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FADA ने UM लोहिया और उसके मैनेजमेंट को भेजा नोटिस, जानें क्या है पूरा मामला

फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) ने यूएम मोटरसाइकल्स के डीलरों के मामले को अपने हाथों में लिया है

By Ankit DubeyEdited By: Published: Wed, 23 Oct 2019 03:04 PM (IST)Updated: Wed, 23 Oct 2019 03:04 PM (IST)
FADA ने UM लोहिया और उसके मैनेजमेंट को भेजा नोटिस, जानें क्या है पूरा मामला
FADA ने UM लोहिया और उसके मैनेजमेंट को भेजा नोटिस, जानें क्या है पूरा मामला

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) ने 'यूएम मोटरसाइकल्स' के डीलरों के मामले को अपने हाथों में लिया है। भारत में इन मोटरसाइकलों का उत्‍पादन एवं बिक्री यूएम लोहिया टू व्हीलर्स प्राइवेट लिमिटेड (यूएम लोहिया) द्वारा की जाती है। यूएम लोहिया एक अमेरिकी मोटरसाइकल कंपनी यूएम मोटरसाइकल्स और लोहिया ग्रुप के बीच एक संयुक्त उद्यम है। 2016 में इस संयुक्त उद्यम की स्थापना यूएम मोटरसाइकल्स के ब्रांड के तहत भारत में 'अमेरिकी' स्टाइल की मोटरसाइकलें बनाने और बेचने के लिए की गई थी।

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डीलर यूएम लोहिया के प्रबंधन और प्रमोटरों की ओर से हुई बेईमानी और धोखाधड़ी से व्यथित हैं, जिनमें संस्थापक श्री आयुष कुमार लोहिया और श्री जोस मिगुएल विलेगास शामिल हैं, जिन्होंने शुरुआत से ही उनके बीच के संबंधों में दिक्कतें दी हैं और डीलरों को भारी नुकसान पहुंचाया है, साथ ही उन्हें यूएम मोटरसाइकल्‍स के ग्राहकों की ओर से दायर अनापेक्षित मुकदमेबाजी की जद में ला दिया है।

यूएम लोहिया के अपनी मोटरसाइकलों के साथ बाजार में प्रवेश करते ही डीलरों का दुर्भाग्य शुरू हो गया था। यह जल्द ही जाहिर हो गया कि तथाकथित 'अमेरिकी' मोटरसाइकलें वास्तव में उत्तर प्रदेश के काशीपुर में यूएम लोहिया के विनिर्माण संयंत्र में चीनी पार्ट्स को असेंबल कर बनाई जा रही थीं। इसके चलते उपभोक्ताओं की दिलचस्पी तत्काल बहुत घट गई, क्योंकि कोई भी 'अमेरिकी' मोटरसाइकलों की घटिया चीनी प्रतिकृतियां नहीं खरीदना चाहता था। ब्रांड ने अपना मूल्य खो दिया, और इसके साथ ही डीलरों के निवेश भी डूब गए, जिनके पास अब ऐसा उत्पाद था, जिसकी चाह बहुत कम लोगों में रह गई थी।

इसके अलावा, उस समय जब भारत में समूचा ऑटोमोबाइल उद्योग बीएस-IV उत्सर्जन मानकों की ओर बढ़ रहा था, यूएम लोहिया ने 2016 की दूसरी छमाही में BS-III मोटरसाइकलों के साथ बाजार में प्रवेश करने का विकल्प चुना, हालांकि, BS-III वाहनों की बिक्री पर प्रतिबंध को कुछ महीनों में अप्रैल 2017 से प्रभावी होना था। जैसे ही BS-III वाहनों पर प्रतिबंध लागू हुआ, यूएम लोहिया के डीलरों के पास BS-III मोटरसाइकलों की एक विशाल इन्वेंट्री बची रह गई, जो न सिर्फ ग्राहकों द्वारा अवांछित थी, बल्कि अब कानूनी रूप से बिक्री योग्य भी नहीं रह गई थी। बावजूद इसके यूएम लोहिया ने बिक्री योग्य नहीं रह गए इस स्टॉक के लिए डीलरों को प्रतिपूर्ति देने से इनकार कर दिया और कई डीलरों द्वारा दिए गए अग्रिम भुगतान को वापस करने से भी मना कर दिया।

काफी मान-मनुहार के बाद ही यूएम लोहिया ने भी इस समस्या को स्वीकार किया। तब भी, डीलरों से बीएस-III मोटरसाइकलों को वापस लेने और उनके अग्रिम भुगतानों को वापस करने के बजाय यूएम लोहिया डीलरों को उनके BS-III मोटरसाइकलों के स्टॉक और अग्रिमों के बदले में BS-IV मोटरसाइकलें बेचने की स्कीम लेकर आए। बहरहाल, यूएम लोहिया द्वारा आपूर्ति की गई BS-IV मोटरसाइकलों के EFI मॉड्यूल कंट्रोलर व गियर जैसे कई बुनियादी घटक ग्राहकों द्वारा इस्तेमाल के कुछ ही दिनों में टूट जाने के चलते ये मोटरसाइकलें सड़क पर चलने के लिए पूरी तरह अनफिट थीं।

मामले को बदतर बनाते हुए, यूएम लोहिया ने अब अपने परिचालन को चुपके से समेट लिया है और स्पेयर पार्ट्स के अपने गोदाम को बंद कर दिया है, जिसके चलते डीलरों के लिए दोषपूर्ण यूएम मोटरसाइकलों पर वारंटी के दावों को पूरा करना असंभव हो गया है। परिणामस्वरूप, कई डीलर यूएम मोटरसाइकल्‍स के ग्राहकों की तरफ से दायर मुकदमेबाजी की जद में आ गए हैं।

इस पूरे मामले में, यूएम लोहिया, इसके प्रमोटरों और इसके प्रबंधन ने डीलरों द्वारा पहले स्वयं और फिर FADA के माध्यम से की गई कई कोशिशों के बावजूद डीलरों की शिकायतों को हल करने की कोई इच्छा या दिलचस्पी नहीं दिखाई है।

यूएम लोहिया के प्रवर्तकों ने अब नए उद्यम शुरू कर दिए हैं - लोहिया ग्रुप अब ई-वाहनों के क्षेत्र में निवेश कर रहा है और एक बार फिर इस नए उद्यम के लिए डीलर तलाश रहा है।

इसके अनुसार, ग्राहकों और डीलरों के हितों की रक्षा के लिए, FADA ने अपने परामर्शदाता खेतान एंड कं. के माध्यम से यूएम लोहिया और इसके प्रबंधन को एक कानूनी नोटिस जारी किया है। इसमें उनसे यूएम लोहिया के कृत्यों के चलते डीलरों को हुए नुकसानों से संबंधित डीलरों की सभी शिकायतों के निवारण के लिए कहा गया है। इसके साथ ही उन्हें पहले बेची जा चुकी मोटरसाइकलों का मेंटनेंस और सर्विसिंग वारंटी शर्तों और कानून के अनुसार सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने को भी कहा गया है।

अगर यूएम लोहिया और उसके प्रबंधन ने हमारे कानूनी नोटिस का जवाब नहीं दिया, तो FADA के पास कंपनी, उसके प्रबंधन और इस मामले से संबंधित अन्य सभी के खिलाफ उचित कानूनी उपाय करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं होगा। इसके साथ ही, FADA इस मामले में सरकारी प्राधिकारियों को भी शामिल कर उन्‍हें मामले की पूरी जानकारी देगा। 


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