Exclusive: विदेशी टायरों के इंपोर्ट पर प्रतिबंध लगने से हम सरकार के साथ खड़े हैं- Maxxis Tyres
टायर निर्माता कंपनियां सिर्फ ऑटो इंडस्ट्री को ही टायर सप्लाई नहीं करती बल्कि टायर रिप्लेसमेंट मार्केट में भी बड़ी हिस्सेदारी रखती हैं।
नई दिल्ली, सिद्धार्था शर्मा। ऑटो इंडस्ट्री पर कोरोनावायरस महामारी का काफी प्रभाव देखने को तो मिल ही रहा है, लेकिन टायर इंडस्ट्री पर कितना प्रभाव पड़ा है यह जानना भी हमारे लिए काफी जरूरी है। टायर निर्माता कंपनियां सिर्फ ऑटो इंडस्ट्री को ही टायर सप्लाई नहीं करती, बल्कि टायर रिप्लेसमेंट मार्केट में भी बड़ी हिस्सेदारी रखती हैं। इसी वजह से हमने भी काफी कम समय में देश में तेजी से ऊभर कर सामने आई टायर निर्माता कंपनी Maxxis India के मार्केटिंग हेड Bing-Lin Wu (Bing) से खास बातचीत की और उनसे टायर इंडस्ट्री पर पड़ रहे कोविड-19 के प्रभाव और भविष्य की योजनाओं के बारे में भी प्रश्न किए हैं। तो आइए इस बातचीत को विस्तार से जानते हैं।
प्रश्न: कोविड-19 के दौरान लॉकडाउन अवधि में टायर निर्माता कंपनी Maxxis किस प्रकार प्रभावित हुई है?
उत्तर- दुनिया इस समय कोविड-19 जैसी महामारी के सबसे बड़े संकट से जूझ रही है। महामारी ने एक चुनौतीपूर्ण स्थिति पैदा कर दी है, खासकर OEMs पार्ट्स पर, जिसमें आप कह सकते हैं कि निर्मित पुर्जों के टायर निर्माण के लिए मुख्य इंड्स्ट्री है। मुझे विश्वास है कि हम 4 मई 2020 को गुजरात के सानंद प्लांट में कोविड के दिशानिर्देशों के अनुसार परिचालन कर रहे हैं और यह संघ, गृह मंत्रालय और गुजरात सरकार की घोषणा के बाद विकास देखा गया, जब संचालन शुरू हुआ। हमें उम्मीद है कि स्थिति जल्द ही ठीक हो जाएगी और इंडस्ट्री एक स्थिर गति से चलेगी, साथ ही बड़े पैमाने पर ऑटो इंडस्ट्री के लिए नए रास्ते खोल देगी।
प्रश्न: Maxxis से हम किस तरह के बिजनेस प्लान्स देख सकते हैं, जिसके चलते आप आने वाले भविष्य में इंडस्ट्री की सहायता के लिए विकसित होंगे?
उत्तर- Maxxis में हमने भारत में मैन्युफैक्चरिंग मार्च 2018 में शुरू की थी और हमारी यात्रा को दो वर्ष से ज्यादा हो चुके हैं। हमें यह कहते हुए गर्व है कि हम सबसे तेजी से बढ़ती हुई टायर कंपनियों में से एक हैं, न केवल दुनिया में, बल्कि भारत में भी हैं। हमारे पास भारत की टायर इंडस्ट्री में 50 फीसद बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए लॉन्च टर्म और शॉर्ट टर्म प्लान्स मौजूद हैं। हमारी गुजरात फैक्ट्री के चलते हम इसे संभव बनाने पर काम कर रहे हैं। इस मिड टर्म प्लान के लिए क्षमता के आधे हिस्से पर छह एकड़ भूमि चल रही है। जैसा कि हमने अपना बिजनेस प्लान बनाया है, वह ज्यादातर हमारी कोविड के दौरान योजना समान वैसी ही है जैसे कि हमने कोविड-19 से पहले बनाई थी और कोविड के बाद भी यही रहने की उम्मीद है। हम अपने नए व्यापार परियोजनाओं के लिए नए व्यापारिक उपक्रमों के लिए OEMs भागीदारों के साथ हमारी बातचीत को देखकर खुश हैं। और, यह बातचीत चलती रहेगी। ये परियोजनाएं निश्चित रूप से हमारी व्यावसायिक योजनाओं को नया रूप देने में हमारी मदद करेंगी।
प्रश्न: सहायक ब्रांड और बहुत सारे ऑटोमोटिव कम्पोनेंट ब्रांड्स कोविड 19 की वजह से प्रभावित हुए हैं, खासकर जब यह प्रोडक्ट प्लानिंग में आए हैं। Maxxis ने भी साल 2020 के लिए प्रोडक्ट लाइनअप तैयार की होगी, तो क्या आपके साथ सबकुछ समय पर हो रहा है?
