नई कार को खरीदनें वाले हो जाएं सतर्क,बदलने जा रहा है बीमा प्रीमियम के भुगतान का तरीका
जून 2019 में रेगुलेटर IRDAI ने MSPI की गाइडलाइंस का रीव्यू करने के लिए एक कमेटी का गठन किया था जिसमें पैलन ने अपनी रिपोर्ट में कई तरह के सुझाव दिए। इन सुझावों की सूची में बिजनेस को लेकर भी प्रस्ताव दिया गया।
नई दिल्ली,ऑटो डेस्क। New Car Insurance Policy: नए वाहन को खरीदनें के लिए जहां अब तक वाहन मालिक को कीमत के साथ ही इंश्योरेंस का भुगतान करना पड़ता था। वहीं अब बीमा प्रीमियम (Insurance Premium) का अलग चेक के माध्यम से भुगतान करना पड़ सकता है, क्योंकि बीमा रेगुलेटर IRDAI द्वारा दिशानिर्देशों की समीक्षा करने के लिए एक समिति की सिफारिशें स्वीकार की जा सकती हैं।
जून 2019 में रेगुलेटर IRDAI ने MSPI की गाइडलाइंस का रीव्यू करने के लिए एक कमेटी का गठन किया था जिसमें पैलन ने अपनी रिपोर्ट में कई तरह के सुझाव दिए। इन सुझावों की सूची में बिजनेस को लेकर भी प्रस्ताव दिया गया। इन मुद्दों के अलावा पैनल ने मोटर बीमा पॉलिसी का अनुरोध करते हुए ग्राहक से प्रीमियम भुगतान एकत्र करने की वर्तमान प्रथा की जांच की। जिसमें कहा गया कि वर्तमान प्रणाली के तहत बीमा प्रीमियम की लागत में पारदर्शिता की कमी है, जब ग्राहक मोटर वाहन डीलर के माध्यम से पहली बार वाहन खरीदता है और उसे एक ही चेक से भुगतान करना होता है।
इस सिस्टम की बात करें तो MISP इंश्योरेंस कंपनी को पेमेंट अपने अकाउंट से पेय करता है, जिसमें ग्राहक को यह नहीं पता होता है, कि इसके वाहन के लिए उसने क्या इंश्योरेंस प्रीमियम चुकाया है, क्योंकि वह गाड़ी की कुल कीमत में शामिल होता है। कमेटी का कहना है कि पारदर्शिता की कमी पॉलिसीधारक के हित में नहीं है, ऐसा करने से इंश्योरेंस की असली कीमत उसे पता नहीं चल पाती है। जिसके चलते वह कंपनियों को परखकर मोलभाव भी नहीं कर सकता।
इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया IRDAI ने 2017 में बीमा अधिनियम 1938 के प्रावधानों के तहत ऑटोमोटिव डीलरों द्वारा बेचे जा रहे थे वाहनों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे, जो इस प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने और वाहन बीमा की प्रथाओं को लाने के लिए कारगर थे। जानकारी के लिए बता दें, मोटर इंश्योरेंस सर्विस प्रोवाइडर बीमा कंपनी या बीमा मध्यस्थ द्वारा नियुक्त ऑटोमोबाइल डीलर को संदर्भित करता है,