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सरकार ने हाइड्रोजन ईंधन सेल बेस्ड वाहनों के लिए जारी की सूचना, जानें कैसे काम करती हैं ये गाड़ियां

यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि मसौदा नियमों की गैजेटेड कॉपी 10 जुलाई को जनता के लिए उपलब्ध कराई गई थीं लेकिन इस संबंध में कोई आपत्ति या सुझाव अभी तक जारी नहीं किया गया है।

By Sajan ChauhanEdited By: Published: Thu, 24 Sep 2020 04:19 PM (IST)Updated: Thu, 24 Sep 2020 04:19 PM (IST)
सरकार ने हाइड्रोजन ईंधन सेल बेस्ड वाहनों के लिए जारी की सूचना, जानें कैसे काम करती हैं ये गाड़ियां
हाइड्रोजन ईवी की प्रतिकाम्त्क तस्वीर: दैनिक जागरण

नई दिल्ली, पीटीआई। भारत में प्रदुषण को कम करने के लिए सरकार लगातार कदम बढ़ा रही है। जहां एक तरफ इलेक्ट्रिक वाहनों को चलन में लाने का प्रयास जारी है, वहीं दूसरी तरफ नए उत्सर्जन मानक को लागू कर दिया गया है। इसी क्रम में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने देश में ऊर्जा-कुशल और पर्यावरण के अनुकूल हाइड्रोजन ईंधन सेल-आधारित वाहनों के स्टैंडर्ड सुरक्षा मानकों के लिए एक अधिसूचना जारी की है।

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मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने केंद्रीय मोटर वाहन नियमों 1989 में संशोधन के माध्यम से हाइड्रोजन ईंधन सेल बेस्ड वाहनों के सुरक्षा मूल्यांकन के मानकों को अधिसूचित किया है। इससे देश में हाइड्रोजन ईंधन सेल आधारित वाहनों को बढ़ावा मिलेगा।वहीं पर्यावरण के स्तर का कम करने में भी ये वाहन मददगार साबित होंगे। इस तरह के वाहनों के मैन्युफैक्चर और सप्लायर के पास परीक्षण के लिए मानक उपलब्ध हैं। जो अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप भी हैं।

हाइड्रोजन ईंधन सेल बेस्ड गाड़ियां कैसे करती हैं काम : हाइड्रोजन ईंधन सेल कारों और अन्य इलेक्ट्रिक वाहनों के बीच एक महत्वपूर्ण अंतर यह है कि हाइड्रोजन कारें स्वयं बिजली का उत्पादन करती हैं। जबकी पूरी तरह से इलेक्ट्रिक या प्लग-इन हाइब्रिड वाहनों में बैटरी के माध्यम से पावर मिलती है। इलेक्ट्रिक कारों को बाहरी बिजली स्रोत से चार्ज किया जा सकता है। वहीं हाइड्रोजन कारों को प्रभावी ढंग से बोर्ड पर ईंधन सेल के माध्यम से चार्ज किया जाता है।

मसौदा नियमों के अनुसार, श्रेणी एम(M) और श्रेणी एन(N) के मोटर वाहन एआईएस 157: 2020 के अनुसार कंम्प्रेस्ड गैसीय हाइड्रोजन ईंधन सेल पर चल रहे हैं, जिनमें समय-समय पर संशोधित किया जाता है। इसके अलावा ईंधन सेल वाहनों के लिए हाइड्रोजन ईंधन विनिर्देश आईएसओ 14687 के अनुसार होने आवश्यक हैं। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि मसौदा नियमों की गजेटेड कॉपी 10 जुलाई को जनता के लिए उपलब्ध कराई गई थीं, लेकिन इस संबंध में कोई आपत्ति या सुझाव अभी तक जारी नहीं  किया गया है। 


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