरूरत - Naveen Soni

Nayabharat के इस एपिसोड में Toyota Kirloskar Motor के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (सेल्स एंड सर्विस) नवीन सोनी से ऑटो इंडस्ट्री के हालात और हाइब्रिड कारों के बारे में बातचीत की है।

By Ankit DubeyEdited By: Published: Mon, 06 Jul 2020 07:50 PM (IST)Updated: Tue, 07 Jul 2020 09:22 AM (IST)
#NayaBharat: हाइब्रिड कार के जीएसटी स्ट्रक्चर में सुधार की जरूरत - Naveen Soni
#NayaBharat: हाइब्रिड कार के जीएसटी स्ट्रक्चर में सुधार की जरूरत - Naveen Soni

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। भारतीय बाजार में आने वाला समय इलेक्ट्रिक कारों और हाइब्रिड कारों का ही है। ऐसे में कोरोनावायरस महामारी के संक्रमण को रोकने के लिए ऑटोमोटिव इंडस्ट्री की तरफ से किए गए बदलाव काफी अहम माने जा रहे हैं। हालांकि, इस महामारी के बाद ऑटो इंडस्ट्री हाइब्रिड कारों को लेकर क्या योजनाएं बना रही है, इस बात का जानना भी लोगों के लिए काफी जरूरी है। इस कड़ी में Nayabharat के आज के एपिसोड में हमारे साथ Toyota Kirloskar Motor के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (सेल्स एंड सर्विस), नवीन सोनी (Naveen Soni) जुड़े हैं, जिनसे Jagran Hitech के एडिटर सिद्धार्था शर्मा ने ऑटोमोटिव इंडस्ट्री के हालात और इलेक्ट्रिक, हाइब्रिड वाहनों पर सवाल किए हैं। आइए इस बातचीत को विस्तार से जानते हैं...

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सिद्धार्था शर्मा - कोविड-19 का वैश्विक प्रभाव कैसा रहा? साथ ही इसका असर पूरी ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री पर कैसा रहा है?

नवीन सोनी - जनवरी में किसी ने सोचा नहीं था कि ऐसी कोई स्थिति उत्पन्न होगी, जहां पर सारा ऑफिस घर से चलेगा। आईटी कंपनियों के इतर मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियों को भी वर्क फ्रॉम करना होगा। ऐसे में हमें वर्क फ्रॉम होम के कारोबार के बारे में सीखने को मिला। दूसरी चीज कोविड-19 के दौर में डीलर्स के साथ कनेक्टेड रहकर उन्हें उत्साहित करना पड़ा। ऐसी कई तरह की पॉजिटिव चीजे निकलकर आई, जिसमें हमें कॉन्टैक्टलेस कारोबार के बारे में पता चला और साथ ही इसे सीखा भी। मौजूदा वक्त में हमारी करीब 90 फीसदी डीलरशिप खुल गई हैं। हालांकि अभी चेन्नई की डीलरशिप बंद हो गई हैं। डीलशिप खुलने के बाद व्हीकल सर्विसिंग का ग्राफ तेजी से बढ़ता जा रहा है। वहीं वाहनों की बिक्री में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। डीलरशिप की तीन स्टेज हैं - इन्क्वायरी, आर्डर और रिटेल, तो अगर इन्कवायरी की बात करें, तो यह कोविड से पहले के हिसाब किताब में पहुंच चुकी हैं। आर्डर स्टेज में अभी हम 70 फीसदी पर पहुंच रह हैं, जबकि रिटेल स्टेज में आंकड़ा 50 फीसदी है।

सिद्धार्था शर्मा - पिछले वित्त वर्ष में भारतीय ऑटोमोटिव इंडस्ट्री को आर्थिक सुस्ती के साथ BS4 से BS6 में शिफ्ट होने जैसी काफी चुनौतियों से गुजरना पड़ा था। इसके बाद कोविड-19 महामारी का दंश झेलना पड़ा। ऐसे में अब ऑटोमोटिव इंडस्ट्री में कैसी नई तरह की स्ट्रैटजी देखने को मिलेंगी, जिससे ऑटोमोटिव इंडस्ट्री को दोबारा से ट्रैक पर लाया जा सकेगा?

