गहरी मुसीबत में फंसी घरेलू ऑटो कंपनियां, कोरोनावायरस लॉकडाउन का पड़ा बुरा असर
मारुति सुजुकी के कारों की बिक्री 47 फीसद कम हुई है तो टाटा मोटर्स की बिक्री 84 फीसद कम हुई है।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। देश की ऑटोमोबाइल कंपनियां इस वक्त अपने इतिहास के सबसे मुश्किल दौर में है। पिछले पूरे वर्ष में ऑटो कंपनियों पर मार्च में लॉकडाउन की बड़ी मार पड़ी है। देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी के कारों की बिक्री 47 फीसद कम हुई है तो टाटा मोटर्स की बिक्री 84 फीसद कम हुई है। आयशर के कमर्शियल वाहनों की बिक्री 83 फीसद, अशोक लेलैंड के ट्रकों व बसों की बिक्री में 90 फीसद की गिरावट देखी गई है। दूसरी कंपनियों के आंकड़े अभी आने बाकी हैं, लेकिन उनसे भी इतनी उम्मीद नहीं दिख रही।
लॉकडाउन अगर अप्रैल मध्य तक समाप्त हो भी जाता है तब भी कारों की बिक्री की रफ्तार बढ़ने की संभावना नहीं है। कोरोना वायरस की वजह से जो हालात पैदा हुए हैं, उसकी वजह से ना सिर्फ पिछले कुछ महीनों में लॉन्च की गई कारों की बिक्री ठप हो गई है, बल्कि अगले तीन-चार महीनों के दौरान लॉन्च की जाने वाले कम से कम छह कारों के भविष्य पर भी सवालिया निशान लग गए हैं।
हुंडई की तरह से लॉन्च की गई नई क्रेटा ने बाजार में जबरदस्त हलचल मचाई और लॉन्चिंग से पहले ही इसकी 14 हजार से ज्यादा बुकिंग हो गई थी, लेकिन लॉकडाउन की वजह से ना तो डीलरों को सप्लाई हो पा रही और ना ही ग्राहकों को डिलीवरी मिल रही है। कंपनी ने 23 मार्च, 2020 से अगले आदेश तक फैक्ट्री बंद कर दिया है। ऐसी ही कुछ स्थिति होंडा की है। इसने अपने बेहद मशहूर ब्रांड सिटी को नए रंग-रूप में उतारने की सारी तैयारी कर ली थी, लेकिन लॉकडाउन ने कंपनी के मंसूबों पर पानी फेर दिया।
मारुति सुजुकी ने अपनी सबसे ज्यादा बिकने वाली कॉम्पैक्ट सेडान डिजायर को भी नए अवतार में उतारा, लेकिन लॉकडाउन की वजह से इसकी बिक्री शुरू नहीं हो पाई है। बुधवार को मारुति सुजुकी ने बताया कि मार्च में उसकी कुल बिक्री 47 फीसद घट गई है, जबकि समूचे वित्त वर्ष (अप्रैल, 2019 से मार्च, 2020) के दौरान बिक्री 16.1 फीसद गिरी है। वित्त वर्ष 2019-2020 में कंपनी ने कुल 18,62,449 कारों की बिक्री की है।
लगातार नए मॉडल उतारकर बाजार में पैठ मजबूत बनाने की कोशिशों में जुटे टाटा मोटर्स ने इस वर्ष मार्च में महज 11,012 कारों की बिक्री की है जो मार्च, 2019 के मुकाबले 84 फीसद कम है। अगर पूरे वित्त वर्ष की बात करें तो कंपनी के वाहनों की बिक्री में 35 फीसद की कमी हुई है। ट्रक व बस बनाने वाली दो कंपनियों आयशर और अशोक लेलैंड के बिक्री के आंकड़े बेहद निराशाजनक हैं। दोनों के कमर्शियल वाहनों की बिक्री क्रमश: 83 फीसद और 90 फीसद घट गई है। लॉकडाउन की वजह से आने वाले महीनों में जिस तरह से इंडस्ट्री प्रोडक्शन सुस्त रहने की संभावना है उसे देखते हुए कमर्शियल वाहनों की बिक्री और घट सकती है।