Droom ने Xeraphin का किया अधिग्रहण, पुराने वाहनों की खरीद पर मिलेगा आसान लोन
Droom क्रेडिट की लोन देने की क्षमताओं को और मजबूत करने के लिए Xeraphin Finvest प्रा. लिमिटेड का अधिग्रहण किया
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। हाल ही में भारत के सबसे बड़े और प्रवर्तक ऑनलाइन ऑटोमोबाइल लेन—देन मार्केटप्लेस, ड्रूम ने अपने समर्पित उपभोक्ता और डीलर क्रेडिट मार्केटप्लेस ड्रूम क्रेडिट की लोन देने की क्षमताओं को और मजबूत करने के लिए Xeraphin Finvest प्रा. लिमिटेड का अधिग्रहण किया। इस विभाग ने पिछले 12 महीनों में 10,000+ ऋणों को संसाधित किया है। ड्रूम क्रेडिट मार्केटप्लेस ने अपने मार्केटप्लेस में कई ऋण साझेदारों को शामिल किया है, जिनमें से कुछ IDFC फर्स्ट बैंक, यस बैंक, टाटा कैपिटल, मणिपुरम फाइनेंस, फेयरसेंट, हीरो फिनकॉर्प, कैशकुमार और लेंडबॉक्स हैं।
ड्रूम के संस्थापक और सीईओ, संदीप अग्रवाल ने इस कदम पर टिप्पणी करते हुए कहा, "हम ज़ेराफ़िन के अधिग्रहण को लेकर बेहद उत्साहित हैं। ड्रूम में हमने पिछले साढ़े पांच साल न केवल ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए सबसे उन्नत ऑनलाइन लेनदेन प्लेटफॉर्म और टूल्स बनाने, बल्कि मूल्य निर्धारण, प्रमाणन, वित्तीय सेवाओं के साथ पूरे 21वीं सदी के डिजिटल इकोसिस्टम का विकास करने में भी काम किया है। दो साल पहले यह स्पष्ट था कि पुराने वाहनों के लिए लेंडिंग के लिए सबसे उन्नत मार्केटप्लेस का निर्माण करने के लिए, हम बड़े पैमाने पर तैयार किए गए अपने डेटा, मूल्य निर्धारण इंजन, पुराने वाहनों के प्रमाणन, वाहन के हिस्ट्री रिकॉर्ड और ऑटो डीलर के लेन-देन के इतिहास में अपनी ताकत का लाभ उठा सकते थे। ज़ेराफ़िन फिनवेस्ट के अधिग्रहण से हमारे प्राथमिक हितधारकों को अधिकतम सुविधा और बाधाएं न्यूनतम होगी, बड़े पैमाने पर ऋण की पेशकश करने की हमारी क्षमता और अधिक मजबूत होगी, जिससे डूम की सफलता की कहानी आगे भी जारी रहेगी।"
एनबीएफसी तेजी से परिष्कृत डेटा कैप्चरिंग और साझा करने की क्षमताओं के साथ डेटा-केंद्रित ऋण तंत्र की शुरुआत करके भारत के पारंपरिक ऋण परिदृश्य को बदल रहा है, जिससे भारत में उधारकर्ताओं के आधार को काफी विस्तारित किया जा सकता है। विश्व बैंक के अनुसार, दुनिया भर के निम्न और मध्यम आय वाले देशों में 10 में से 1 से भी कम लोगों के पास क्रेडिट इतिहास का दस्तावेजीकरण है। ऐसे परिदृश्य में, एक सिंगल पॉइंट विक्रेता के साथ ही क्रेडिट मुहैया कराने वाली कंपनी बनने का ड्रूम के निर्णय से प्रतिभागियों के स्कोर्स को फायदा पहुंचेगा, जबकि लगातार विकसित हो रहे ई-कॉमर्स लेनदेन परिदृश्य में नये मानक भी स्थापित किए जाएंगे।