नवीन सोनी - बिजनेस में तीन चीजे जरूरी हैं - गति, उम्मीदें और जवाबदेही। अगर इन तीन सर्विस में ध्यान देते हैं, तो बिजनेस को दोबारा से वापस लाने में कोई परेशानी नहीं होगी। कोविड-19 के दौर में गति, उम्मीदें और जवाबदेही काफी अहम हो जाती हैं। ऐसे में हमने एक जनवरी 2020 को नॉर्थ, साउथ और वेस्ट के रीजनल ऑफिस को स्ट्रैटजिक बिजनेस यूनिट बना दिया था, जिसमें स्थानीय कस्टमर के लिए कदम उठाए जा सकते थे। यह रणनीति कोविड-19 के वक्त में काफी काम आई है। मतलब स्ट्रैटजिक बिजनेस यूनिट अपने हिसाब से नए कायदे-कानून बना सकेंगे। साथ ही डीलर को साथ रखने में हमें आसानी होती है। ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के लिए डीलर एक अहम संपत्ति होते हैं।

सिद्धार्था शर्मा - टोयोटा कंपनी हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक व्हीकल तकनीक के मामले में सबसे आगे खड़ी नजर आती है? ऐसे में हमें Toyota की तरफ से क्या नई चीजें देखने को मिलेंगी? साथ ही टोयोटा के प्रोडक्ट लाइनअप के बारे में बताइए?

नवीन सोनी - हाइब्रिड टेक्नोलॉजी के हम प्रथम अन्वेषक रहे हैं। कंपनी ने 1.5 करोड़ हाइब्रिड टेक्नोलॉजी वाली कारों की बिक्री की है। साथ ही साल दर साल हाइब्रिड तकनीक को स्वीकार करने में तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है। हाइब्रिड तकनीक के कुछ फायदे हैं- जैसे ग्राहकों को गाड़ी की पावर में इजाफा मिलता है, क्योंकि इंजन और मोटर साथ में चलते हैं। साथ ही गाड़ी से एक अच्छा माइलेज मिलने के साथ ही यह तकनीक पर्यावरण के अनुकूल भी है। हाइब्रिड व्हीकल में कोई भी आवाज नहीं होती है। साथ ही गाड़ी चलते हुए खुद को चार्ज कर लेती है। इन सारे खूबियों के चलते यह टेक्नोलॉजी काफी शानदार है। हालांकि, हाइब्रिड टेक्नोलॉजी को लेकर सरकार से जीएसटी स्ट्रक्चर में सुधार की मांग है। जीएसटी की वजह से हाइब्रिड गाड़ियों की कीमत में 15 फीसदी का इजाफा हुआ है। इसकी वजह से यह ग्राहकों के लिए अब उतनी किफातयी नहीं रह जाती है। हम सरकार से हाइब्रिड के लिए कोई सब्सिडी नहीं मांग रहे हैं, लेकिन वैट की तरह ही जीएसटी वसूलने की मांग कर रहे हैं, जिससे गाड़ी किफायती कीमत बिंदु में पेश हो सकेगी। टोयोटा ने सबसे पहले कैमरी हाइब्रिड कार को भारत में पेश किया था, जिसे स्थानीय स्तर पर बैंग्लोर में ही बनाया गया था। इस गाड़ी काफी अच्छी प्रतिक्रियाएं मिली हैं। अगर गाड़ियों के इलेक्ट्रीफिकेशन की बात करें, तो भविष्य इन्हीं गाड़ियों का है। ऐसा इसलिए क्योंकि पेट्रोल-डीजल का भंडार सीमित है। ऐसे में भारत जैसी देश के लिए हाइब्रिड कार ही एक आखिरी सॉल्यूशन है।

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सिद्धार्था शर्मा - सरकार की तरफ से SME और MSME के लिए कई तरह की स्कीम पेश की गई हैं और ऑटोमोटिव इंडस्ट्री MSME के साथ काफी करीब से काम करती है। ऐसे में आप इसे लेकर क्या कहेंगे?

नवीन सोनी - सरकार की तरफ से समय रहते कई सारे कदम उठाए गए हैं। सरकार और रिजर्व बैंक ने मिलकर तरलता को बढ़ाने के कई फैसले लिए हैं। अगर राहत पैकेज की बात करें, तो सप्लाई में इसके असर दिखेंगे। डिमांड की बात करें तो ग्राहकों को मदद की जरूरत है, ऐसे में डिमांड बढ़ेगी, दूसरी तरफ डिमांड साइड में बैंक और अन्य आर्थिक संस्थान की तरफ से तरलता मौजूद है। ऐसे में अगर ये दोनों मिल जाते हैं, तो ऑटोमोटिव इंडस्ट्री पर इसका साफ असर दिखेगा। मेरे मुताबिक सब्सिडी का जमाना चला गया है और उत्पन्न करना (Create) और विकसित करना (Cultivate) का जमाना आ गया है।

Jagran HiTech #NayaBharat सीरीज के तहत इंडस्ट्री के लीडर्स और एक्सपर्ट्स ने क्या कहा है, ये जानने के लिए यहां क्लिक करें।


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