क्या टेस्ला का ऑटोपायलट फुल सेल्फ-ड्राइविंग फीचर है एक झूठ? कैलिफोर्निया रेगुलेटर ने लगाए आरोप
कैलिफोर्निया राज्य परिवहन रेगुलेटर ने Tesla कारों के ऑटोनोमस सेल्फ ड्राइविंग तकनीक पर सवाल उठायें है। आरोप है कि टेस्ला ने ऑटोपायलट और फुली ऑटो ड्राइविंग सुविधाओं का झूठा विज्ञापन दिखाया हैमूर विज्ञापन के जरिए ग्राहकों को भ्रमित किया गया है। पूरी रिपोर्ट नीचे देखें
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला इंक पर कैलिफोर्निया राज्य परिवहन रेगुलेटर ने आरोप लगाया गया है कि ऑटोनोमस ड्राइविंग कंट्रोल के रूप में टेस्ला ने अपने ऑटोपायलट और फुली ऑटो ड्राइविंग सुविधाओं का झूठा विज्ञापन किया है। कैलिफोर्निया के मोटर वाहन विभाग (डीएमवी) में दायर शिकायतों में कहा गया है कि टेस्ला ने उन्नत ड्राइवर सहायता प्रणाली (ADAS) कितनी अच्छी तरह काम करती है यह दिखा कर संभावित ग्राहकों को विज्ञापन के साथ गुमराह किया है।
टेस्ला पर लगाए गए हैं यह आरोप
डीएमवी ने शिकायतों में कहा, टेस्ला ने "झूठे और भ्रामक बयान प्रसारित किए हैं और यह किसी भी तथ्यों पर आधारित नहीं हैं।" डीएमवी ने यह भी कहा कि ऑटोपायलट और फुली ऑटो ड्राइविंग तकनीक से लैस कार उन विज्ञापनों के समय नहीं थे और अब उनका इस्तेमाल ऑटोनोमस वाहनों के रूप में नहीं कर सकते हैं।" बता दें कि टेस्ला दुनियाभर में अपने ऑटोनोमस कारों के लिए पहचानी जाती है और इस पर ही अब सवाल उठाए जा रहे हैं।
लाइसेंस हो सकता है रद्द
डीएमवी फिलहाल उन उपायों को खोज रहा है जिसके तहत कैलिफ़ोर्निया में वाहन बेचने के लिए टेस्ला के लाइसेंस को सस्पेंड किया जा सकता है। इसके अलावा, इसमें कंपनी को ड्राइवरों की बहाली करने जैसे मुद्दों को भी शामिल किया जा सकता है।
टेस्ला ने इन फीचर्स का किया था दावा
टेस्ला ने कहा था कि ऑटोपायलट आपकी कार को अपनी लेन के अंदर ऑटोमैटिक रूप से चलाने, स्पीड करने और ब्रेक करने में सक्षम बनाता है, जबकि फुल-सेल्फ ड्राइविंग वाहनों को ट्रैफिक सिग्नल का पालन करने और लेन में बदलाव करने में सक्षम बनाता है।
सवालों के घेरे में पहले भी आ चुका है ऑटोपायलेट मोड
जानकारी के लिए आपको बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब टेस्ला के ऑटोपायलट मॉडल पर सवाल उठाए गए हैं। नेशनल हाईवे ट्रैफिक सेफ्टी एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक, ऑटोपायलट मोड में चल रही कार और हैंड्स-फ्री ड्राइविंग की वजह से टेस्ला कारों से 2016 में कम से कम 12 ट्रैफिक मौतें हुई हैं।
साथ ही एक साल में यातायात दुर्घटनाओं में 20,160 लोगों की मौत हुई है।