ICRA की रिपोर्ट में चेतावनी, वित्त वर्ष 2021 में टू-व्हीलर्स की बिक्री में आ सकती है इतनी गिरावट
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ICRA ने कहा कि कोरोनावायरस संक्रमण की महामारी के चलते वित्त वर्ष 2020-21 में टू-व्हीलर्स वाहनों की बिक्री में 11-13 फीसद तक घटने का अनुमान है।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। देश की टू-व्हीलर इंडस्ट्री एक और वर्ष में डिमांड में गिरावट देख सकती है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ICRA ने कहा कि कोरोनावायरस संक्रमण की महामारी के चलते वित्त वर्ष 2020-21 में टू-व्हीलर्स वाहनों की बिक्री में 11-13 फीसद तक घटने का अनुमान है। ICRA इंडस्ट्री की रिपोर्ट के अनुसार मंदी की सीमा कोरोनावायरस के प्रकोप और लॉकडाउन की निरंतरता की गंभीरता पर निर्भर है। इस महामारी के प्रकोप से पहले भी भारत में BS6 उत्सर्जन मानदंड़ों और मातहत मैक्रो-इकोनॉमिक सिनेरियो के बाद वाहन की कीमतों में तेज वृद्धि के बीच टू-व्हीलर वाहनों की मांग सपाट रहने की उम्मीद थी।
इंडस्ट्री के लिए चुनौतियां बढ़ने की संभावना है। वहीं, महामारी के प्रकोप पर उपभोक्ता खर्च पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा, जिसके परिणामस्वरूप शहरी और ग्रामीण दोनों बाजारों में खर्च की शक्ति कम होगी। ICRA ने अपनी रिपोर्ट में कहा एक बार जब अर्थव्यवस्था वापस सामान्य स्थिति में आने लगती है तो उपभोक्ताओं द्वारा गिरावट की संभावना होती है। निर्यात के मोर्चे पर भी अभी कुछ ही सोचना सही नहीं है क्योंकि कोरोनावायरस महामारी को पूरी दुनिया झेल रही है।
इक्रा के उपाध्यक्ष शमशेर दीवान ने कहा कि टू-व्हीलर वाहन के मूल उपकरण निर्माताओं (OEMs) का लाभ का मार्जिन वर्ष के दौरान घटकर 11.5-12 फीसदी रहने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष लगभग 14 फीसदी था। इतना ही नहीं काफी डीलर्स के पास BS4 इन्वेंट्री भी बची हुई हैं। इसके अलावा तनाव की अवधि के दौरान OEM को अपने डीलरों को क्रेडिट सपोर्ट भी देना होगा, जिससे कार्यशील पूंजी की तीव्रता में संभावित वृद्दि होगी।"
वित्त वर्ष 2020 घरेलू टू-व्हीलर इंडस्ट्री में इन्वेंट्री सुधार के बारे में था क्योंकि OEM ने वित्त वर्ष 2021 में BS6 को लागू होने से पहले मातहत मांग का मुकाबला करने की कोशिश की थी। वित्त वर्ष 2019 की दूसरी छमाही के बाद से डीलरशिप पर कमजोर रिटेल ऑफ-टेक और इन्वेंट्री बिल्ड-अप के साथ अधिकांश टू-व्हीलर OEM को सिस्टम में इन्वेंट्री को तर्कसंगत बनाने के लिए FY2020 में थोक डिस्पेच में प्रोडक्शन में तेज कटौती का सहारा लेना पड़ा।