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भारत रत्न सम्मानित वैज्ञानिक ने बताया EV का भविष्य, कहा - लीथियम हो रहा है खत्म

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कैमिकल टेक्नोलॉजी (IICT) की प्लेटिनम जुबली लेक्चर में राव ने कहा कि अगर लीथिमय आग पकड़ लेता है तो उसे बुझाना काफी मुश्किल हो जाता है

By Ankit DubeyEdited By: Published: Wed, 07 Aug 2019 10:21 AM (IST)Updated: Thu, 08 Aug 2019 08:29 AM (IST)
भारत रत्न सम्मानित वैज्ञानिक ने बताया EV का भविष्य, कहा - लीथियम हो रहा है खत्म
भारत रत्न सम्मानित वैज्ञानिक ने बताया EV का भविष्य, कहा - लीथियम हो रहा है खत्म

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। एक तरफ जब भारत सरकार देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर काफी बढ़ावा दे रही है तो वहीं, भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित वैज्ञानिक C.N.R Rao ने सरकार की इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर बढ़ाते कदम को पर टिप्पणी कर दी। वैज्ञानिक ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर सरकार चीन की मदद न लें क्योंकि इन गाड़ियों की बैटरी में लिथियम आयन का इस्तेमाल किया जाता है। वैज्ञानिक राव ने आगे कहा कि सरकार लीथियम आयन बैटरी की जगह सोडियम या मैन्नीशियम बैटरी का इस्तेमाल करें क्योंकि लीथियम की आने वाले समय में शॉर्टेज होने वाली है, जिसके चलते आने वाले समय में चीन पर निर्भरता और ज्यादा बढ़ जाएगी।

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लीथियम के भंडार में आ रही कमी: 85 वर्षीय वैज्ञानिक सी. एन. आर. राव बेंगलुरू स्थित जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एवांस साइंटिफिक रिसर्च के मानक अध्यक्ष हैं। राव का कहना है कि असली समस्या यह है कि लीथियम के भंडार तेजी से खत्म हो रहे हैं और दुनिया में कहीं और लीथियम नहीं है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कैमिकल टेक्नोलॉजी (IICT) की प्लेटिनम जुबली लेक्चर में राव ने कहा कि अगर लीथिमय आग पकड़ लेता है तो उसे बुझाना काफी मुश्किल हो जाता है। उन्होंने आगे कहा कि ऑस्ट्रेलियाई ने एक शहर को बिजली देने के लिए एक फुटबॉल फील्ड आकार की लीथियम बैटरी बनाई है, लेकिन अगर इसमें आग लग जाए तो इसे बुझाना मुश्किल हो जाएगा। वहीं, अगर सोडियम में आग लग जाए तो इसे बुझाना संभव है।

राव ने कहा कि सोडियम बैटरी बाजार में आएंगी। सभी के पास लीथिमय कोबाल्ट बैटरी हैं, लेकिन लीथीयम के भंडा कहां हैं? लीथिमय केवल एक ही फैक्ट्री से आता है, वहीं कोबाल्ड कांगो से आता है। कांगो पर चीन ने कब्जा कर लिया है और चीन के पास अविश्वसनीय दूरदर्शिता है। आधे से ज्यादा अफ्रीका चीन के नियंत्रित में है। भारत को भी कोबाल्ड की खाने मिलनी चाहिए और साथ ही यह भी कहा कि हीलियम जल्द ही दुर्लभ हो जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने याद दिलाया कि आंध्र प्रदेश के गुंटूर में एक सूर्य ग्रहण के दौरान कैसे जुलूस जैनसेन ने इसकी खोज की थी।

भारत दे केरल के प्राकृतिक स्रोतों पर ध्यान: राव ने आगे कहा कि चीन आने वाले समय में दुर्लभ धातुओं की सप्लाई करने वाला एक मात्र देश बनने वाला है। वहीं, भारत को केरल के प्राकृतिक स्रोतों के बारे में सोचने के जरूरत है। कुछ दिन पहले ही टाटा ग्रुप की टाटा केमिकल्स ने लीथीयम आयन सेल बनाने के एलान किया है। वहीं, बोलीविया ने भी भारतीय खनन कंपनियों को अपने यहां लीथियम के खनन कार्य में भागीदारी के लिए आमंत्रित किया है। बता दें, बोलीविया में इस समय चीन और जर्मनी की एक से एक कंपनी लीथियम का उत्खनन कर रही हैं।

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