टैक्सी एग्रीगेटर्स की मनमानी पर लगेगी लगाम, 6 मिनट की सर्विस पर वसूल रहे Rs 2000
स्वदेशी जागरण मंच ने उबर ओला जैसी कैब एग्रीगेटर्स की मनमानी पर अंकुश लगाने की मांग की है
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। स्वदेशी जागरण मंच ने उबर, ओला जैसी कैब एग्रीगेटर्स की मनमानी पर अंकुश लगाने की मांग की है। मंच ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से इस संबंध में शिकायत की है। गडकरी को लिखे पत्र में मंच के अखिल भारतीय सह-संयोजक डॉ. अश्वनी महाजन ने कहा कि उबर और ओला जैसी कंपनियों ने सस्ती कैब सेवा के वादे पर 2014-15 में भारत में कदम रखा था। अब सर्ज प्राइसिंग के नाम पर इन कंपनियों ने मुनाफाखोरी शुरू कर दी है। पिछले दिनों मुंबई में एक ग्राहक से छह मिनट के ड्राइव के लिए 2000 रुपये का भाड़ा वसूला गया। मंच ने मांग की है कि सर्ज प्राइसिंग के तहत 25 फीसद से अधिक किराया बढ़ाने की अनुमति नहीं होनी चाहिए।
एडवांस बुकिंग में सर्ज प्राइसिंग की अनुमति नहीं होनी चाहिए। एग्रीगेटर कंपनी या ड्राइवर की ओर से राइड कैंसिल किए जाने पर दंडस्वरूप 100 रुपये या किराए के 20 फीसद के बराबर रकम ग्राहक के खाते में ट्रांसफर होनी चाहिए। अभी एग्रीगेटर ग्राहक से तो जुर्माना वसूल लेते हैं, पर खुद नहीं भरते। लिहाजा उनके लिए बुनियादी ग्राहक सेवा के मानक बनाए जाने चाहिए ताकि जरूरत पर ग्राहक सेवा केंद्र से बात कर सकें।
पत्र की प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपभोक्ता मंत्री रामविलास पासवान व वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भी भेजी गई है। स्वदेशी जागरण मंच ने मीडिया रिपोर्टो का हवाला देते हुए कहा कि सड़क मंत्रलय एप बेस्ड एग्रीगेटर्स को सामान्य किराए से तीन गुना तक सर्ज प्राइसिंग की अनुमति देने पर विचार कर रहा है। 2016 के दिशानिर्देशों में भी इसकी अनुमति दी गई है। इसलिए मंत्रलय को मोटर एक्ट के तहत जनहित में एग्रीगेटर्स के लिए नियम अधिसूचित करने चाहिए। अन्यथा राज्य अपने हिसाब से नियम बना लेंगे।
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