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एक महीने तक और 65 व्यस्त टोल प्लाजा पर फास्टैग नियमों में रहेगी ढील

सरकार ने देश के राष्ट्रीय राजमार्गो से संबधित सर्वाधिक व्यस्त 65 टोल प्लाजा पर फास्टैग के नियमों में ढील एक महीने तक और जारी रखने का फैसला लिया है

By Ankit DubeyEdited By: Published: Thu, 16 Jan 2020 09:38 AM (IST)Updated: Thu, 16 Jan 2020 09:38 AM (IST)
एक महीने तक और 65 व्यस्त टोल प्लाजा पर फास्टैग नियमों में रहेगी ढील
एक महीने तक और 65 व्यस्त टोल प्लाजा पर फास्टैग नियमों में रहेगी ढील

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। सरकार ने देश के राष्ट्रीय राजमार्गो से संबधित सर्वाधिक व्यस्त 65 टोल प्लाजा पर फास्टैग के नियमों में ढील एक महीने तक और जारी रखने का फैसला लिया है। इसके तहत इन प्लाजा पर एक चौथाई लेन का उपयोग 15 फरवरी तक हाइब्रिड लेन के रूप में किया जा सकेगा।

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फास्टैग लागू होने के एक महीने बाद भी इससे जुड़ी अड़चने दूर नहीं हो पाई हैं। फास्टैग की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित न होने, फास्टैग को एक्टिवेट और रीचार्ज कराने में दिक्कत तथा सब कुछ दुरुस्त होने के बावजूद फास्टैग लगे वाहनों का टैक्स कटने में ज्यादा वक्त लगने जैसी कठिनाइयां अब भी बरकरार हैं। इस कारण अनेक टोल प्लाजा पर अभी भी लंबी-लंबी लाइनें देखने को मिल रही हैं। पिछले दिनों कुछ ऐसी घटनाएं भी हुईं जिनमें वाहनों की अधिक भीड़ के कारण कुछ टोल प्लाजा पर सभी लेन को हाइब्रिड लेन के तौर पर खोलना पड़ गया। सड़क मंत्रलय की जांच में देशभर में ऐसे 65 टोल प्लाजा का पता लगा है जहां इस तरह के हालात पैदा हो रहे हैं। इसे देखते हुए मंत्रलय ने एनएचएआइ को इन प्लाजा पर फास्टैग नियमों में एक महीने तक और ढील देने की अनुमति दे दी है। व्यावहारिक तौर पर एनएचएआइ के अधिकारी स्थिति के अनुसार जरूरत पर सभी लेन खोल सकते हैं। लेकिन इसका निर्णय उच्च अधिकारियों की अनुमति के बाद ही लिया जा सकता है।

इस बीच फास्टैग के परिणामस्वरूप टोल संग्रह में दिनोंदिन इजाफा हो रहा है। एनएचएआइ के अनुसार पिछले सप्ताह कुल दैनिक टोल संग्रह बढ़कर 86.2 करोड़ रुपये पर पहुंच गया था। इसमें फास्टैग के जरिये संग्रहीत होने वाला टोल टैक्स 50 करोड़ रुपये, जबकि बाकी कैश का था। जनवरी में फास्टैग से सबसे ज्यादा 91 फीसद टोल संग्रह जयपुर क्षेत्र के जोधपुर टोल प्लाजा से हुआ है। इसके अलावा भोपाल और गांधीनगर टोल प्लाजा ने भी फास्टैग से बहुत अच्छा कलेक्शन किया है।

पिछले वर्ष नवंबर तक रोजाना 23 करोड़ रुपये का टोल संग्रहीत होता था। दिसंबर, 2019 तक देशभर में एक करोड़ फास्टैग जारी किए जा चुके थे। अभी भी रोजाना डेढ़-दो लाख फास्टैग की बिक्री हो रही है। फास्टैग उपलब्धता में कमी को देखते हुए सरकार ने इससे पहले राहत दी थी। 


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