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Lockdown में ड्राइवर और मजदूरों की कमी के चलते सिर्फ 5 फीसद ट्रक ही सड़कों पर चल रहे हैं: AIMTC

All India Motor Transport Congress ने बताया कि Lockdown में ड्राइवर और मजदूरों की कमी के चलते सिर्फ 5 फीसद ट्रक ही चल रहे हैं।

By Sajan ChauhanEdited By: Published: Wed, 01 Apr 2020 04:39 PM (IST)Updated: Wed, 01 Apr 2020 04:39 PM (IST)
Lockdown में ड्राइवर और मजदूरों की कमी के चलते सिर्फ 5 फीसद ट्रक ही सड़कों पर चल रहे हैं: AIMTC
Lockdown में ड्राइवर और मजदूरों की कमी के चलते सिर्फ 5 फीसद ट्रक ही सड़कों पर चल रहे हैं: AIMTC

नई दिल्ली, पीटीआइ। देश भर मे कोरोनावायरस को फैलने से रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिनों का लॉकडाउन घोषित किया है, जिसके बाद लोगों को घरों में रहने के लिए कहा गया है ऐसे में सिर्फ जरूरी वाहनों को ही सड़कों पर चलने की अनुमति है। इसके बाद लोडिंग और अनलोडिंग पॉइंट्स पर ड्राइवर और मजदूरों की कमी के चलते देश में करीब 90 लाख में से सिर्फ 5 फीसद ही सड़कों पर हैं। ट्रक की संस्था ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) के अनुसार माल को लाने से जाने में कभी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

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All India Motor Transport Congress (AIMTC) ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा लॉकडाउन के दौरान नॉन-एसेंशियल सामानों की आवाजाही की अनुमति देने के बाद भी जमीन पर चीजों में बदलाव नहीं हुआ है, क्योंकि कई ड्राइवर्स ने ट्रकों को छोड़ दिया और जो जहां के मूल निवासी हैं वहां पर रहने के लिए चले गए हैं, क्योंकि ऐसी जगहों पर उन्हें भोजन और रहने की सुविधा मिल रही है। AIMTC की कोर कमिटी के चैयरमेन और पूर्व प्रेसिडेंट बाल मलकीत सिंह ने पीटीआई को बताया कि "करीब 90 लाख कमर्शियल व्हीकल के जरिए हम देश भर में 3,500 राज्य, जिला और तालुका स्तर के निकायों से संबंधित हैं, उनमें से सिर्फ 5 फीसद ही चल रहे हैं। इसमें से अधिकतर एलपीजी और अन्य पेट्रोलियम प्रोडक्ट के लाने और ले जाने का काम कर रहे हैं और कुछ कम दूरी पर चलने वाले दूध के टैंकर हैं।"

आगे कहा कि बाजार में सब्जी और फल उपलब्ध करने का काम किसानों खुद कर रहे हैं। सिंह ने आगे कहा कि 24 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा होने से पहले ही सबकुछ बंद कर दिया गया था, क्योंकि कई राज्यों में पहले ही सीमाओं को बंद कर दिया गया था और जिसके चलते लाखों ट्रक फंसे हुए थे। उन्होंने कहा कि "जब लॉकडाउन का पता चला तो देश में ड्राइवर्स काफी घबराहट की स्थिति थे, जिसके चलते वह वाहनों को छोड़कर अपने मूल स्थानों पर चले गए। ड्राइवर की परेशानी के साथ-साथ मजदूरों की कमी भी हो रही है, जो कि बहुत बड़ी चुनौती है। फिलहाल "ट्रक मालिक घर बैठ चुके हैं, ऑफिस बंद हैं, कर्मचारी घर पर हैं, गैरेज बंद हैं और मजदूर लोडिंग और अनलोडिंग वाली जगहों पर उपलब्ध नहीं हो रहे हैं। 


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