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कमर्शियल व्हीकल्स की बिक्री रिकॉर्ड हाई पर, टूट सकता है FY12 का रिकॉर्ड

सियाम द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल से फरवरी 2017-18 में कमर्शियल व्हीकल्स की 747,774 यूनिट्स की बिक्री हुई है

By Ankit DubeyEdited By: Published: Mon, 19 Mar 2018 11:27 AM (IST)Updated: Tue, 20 Mar 2018 07:38 AM (IST)
कमर्शियल व्हीकल्स की बिक्री रिकॉर्ड हाई पर, टूट सकता है FY12 का रिकॉर्ड
कमर्शियल व्हीकल्स की बिक्री रिकॉर्ड हाई पर, टूट सकता है FY12 का रिकॉर्ड

नई दिल्ली (अंकित दुबे)। घरेलू बाजार में कमर्शियल व्हीकल्स की बिक्री ने वित्त वर्ष 2017-18 (FY18) में नया रिकॉर्ड स्तर छुआ है। नया रिकॉर्ड स्तर वित्त वर्ष 2011-12 में बेची गईं 809,499 यूनिट्स का आंकड़ा पार करने के आस पास है। चालू वित्त वर्ष को खत्म होने में अभी मार्च महीना बाकी है। सियाम की ओर से जारी किए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल से फरवरी 2017-18 में कमर्शियल व्हीकल्स की 747,774 यूनिट्स की बिक्री हुई है।

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मार्च महीने में 90,000 कमर्शियल वाहनों की बिक्री की उम्मीद:

फरवरी 2018 महीने के दौरान कुल कमर्शियल व्हीकल (CV) की बिक्री 87,777 यूनिट्स रही है। मार्च महीना पूरा बाकी है ऐसे में यह माना जा रहा है कि वित्त वर्ष 2017-18 में वित्त वर्ष 2011-12 का रिकॉर्ड टूट सकता है। मार्च महीने में वाहन निर्माता कंपनियों की ओर से कई तरह के आकर्षक ऑफर्स और डिस्काउंट भी दिए जा रहे हैं तो ऐसे में मार्च महीने में कमर्शियल वाहनों की बिक्री 90,000 यूनिट के पार जा सकती है।

क्या है बिक्री में बढ़ोतरी का कारण:

अर्थव्यवस्था में रिकवरी और बुनियादी ढ़ांचा परियोजनाओं में बढ़ोतरी के चलते मीडियम और हैवी कमर्शियल व्हीकल्स (MHCV) की बिक्री को बूस्ट मिला है। लगातार दो सत्रों से मानसून के बेहतर रहने और स्थायी ब्याज दरों के कारण अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों ने खरीदारी के लिए कर्ज की बड़ी राशि ली है। मीडियम एंड हैवी कमर्शियल व्हीकल सेक्टर पिछले कुछ महीनों में उतार-चढ़ाव पर रहा है, इसलिए इस सेगमेंट में इस वर्ष कम छूट की संभावना है।

सियाम ने क्या कहा?

सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के डिप्टी डायरेक्टर जनरल सुगातो सेन ने जागरण ऑटो से कहा, "जीएसटी को लागू कर दिए जाने के बाद ऑक्ट्रॉय और एंट्री टैक्स को खत्म कर दिया गया है लेकिन कई राज्यों ने ओवरलोडिंग को नियंत्रित करने के लिए कड़े उपाय पेश किए हैं, विशेषकर राजस्थान और उत्तर प्रदेश में। इसने बड़े कमर्शियल वाहनों से सामान की आवाजाही को बढ़ा दिया है। इसके अलावा, स्थानीय स्तर के वितरण के लिए देश के कई हिस्सों में 'हब एंड स्पोक' मॉडल स्थापित हो रहा है जो कि छोटे कमर्शियल वाहनों की मांग को बढ़ाता है।"


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