ऑटो इंडस्ट्री को नरमी के बावजूद यूटिलिटी व्हीकल्स में दिख रही है उम्मीद
नरमी के दौर में भी अगर ग्राहक कोई कार खरीद रहा है तो वह इन्हीं वाहनों में से ही कुछ खरीद रहा है।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। कार बिक्री में गिरावट का सिलसिला भले ही बना हुआ हो, लेकिन अब भी एसयूवी और एमपीवी जैसे यूटिलिटी व्हीकल्स पूरे उद्योग को उम्मीद बंधाए हुए हैं। नरमी के दौर में भी अगर ग्राहक कोई कार खरीद रहा है तो वह इन्हीं वाहनों में से ही कुछ खरीद रहा है। यही वजह है कि मारुति सुजुकी 10 लाख यूटिलिटी व्हीकल्स (यूवी) बेचने वाली देश की पहली कार कंपनी बन गई है। इस सेगमेंट में कंपनी के पास विटारा ब्रेजा, आर्टिगा, एस-क्रॉस और हाल ही में लांच की गई एक्सएल-6 जैसे वाहन हैं। पिछले महीने जब कंपनी की बिक्री में 33 फीसद की गिरावट आई थी तब भी इस सेगमेंट में बिक्री 3.1 फीसद बढ़ी थी।
यूटिलिटी व्हीकल्स ही भारतीय कार बाजार का भविष्य हैं, इसकी पहचान सबसे पहले मारुति सुजुकी ने ही की थी। कंपनी के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर (मार्केटिंग व सेल्स) शशांक श्रीवास्तव के मुताबिक, ‘हमने काफी पहले ही रणनीति बना ली थी कि किस तरह से इस बाजार में अपने प्रोडक्ट्स का विस्तार करना है। हमने ग्राहकों की बदलती मांग के मुताबिक अपने प्रोडक्ट पोर्टफोलियो को तैयार किया है। आगे भी कंपनी इस पोर्टफोलियो को लेकर काफी उत्साहित है और ग्राहकों की उम्मीद के अनुरूप नए उत्पाद उतारे जाते रहेंगे। एसयूवी वर्ग में मारुति सुजुकी की बाजार हिस्सेदारी 25.46 फीसद हो चुकी है।
हाल के दिनों में बाजार में लांच की गई नई गाड़ियों को भी देखें तो ज्यादातर एसयूवी सेगमेंट में ही लांच की गई हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण किया मोटर्स है, जिसने भारतीय बाजार में अपनी पहली गाड़ी सेल्टोस एसयूवी सेगमेंट में ही उतारी है। कंपनी का कहना है कि पहले महीने के दौरान काफी अच्छी बुकिंग हुई है। हुंडई ने दो महीने पहले ही अपनी मिनी एसयूवी वेन्यू लांच की है। रेनो ने ट्राइबर के नाम से नई एसयूवी पेश की है। मारुति सुजुकी ने एक्सएल-6 लांच की है। इसके अलावा निसान इंडिया ने किक को नए अवतार में पहले से कम कीमत पर बाजार में उतारा है। उक्त सभी कार कंपनियां इस बार के त्योहारी सीजन में एसयूवी मॉडलों के जरिये ही मंदी को दूर करने की कोशिश करेंगी। सोसायटी ऑफ ऑटोमोबाइल मैन्यूफैक्चर्स ऑफ इंडिया (सियाम) के रिकॉर्ड के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष के दौरान घरेलू बाजार में मंदी के बावजूद एसयूवी की बिक्री में दो फीसद की वृद्धि हुई थी। अप्रैल से जून का रिकॉर्ड बताता है कि जहां अन्य पैसेंजर कारों की बिक्री में 23 फीसद की गिरावट हुई है, वहीं एसयूवी की बिक्री में महज चार फीसद की कमी आई है।
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