आपकी गाड़ी पर नहीं लगी है हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट तो हो जाएं सतर्क, आज से भारी जुर्माने का हो गया प्रवाधान
बता दें वाहन निर्माता कंपनियों को अब नंबर प्लेट पर तीसरा रजिस्ट्रेशन स्टीकर भी देना होगा। जिससे इस बात का पता लगाया जाएगा कि गाड़ी में पेट्रोल डीजल या सीएनजी में से कौन-सा ईंधन इस्तेमाल किया जाता है। इसके लिए खासतौर पर कलर कोडिंग करनी होगी।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। High Security Number Plate: देशभर में वाहनों की जालसाजी को रोकने के लिए हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट को अनिवार्य कर दिया गया है। अगर आप दिल्ली में रहते हैं, और आपने अभी तक हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के लिए अप्लाई नहीं किया है, तो बता दें कि दिल्ली परिवहन विभाग ने राष्ट्रीय राजधानी में वाहनों मालिकों के लिए चेतावनी जारी की है। अगर आपके वाहन पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट नहीं है तो आपको भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है। कार मालिक ऑनलाइन ही हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट्स के लिए ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की ऑफिसियल वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के लिए कैसे करें अप्लाई: हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लेने के लिए आपको bookmyhsrp.com/index.aspx वेबसाइट पर विजिट करना होगा। जिसके बाद आप वहां दिए गए विकल्प में से प्राइवेट और कमर्शियल वाहन का विकल्प चुन सकते हैं। प्राइवेट व्हीकल को चुनने पर पेट्रोल, डीजल, इलेक्ट्रिक, CNG और CNG+ का ऑप्शन आएगा। वहीं अगर आपका वाहन पेट्रोल है, तो उस पर क्ल्कि कर आप वाहनों की कैटगरी में से बाइक, कार, स्कूटर, ऑटो और भारी वाहन जैसे ऑप्शन चुन सकते हैं। वाहन चुनने के बाद आपको कंपनी का नाम जैसे मारुति, होंडा या हुंडई आदि में से एक ऑप्शन चुनना होगा।
अपने वाहन के हिसाब से चुनाव करने के बाद आप उसमें राज्य का नाम भरेंगे तो वह आपको आपके आसपास वाले डीलर्स के विकल्प दिखाएगा। डीलर की जानकारी भरने के बाद आपको अपनी कार की जानकारी भरनी होगी। जिसके बाद रजिस्ट्रेशन नंबर, रजिस्ट्रेशन तारीख, इंजन और चेसिस नंबर, ई-मेल और मोबाइल नंबर की पूरी जानकारी देनी होगी। ऐसा करने के बाद आप पूरी की गई टैब को अपलोड करेंगे तो एक नई विंडो खुलेगी। नई विंडों में कार मालिक का नाम, पता और दूसरी जानकारी भरनी होगी। नई विंडो में वाहन की आरसी और आईडी प्रूफ अपलोड करना होगा। इसके बाद आपके द्वारा दिए गए मोबाइल नंबर पर ओटीपी जेनरेट होगा।
कार पर रजिस्ट्रेशन स्टीकर भी होगा जरूरी: वाहन निर्माता कंपनियों को अब नंबर प्लेट पर तीसरा रजिस्ट्रेशन स्टीकर भी देना होगा। जिससे इस बात का पता लगाया जाएगा कि गाड़ी में पेट्रोल, डीजल या सीएनजी में से कौन-सा ईंधन इस्तेमाल किया जाता है। इसके लिए खासतौर कलर कोडिंग करनी होगी। वहीं हाई-सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट पूरा तरह से क्रोमियम बेस्ड होगी। जिसमें कोई भी चालाकी नहीं की जा सकेगी। बताते चलें आज यानी 1 अक्टूबर से कलर कोडेड फ्यूल स्टिकर्स को भी अनिवार्य किया जाएगा।
क्या है हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट: हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट एल्यूमीनियम से बनी होती हैं, इसमें एक क्रोमियम बेस्ड होलोग्राम दिया जाता है। जिसे प्रेशर मशीन से तैयार किया जाता है। वहीं इस प्लेट पर एक पिन अंकित होता है, जिसे वाहन से जोड़ा जाएगा। बता दें, इस पिन के माध्यम से वाहन को जोड़ने पर वाहन दोनों तरफ से लॉक हो जाएगा।
क्या हैं फायदे: वर्तमान में इस्तेमाल की जानें वाली नंबर प्लेटों के साथ छेड़छाड़ करना बहुत आसान है और इन्हें आसानी से बदला जा सकता है। आमतौर पर, वाहन चोरी करने के बाद सबसे पहले पंजीकरण प्लेट को बदला जाता है। जिससे पुलिस और अधिकारियों के लिए चोरी के वाहन को ट्रैक करना मुश्किल हो जाता है। लेकिन एचएसआरपी को हटाया नहीं जा सकेगा।
एचएसआरपी प्लेट वाहन पर मालिक द्वारा इंजन नंबर, चेसिस नंबर आदि जानकारी प्रदान करने के बाद ही जारी किए जाते हैं। यह रजिस्ट्रेशन प्लेटों की जालसाजी को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। बता दें, कुछ वाहन मालिक पंजीकरण प्लेटों के लिए अलग-अलग फ़ॉन्ट और शैलियों का उपयोग करते हैं, जिससे ट्रैफ़िक पुलिस के लिए वाहन के पंजीकरण नंबर को समझना मुश्किल हो जाता है। हालांकि HSRPs में मोटर वाहन पंजीकरण संख्या के लिए एक ही पैटर्न दिया गया है।
कैसे मिलेगी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट: अप्रैल 2019 के बाद भारत में बेचे जाने वाले वाहन हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के साथ आते हैं, और HSRP की लागत वाहन की कीमत में शामिल होती है। लेकिन अप्रैल 2019 से पहले बेचे जाने वाले वाहनों के वाहन मालिकों को हाई सिक्योरिटी प्लेट प्राप्त करने के लिए ऑटोमोबाइल डीलरशिप या सरकार द्वारा अधिकृत एचएसआरपी विक्रेताओं से संपर्क करना होगा। जिसके लिए कुछ मामूली राशि भी तय की गई है।