उत्तर- हम इसे पूरी तरह प्रभावित नहीं कहेंगे। यह पिछले दो और ढाई महीनों से थोड़ा धीमा हो गया है। बाजार में हड़कम्प मच गया है। यह एक बाहरी कारक था। इसलिए हम मानते हैं कि बाजार का पुनरारंभ बहुत जल्द होने वाला है। सभी OEM मोर्चे और रिप्लेसमेंट मोर्चे दोनों में उत्पादों का विकास और प्रक्षेपण जारी है। हम भारत के कई प्रमुख OEM ब्रांडों के साथ बातचीत कर रहे हैं, कई परियोजनाओं में मौजूदा भागीदार और भविष्य के साझेदारी कर रहे हैं। हम यह देखकर खुश हैं कि कई महीनों के बाद हमारे अधिकांश भागीदारों ने संचालन शुरू कर दिया है और एक बार रुकी हुई परियोजना फिर से चालू हो गई है। रिप्लेसमेंट मार्केट में थोड़ा ठहराव जरूर है, लेकिन मुझे नहीं लगता यह पूरे बिजनेस के लिए एक बहुत बड़ा व्यवधान होगा। एक रिप्लेसमेंट मार्केट के लिए Maxxis यह घोषणा करते हुए खुश है कि वे इस साल के अंत तक नई लाइनअप की श्रृंखला शुरू करने जा रहे हैं।
प्रश्न: Maxxis अपने कर्मचारियों और ग्राहकों की सुरक्षा को लेकर किस तरह के कदम उठा रही है? किस हिसाब से आप अपने पार्टनर्स और ग्राहकों से बातचीत करते हैं?
उत्तर- Maxxis एक वैश्विक कंपनी है जिसके चलते एक समूह दिशानिर्देश हैं। भारत सरकार ने मार्च के मध्य में आने से पहले किसी विशिष्ट मेट्रो शहर की घोषणा की थी। पर हम अपने कर्माचारी और कर्मचारियों की सुरक्षा पर काफी महत्वपू्र्ण ध्यान देते हैं और उनकी सुरक्षा हमारे लिए सबसे पहले है। Maxxis में हमने फरवरी महीने में ही कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए थे। सुरक्षा, शारीरिक सुरक्षा और सभी बड़ी स्वास्थ्य संबंधी व्यवस्थाएं कर्मचारियों को मिलना शुरू हो गई थी। इसलिए ये सभी उपाय हैं और यहां तक कि अब पहले के मुकाबले संपर्क करना भी काफी सख्त हो गया है, जबकि भारत सरकार द्वारा विशिष्ट उपायों की घोषणा भी की गई हैं। इन सभी एहतियाती उपायों को अपनाया जा रहा है। उदाहरण के लिए फैक्ट्री फ्लोर प्लान में सोशल डिस्टेंसिंग लोगों के सरकारी प्रोटोकॉल, मास्क पहनना अनिवार्य, सीमित कार्यबल, केवल आवश्यक कार्यबल की अनुमति ही दी गई है। हर दिन दो बार, तीन बार लोगों का तापमान मापना भी हमारे मानक ऑपरेशन प्रोटोकॉल का हिस्सा हैं, जिससे अगर हमें पता चलता है कि किसी भी कर्मचारी को तबियत ढीली है तो उसे हम तुरंत ध्यान रखने के लिए वापिस भेज देते हैं।
प्रश्न: आप सरकार को कोई सुझाव देना चाहेंगे कि हम इस आर्थिक और मानवीय संकट से कैसे बाहर निकल सकते हैं?
उत्तर- इस साल का कम से कम समय एक वायरस के आकार में है। हालांकि, सरकार जानती है कि यह दुनिया का अंत नहीं है और इस तरह की महामारी सरकार और उद्योग के लिए एक बहुत ही मजबूत संकेत लेकर आई है, जिस पर हमें स्थानीय लोगों के साथ मिलकर काम करना चाहिए। यह मेरा मानना है कि सरकार द्वारा अभी तक की पहल 'मेक इन इंडिया' बहुत प्रसिद्ध पहल है। अब हम आत्मनिर्भर भारत की बात कर रहे हैं। यह उसी भावना का विस्तार है। 2016-17 में Maxxis ने मेक इन इंडिया पहल की शुरुआत एक अनुयायी के तौर पर की और हमारा ध्यान केवल मेड इन इंडिया पर नहीं था, हम दुनिया के लिए मेक इन इंडिया बना रहे हैं। इसलिए निर्यात भी Maxxis के बिजनेस के लिए बहुत महत्वपूर्ण आधारशिला में से एक है।
भारत के पास दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य पूर्व और अफ्रीका की आपूर्ति के लिए एक रणनीतिक स्थान है। इसके अलावा भारत के आसपास के देशों में श्रीलंका भी है। इसलिए कुछ देशों श्रीलंका, नेपाल और केन्या में सक्रिय रूप से सप्लाई करने की स्थिति होगी तो हम करेंगे। फिलहाल हम थोड़ी बहुत सप्लाई करते हैं। हालांकि, हम भविष्य को ध्यान में रखते हुए इसके विस्तार की योजना बना रहे हैं और हम हमेशा यह कहते हैं कि दुनिया के लिए भारत बनाने का इरादा भारत में हाल ही में आया एक गतिशील परिवर्तन है। टायर इंडस्ट्रीज की बात करें तो सरकार ने हाल ही में विदेशों से आयात टायर के प्रतिबंध की घोषणा की है। ऐसे में Maxxis सरकार के इस फैसले के साथ खड़ा है और यह स्थानीय निर्माताओं को अब ज्यादा प्रभावित नहीं करेगा क्योंकि भारत उन देशों में से एक है, जिसमें एक मजबूत टायर इंडस्ट्री मौजूद है। मैं सरकार को प्रोत्साहित करना चाहूंगा कि सरकार ने आला मार्केट के बारे में ध्यान दिया खासकर टू-व्हीलर, 4-व्हीलर टायर मार्केट ब्रांड्स पर।